Why Pakistan boycotted Chess Olympiad: जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पूरी दुनिया में भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार करने के बाद अब पाकिस्तान (Pakistan) ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को चेन्नई में जिस International Chess Olympiad की शुरुआत की, उसे पाकिस्तान ने अपनी गन्दी राजनीति का केन्द्र बना लिया. पाकिस्तान ने Chess Olympiad की शुरुआत से कुछ घंटे पहले ये ऐलान किया कि उसके खिलाड़ियों का दल इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेगा. आपको पता है, इसके पीछे पाकिस्तान ने वजह क्या बताई है. पाकिस्तान ने इसके पीछे जम्मू कश्मीर को मुद्दा बनाया है.


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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस Chess Olympiad के लिए जो भारत में Torch Relay निकाली गई, उसमें कश्मीर को भी शामिल किया गया था. 21 जून को ये Torch Relay कश्मीर के श्रीनगर पहुंची थी, जिस पर पाकिस्तान की तरफ से आपत्ति जताई गई है.


पाकिस्तान ने चेस ओलंपियाड का बहिष्कार किया


पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत ने श्रीनगर से Torch Relay निकाल कर खेल को राजनीति से मिलाने की कोशिश की है. इसलिए वो चेन्नई में शुरू हुए Chess Olympiad का हिस्सा नहीं बनेगा और इसका बहिष्कार करेगा.



पाकिस्तान ने ऐसा करके पूरी दुनिया का ध्यान जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर खींचने की कोशिश की है. लेकिन यहां हम पाकिस्तान को बताना चाहते हैं कि उसने कोशिश तो अच्छी लेकिन उसके Home Work में कुछ कमी रह गई. दरअसल, Chess Olympiad के लिए निकाली गई Torch Relay 21 जून को श्रीनगर पहुंची थी. यानी ये बात तब की है, जब Chess Olympiad को शुरू होने में 37 दिन बाकी थे.


उस समय पाकिस्तान (Pakistan) ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई और कुछ दिन पहले अपने खिलाड़ियों का दल भारत भी भेज दिया. लेकिन जैसे ही उसे लगा कि वो Chess Olympiad का अंतर्राष्ट्रीय मंच भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए कर सकता है तो उसने इस प्रतियोगिता से हटने का ऐलान कर दिया. 


श्रीनगर से टॉर्च रिले निकालने पर हुआ खफा


पाकिस्तान (Pakistan) को इस बात पर आपत्ति है कि भारत ने ये Torch Relay श्रीनगर से क्यों निकाली और हमें इस बात पर हैरानी है कि पाकिस्तान आखिर इस पर आपत्ति जता कैसे सकता है. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. कश्मीर भारत के ओजस्वी मुकुट की तरह है. अगर किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन भारत में हो रहा है और हम अपने देश के एक इलाके से उसकी Torch Relay निकालना चाहते हैं तो पाकिस्तान को इससे आपत्ति क्या हो सकती है. इसलिए पाकिस्तान की ये दलील ही पूरी तरह गलत है कि भारत ने श्रीनगर से Torch Relay निकाल कर किसी भी तरह के नियम का उल्लंघन किया है. इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी जवाब दिया है. 


जिस Torch Relay को लेकर इतना विवाद हो रहा है, उसे 19 जून को दिल्ली के Indira Gandhi National Stadium में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था. इस Torch Relay के दौरान श्रीनगर समेत भारत की 75 महत्वपूर्ण जगहों को कवर किया गया और 20 हज़ार किलोमीटर का ये सफर 40 दिन में पूरा हुआ. यहां बड़ी बात ये है कि Chess Olympiad में पहली बार Torch Relay की परम्परा शुरू हुई है. यानी इससे पहले जब भी Chess Olympiad का आयोजन होता था, तब Torch Relay नहीं निकाली जाती थी.


