JNU में महिला पत्रकारों से बदसलूकी पर 'सन्नाटा' क्यों? कब होगी 'टुकड़े गैंग' पर कार्रवाई?
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JNU में महिला पत्रकारों से बदसलूकी पर 'सन्नाटा' क्यों? कब होगी 'टुकड़े गैंग' पर कार्रवाई?

JNU में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर जिस 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' ने बैन लगा रखा हो, क्या उस पर कार्रवाई होगी?

JNU में महिला पत्रकारों से बदसलूकी पर 'सन्नाटा' क्यों? कब होगी 'टुकड़े गैंग' पर कार्रवाई?

नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में ZEE NES के पत्रकारों को पूरे देश से समर्थन मिला है. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने भी बदसलूकी को गलत ठहराया है. आज हमारा सवाल देश में हर उस व्यक्ति से है, जो अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन करता है. सवाल ये है कि JNU में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर जिस 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' (Tukde-Tukde Gang) ने बैन लगा रखा हो, क्या उसपर कार्रवाई होगी? JNU में ZEE NEWS की महिला पत्रकारों से बदसलूकी को 50 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं? लेकिन वो लोग अब भी दूसरों की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर ताला लगाने के लिए आज़ाद हैं जिन्होंने महिला पत्रकारों से अभद्रता की. अपशब्द कहे. हमारा सवाल उन लोगों से भी है जो इस घटना को मौन समर्थन दे रहे हैं. 

आज हम सवाल पूछेंगे कि JNU में महिला पत्रकारों से बदसलूकी पर 'सन्नाटा' क्यों? ZEE NEWS के सच के खुलासे से 'टुकड़े गैंग' को डर लगता है? JNU में आंदोलन का नाम, अभिव्यक्ति की आज़ादी का अपमान? JNU में महिलाओं के अपमान को 'असहिष्णुता गैंग' की मंजूरी? महिला अधिकारों की समर्थक ब्रिगेड को 'बदसलूकी' नहीं दिखती?

ZEE NEWS के साथ देश, JNU से कब मिलेगा संदेश?
JNU डीन उमेश अशोक कदम का कहना है कि मीडिया सच बताने के लिए है. सच को छुपाया नहीं जा सकता. किसी भी चैनल को पकड़कर 'गो बैक' कहना जरूरी नहीं है. ZEE NEWS सच दिखा रहा है उस पर हमला गलत है. जिन छात्रों ने मीडिया से बदसलूकी की उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. कुछ तत्वों ने JNU का माहौल खराब कर रखा है. अंत में सत्य की जीत होगी, दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. JNU की प्रोफेसर वंदना मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "वह (छात्र) जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे और जिस तरह के नारे लगा रहे थे उसे रिपीट नहीं किया जा सकता है. व्यक्तिगत रूप से उन्होंने जो बातें कहीं है वह मीडिया से क्या किसी और के साथ शेयर नहीं कर पाऊंगी." 

बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह का व्यवहार वहां पर ZEE NEWS की रिपोर्टर के साथ हुआ है, वह बहुत दुखद है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है. ZEE NEWS राष्ट्र की बात करने वाला चैनल है और जो अलगाववादी हैं उनको ZEE NEWS से काफी चिढ़ हो जाती है. 

देखें वीडियो: 

विवेकानंद के 'गुनहगारों' को सज़ा कब?
16 नवंबर को स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के अपमान मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 14 नवंबर को JNU में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अपमान हुआ था. विवेकानंद की मूर्ति के नीचे अपमानजनक टिप्पणी लिखी गई थी. मूर्ति जिस कपड़े से ढंकी गई, वो फटा मिला था. 14 नवंबर को JNU प्रशासन ने वसंत कुंज थाने में शिकायत दी थी. 16 नवंबर को विवेकानंद मूर्ति कमेटी ने दूसरी शिकायत दर्ज कराई.

कब-कब विवादों में रहा JNU?
1.
14 नवंबर 2019 को स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के नीचे अपमानजनक शब्द लिखे गए.
2. 27 अप्रैल 2018 को फिल्म स्क्रीनिंग को लेकर छात्रों के दो गुट में हिंसक झड़प हुई.
3. 4 अप्रैल 2018 में यौन शोषण के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया.
4.  फरवरी 2016 में JNU में देश विरोधी नारे लगाए गए.
5. JNU में आतंकी अफ़ज़ल गुरू की फांसी के विरोध में देशविरोधी नारेबाजी की गई.
6. अक्टूबर 2011 को महिषासुर दिवस मना, मां दुर्गा के ख़िलाफ़ अपशब्द कहे गए.
7. JNU में बीफ फेस्टिवल मनाने की कोशिश की गई.
8. 2010 में दंतेवाड़ा में अर्धसैनिक बलों के जवानों की हत्या पर उत्सव मना.
9. 2013 में नक्सलियों की मदद के आरोप में JNU छात्र गिरफ्तार हुआ.
10. 2013-14 में JNU शारीरिक शोषण के मामलों में सबसे ऊपर रहा. 

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