हादिया के पिता ने कहा - SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार करुंगा
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हादिया के पिता ने कहा - SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार करुंगा

हादिया के पिता के एम अशोकन अपने उस कथन पर कायम हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि शफीन जहान से उनकी बेटी का विवाह एक समूह द्वारा कराया गया‘ समझौता’ है.

 SC ने कथित लव जिहाद की शिकार हादिया को गुरुवार को बड़ी राहत देते हुए शफीन जहां से उसकी शादी अमान्य घोषित करने का केरल HC का फैसला निरस्त कर दिया है. (फाइल फोटो)

कोच्चि:  केरल के कथित लव जिहाद की पीड़िता हादिया के पिता के एम अशोकन ने गुरुवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे जिसमें उनकी बेटी के विवाह को बहाल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हादिया की एक मुसलमान व्यक्ति से शादी को अमान्य ठहराने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया है. 

  1. मैं एक बार फिर अदालत को यह समझाने का प्रयास करुंगा : हादिया के पिता
  2. यह एक तरह का समझौता विवाह है. इसमें कोई शक नहीं है  : हादिया के पिता
  3. अशोकन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर केरल HC ने हादिया की शादी को रद्द कर दिया था

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोकन ने कहा, “ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार करुंगा.” वह अपने उस कथन पर कायम हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि शफीन जहान से उनकी बेटी का विवाह एक समूह द्वारा कराया गया‘ समझौता’ है. अशोकन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने शादी को रद्द कर दिया था.

उन्होंने कहा, “ यह एक तरह का समझौता विवाह है. इसमें कोई शक नहीं है. मैं एक बार फिर अदालत को यह समझाने का प्रयास करुंगा.” हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस कथन पर संतुष्टि जताई जिसमें इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी( एनआईए) को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी गई है.

हादिया का विवाह अमान्य करने का HC का फैसला निरस्त
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद की शिकार केरल निवासी हादिया को गुरुवार को बड़ी राहत देते हुए शफीन जहां से उसकी शादी अमान्य घोषित करने का केरल उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी(एनआईए) अपनी जांच जारी रख सकती है. शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को हादिया के धर्म परिवर्तन के मामले की जांच का निर्देश दिया था क्योंकि एजेन्सी ने दावा किया था कि केरल में इस तरह का एक‘ तरीका’ सामने आ रहा है. 

हादिया के पति ने था सुप्रीम कोर्ट का रुख
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब हादिया के पति शफीन जहां ने उसकी शादी अमान्य करार देने और उसकी पत्नी को माता पिता के घर भेजने के उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 27 नवंबर को हादिया को उसके माता पिता की निगरानी से मुक्त करते हुए उसे कालेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भेज दिया था. हालांकि, हादिया ने कहा था कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है. उच्च न्यायालय ने पिछले साल मई में हादिया और शफीन के विवाह को लव जिहाद का एक नमूना बताते हुये इसे अमान्य घोषित कर दिया था.

(इनपुट - भाषा)

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