इसे लेकर कोई नियम तो स्पष्ट नहीं हैं लेकिन सैद्धांतिक तौर पर जिस देश में इन खेलों का आयोजन होता है, उस देश को ये पूरा अधिकार होता है कि वो अपने किसी भी क्षेत्र से इस Torch को लेकर जाए. लेकिन पाकिस्तान ने बिना सोचे समझे ही इसे मुद्दा बना दिया.


भारत में पहली बार हो रहा गेम का आयोजन


यहां कुछ और बातें हम आपको बताना चाहते हैं. जिनके बारे में आपको शायद पता नहीं होगा. दुनिया में पहली बार Chess Olympiad का आयोजन वर्ष 1927 में हुआ था. ये पहली बार है जब भारत Chess Olympiad की मेजबानी कर रहा है और एशिया में 30 सालों के बाद ऐसा हो रहा है.


ये अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता पहले रशिया में होनी थी. लेकिन यूक्रेन से युद्ध के बाद इसे भारत के चेन्नई में शिफ्ट कर दिया गया. यही वजह है कि पाकिस्तान को लगा कि वो इसकी आड़ में कश्मीर पर अपना Fake Propaganda चला लेगा.


यहां आपके मन में ये भी सवाल होगा कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए Chess Olympiad के मंच को ही क्यों चुना. तो इसका कारण है इस प्रतियोगिता की पहुंच. Chess Olympiad में कुल 187 देश हिस्सा ले रहे हैं. यानी पूरी दुनिया के Chess खिलाड़ी चेन्नई में जुटने वाले हैं इसलिए पाकिस्तान के पास इससे अच्छा मौका हो नहीं सकता था.


पाकिस्तान (Pakistan) जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पूरी दुनिया में दुष्प्रचार और झूठ का सहारा लेता है. लेकिन आज हम उससे कुछ कड़वे सवाल पूछना चाहते हैं. पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में निवेश करने के लिए जब चीन को आमंत्रित किया तो उसे तब अंतर्राष्ट्रीय नियम और कानून क्यों याद नहीं आए. जब पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर की सक्षम वैली चीन को तोहफे में दे दी, तब उसे ये नियम और कानून याद क्यों नहीं आए. पाकिस्तान जब अपने कब्जे वाले कश्मीर में खेल आयोजन कराता है तो उसे ये नियम और कानून याद क्यों नहीं आते? पाकिस्तान और चीन CPEC में दूसरे देशों का शामिल कर रहे हैं, तब उसे ये नियम और कानून याद क्यों नहीं आते?


भारत ने बुलाई ही नहीं थी पाकिस्तान की टीम


हकीकत ये है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर Chess Olympiad में हिस्सा लेने के लिए अपने खिलाड़ियों का दल भारत भेजा, ताकि वो इसके नाम पर जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठा पाए. यहां नोट करने वाली बात ये है कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान को इस इवेंट के लिए आमंत्रित नहीं किया था बल्कि पाकिस्तान को Chess Olympiad में शामिल होने का निमंत्रण International Chess Federation की तरफ़ से भेजा गया था. यानी इसमें भारत का कोई रोल था ही नहीं. अगर पाकिस्तान चाहता तो तब भी इस इवेंट में हिस्सा लेने से इनकार कर सकता था.


एक और बात, भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच अक्सर खेल एक बड़ा मुद्दा रहा है. भारत का हमेशा से यही ये पक्ष रहा है कि आतंकवाद और खेल दोनों एक साथ नहीं चल सकते. यही वजह है कि वर्ष 2013 के बाद से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज़ नहीं खेली गई है. इसलिए हम कह रहे हैं कि आज पाकिस्तान ने कोशिश तो अच्छी की लेकिन वो फिर से एक्सपोज़ हो गया.


हालांकि चेन्नई में गुरुवार से Chess Olympiad की शुरुआत होना भारत के लिए गौरव की बात है क्योंकि भारत में पहली बार ये International Event हो रहा है, जो 10 अगस्त तक चलेगा. इसमें भारत के अब तक के सबसे बड़े दल ने हिस्सा लिया है. इसमें भारत की तरफ से 6 टीमों के 30 खिलाड़ी इस Chess Olympiad में देश का नेतृत्व करेंगे. 


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