यमुना जल विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा, केंद्र से बैठक बुलाने को कहा
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यमुना जल विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा, केंद्र से बैठक बुलाने को कहा

शीर्ष अदालत में दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने उनकी पहले हो चुकी बैठक के कार्य - विवरण से संबंधित विषय उठाए थे. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों और जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को यमुना नदी के पानी की आपूर्ति राष्ट्रीय राजधानी में करने से संबंधित मुद्दों को सुलझाने और बातचीत के लिए तत्काल बैठक बुलाने को कहा. शीर्ष अदालत में दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने उनकी पहले हो चुकी बैठक के कार्य - विवरण से संबंधित विषय उठाए थे. 

क्या हुआ कोर्ट में?

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ से कहा कि पिछली बैठक में उनमें कुछ पहलुओं पर सहमति नहीं बनी थी , वहीं हरियाणा के मुख्य सचिव ने कहा कि पिछली बैठक का कार्य - विवरण सही ढंग से रिकार्ड किया गया था. पीठ ने कहा , ‘‘ अब हम क्या करें ? क्या हमें यह देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे कि उन्होंने बैठक में क्या कहा ? वे सभी वरिष्ठ अधिकारी हैं. ’’ 

हालांकि अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी ने केंद्र की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली और हरियाणा दोनों को इसे सुलझाना चाहिए और इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए उन्हें नये सिरे से बैठक बुलानी चाहिए. 

दिल्ली के मुख्य सचिव ने पीठ को बताया कि पिछली बैठक में दिल्ली सरकार द्वारा इस संबंध में हरियाणा के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के पहलू पर उनमें सहमति नहीं बनी थी लेकिन बैठक के कार्यवृत्त में यह दर्ज किया गया कि इस मुद्दे पर रजामंदी हो गई है. पीठ ने कहा , ‘‘ आप हमें समाधान बताएं. यह इस तरह नहीं चल सकता.’’ 

हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस धेसी ने कहा कि उन्होंने दो अप्रैल से ही दिल्ली के लिए पानी छोड़ना शुरू कर दिया है. हरियाणा के वकील ने कहा कि सहमति के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली हरियाणा के पानी में से भी हिस्सेदारी चाहता है. उन्होंने दावा किया , ‘‘ न्यायिक आदेश की आड़ में दिल्ली चाहता है कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी भी दे. ’’ 

(इनपुट - भाषा)

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