Nagpur Violence Update: शांत रहने वाले नागपुर में कैसे भड़की हिंसा? जलाई गाड़ियां, घरों पर पथराव, मजहबी नारेबाजी; जानें अब तक क्या-क्या हुआ
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Nagpur Violence Update: शांत रहने वाले नागपुर में कैसे भड़की हिंसा? जलाई गाड़ियां, घरों पर पथराव, मजहबी नारेबाजी; जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Nagpur Violence News: शांत रहने वाला महाराष्ट्र का नागपुर शहर सोमवार रात को हिंसा की चपेट में आ गया. समुदाय विशेष के लोगों ने मजहबी नारेबाजी कर लोगों के घरों पर पथराव किया और कई गाड़ियों को जला डाला. घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

Nagpur Violence Update: शांत रहने वाले नागपुर में कैसे भड़की हिंसा? जलाई गाड़ियां, घरों पर पथराव, मजहबी नारेबाजी; जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Why violence broke out in Nagpur: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात भड़की हिंसा के बाद अब हालात काबू में हैं. सिचुएशन को कंट्रोल करने के लिए नागपुर देहात से भी एक्सट्रा फोर्स नागपुर शहर में बुलाई गई है. साथ ही केंद्रीय पुलिस बलों की भी शहर में तैनाती की गई है. नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने लोगों को आश्वासन दिया कि हिंसा नियंत्रण में है और स्थिति अब शांतिपूर्ण है. इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है. उन्होंने लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील की है. 

शांत रहने वाले नागपुर में कैसे भड़की हिंसा? 

जानकारी के मुताबिक संभाजी नगर जिले में आरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर वीएचपी के सदस्यों ने दिन में प्रदर्श किया था. इस दौरान उन्होंने औरंगजेब की तस्वीर को चप्पलों से पीटा और बाद में उसके पुतले को आग लगा दी. इस घटना के बाद नागपुर में शाम की नमाज के बाद समुदाय विशेष के करीब 3 हजार लोग सड़कों पर उतर आए. उन्होंने कुरान जलाने का आरोप लगाते हुए भड़काऊ मजहबी नारे लगाए. इसके बाद नागपुर के महल इलाके में बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी.

पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंघल के मुताबिक, हिंसा की यह घटना सोमवार रात 8-8:30 बजे के आसपास शुरू हुई. इस घटना में आम लोगों समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. साथ ही कई वाहनों को लगा दी गई. पथराव से कई घरों को नुकसान पहुंचा है. फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है. 

'20 लोगो को हिरासत में लिया गया'

उन्होंने बताया कि आज दिन में औरंगजेब की एक तस्वीर जलाई गई, जिसके बाद समुदाय विशेष के लोग मेरे ऑफिस में मुझसे मिलने आए. उन्होंने हमसे कार्रवाई का अनुरोध किया. इसके बाद हमने उन्हें बताया कि उनकी ओर से दिए नामों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई होगी. इसके बावजूद कुछ लोगों के बहकावे में आकर हिंसा शुरू कर दी गई. 

पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तलाशी अभियान चला रही है और इसमें शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. एफआईआर दर्ज कर 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है. आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है. शहर में धारा 163 लागू है. सभी को कहा गया है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें या कानून को अपने हाथ में न लें. अफवाहों पर विश्वास न करें. इस क्षेत्र को छोड़कर, पूरा शहर शांतिपूर्ण है..."

'बाहर के असामाजिक तत्वों ने फैलाई हिंसा'

वहीं नागपुर में हिंसा की घटना को महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है. उन्होंने दावा किया है कि इसके लिए ज़िम्मेदार लोग स्थानीय नहीं बल्कि बाहरी हैं. जो सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाने जाने वाले शहर में अशांति फैलाने आए थे. 

खान ने कहा, 'यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. नागपुर में ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए थी. यह शहर अपने संतों के लिए जाना जाता है. राम नवमी के दौरान, यहाँ मुसलमान हिंदुओं के स्वागत के लिए टेंट लगाते हैं. यहाँ एक दरगाह है जहाँ सभी धर्मों के लोग - हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई - प्रार्थना करने आते हैं.'

उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा शहर के बाहर से आए असामाजिक तत्वों द्वारा की गई. उन्होंने दावा किया, 'इस हिंसा में शामिल लोग नागपुर के नहीं हैं. कुछ असामाजिक तत्व बाहर से आए और अशांति फैलाई.' शांति की अपील करते हुए खान ने जोर देकर कहा कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता. 

'सांप्रदायिक सौहार्द वाले शहर में क्यों भड़की हिंसा?'

इस बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने नागपुर के महल इलाके में भड़की हिंसा के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफलता का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि 300 साल के सांप्रदायिक सौहार्द के इतिहास वाले शहर में ऐसी अशांति कैसे हो सकती है. उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों पर अपने फायदे के लिए जानबूझकर तनाव भड़काने का आरोप लगाया.

खेड़ा ने कहा, 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के गृहनगर महल में दंगा भड़क गया. नागपुर का इतिहास 300 साल पुराना है और यहां पहले कभी कोई दंगा नहीं हुआ. हमें पूछना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई.' उन्होंने कहा कि भाजपा केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्ता में है. उन्होंने सवाल किया, 'अगर विहिप और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, तो क्या सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए?'

(एजेंसी एएनआई)

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