Covid-19: भारत के कोरोना मैनेजमेंट का मुरीद हुआ वर्ल्ड बैंक, तारीफ में कही ये बड़ी बातें
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Covid-19: भारत के कोरोना मैनेजमेंट का मुरीद हुआ वर्ल्ड बैंक, तारीफ में कही ये बड़ी बातें

World Bank की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की निर्माण क्षमता कम थी. देश के हर राज्य में कोरोना फैला. दुनिया में कोरोना से लड़ने के हर सामान की किल्लत की वजह से दामों में भारी उछाल आया था.

Covid-19: भारत के कोरोना मैनेजमेंट का मुरीद हुआ वर्ल्ड बैंक, तारीफ में कही ये बड़ी बातें

World Bank Report on Covid Management: वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में  भारत के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की है. जुलाई के आखिरी हफ्ते में ये रिपोर्ट जारी हुई. बता दें कि कोविड की एमरजेंसी तैयारियों के लिए भारत को वर्ल्ड बैंक से 11 हज़ार 983 करोड़ रुपये का लोन मिला था. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की निर्माण क्षमता कम थी. देश के हर राज्य में कोरोना फैला. दुनिया में कोरोना से लड़ने के हर सामान की किल्लत की वजह से दामों में भारी उछाल आया था.

 वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारत ने क्या सही कदम उठाए..

-  पीपीई के सामान और बाकी चीजों की जरूरत का सही एनालिसिस सरकार की ओर से  किया गया. 
- कई मंत्रालयों ने मिलकर ग्रुप बनाए और काम किया. 
- प्राइवेट लैब आगे आईं और 50% टेस्टिंग का जिम्मा संभाला.    

कैसे रोके घपले?  

सिंगापुर की एक कंपनी ने चीन के सब स्टैंडर्ड मास्क बेचने की कोशिश की. कंपनी ने तृतीय पक्ष निरीक्षण को बाइपास करने की कोशिश की, लेकिन ये घपला HLL ने पकड़ा. HLL सरकार की ओर से सेंट्रल एजेंसी थी, जो कोरोना में  Procurement का काम कर रही थी.

सरकार ने ये पैसा भी वापस हासिल करने का प्प्रयास किया. तकरीबन 10 मिलियन डॉलर यानी 1 करोड़ रुपए सिंगापुर की EOI सिंगापुर में अलग से जमा है, जिसका केस चल रहा है.  जबकि इसी दौरान अमेरिका को थाइलैंड की एक कंपनी ने 200 मिलियन घटिया क्वालिटी के ग्लव्स सप्लाई किए थे जिसका कोई समाधान नहीं निकल पाया था।.  

भारत ने जल्द से जल्द आत्मनिर्भरता की ओर रुख किया. टेस्टिंग से लेकर पीपीई किट तक हर सामान भारत में बनने लगा जिसका बहुत फायदा हुआ. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में इस बात की भी तारीफ की गई है कि सभी राज्यों में कोरोना के सही फैलाव का आंकलन कर लिया गया और वो सही साबित हुआ. उसी हिसाब से सभी को जरूरी सामान मुहैया कराया जा सका. 

इस बीच सरकार ने प्रिकॉशन डोज का डाटा भी जारी किया, जिसके मुताबिक लोगों में बूस्टर डोज को लेकर जागरूकता की कमी है. लोगों को आगे आना चाहिए. हालांकि आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकारी अस्पतालों में प्रिकाशन डोज फ्री करने से तेजी आई लेकिन अभी भी कम है. कुल 15 करोड़ प्रिकॉशन डोज में से 10 करोड़ प्रिकॉशन डोज फ्री होने के बाद लगी है. 

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