अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग को जिंदगी का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की विरासत है और यह अब जन सामान्य का आंदोलन बन चुका है। मोदी के साथ 30 हजार लोगों ने भी चंडीगढ़ में योग किया।
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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग को जिंदगी का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की विरासत है और यह अब जन सामान्य का आंदोलन बन चुका है। मोदी के साथ 30 हजार लोगों ने चंडीगढ़ में योग किया। योग करने के दौरान 150 दिव्यांग भी मौजूद थे।
PM participates in mass yoga demonstration at Capitol Complex, Chandigarh, on the occasion of 2nd #IYD2016 #YogaDay pic.twitter.com/EMIabh6Pin
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स पहुंचे लोगों को योग से पहले संबोधित करते हुए कहा कि योग मुक्ति का मार्ग और जीवन अनुशासन का अनुष्ठान है। मोदी ने कहा कि योग को अमीर-गरीब का भेद नहीं है। विद्वान और अनपढ़ का भेद नहीं है, योग कोई भी कर सकता है। योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा है कि योग आस्तिक व नास्तिक दोनों के लिए है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि योग से मन को शांति मिलती है। आज पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जा रहा है। देश के हर कोने में योग का कार्यक्रम हो रहा है। योग को समाज के हर तबके का समर्थन मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि योग मुक्ति का मार्ग तो है ही साथ में योग जीवन अनुसासन का अनुष्ठान भी है।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि दुनिया में योग ट्रेनर की मांग बढ़ रही है, योग विश्व में आर्थिक कारोबार की तरह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की विरासत और योग जीरो बजट से हेल्थ इंश्योरेंस देता है। देश में डायबिटीज की संख्या बढ़ रही है, योग से डायबिटीज पर कंट्रोल संभव है।
उन्होंने लोगों से योग को जिंदगी का हिस्सा बनाने की अपील की। मोदी ने कहा कि जैसे अब मोबाइल फोन जिंदगी का एक अंग बन गए हैं, वैसे ही योग को भी अपनी जिंदगी का अंग बनाइए। मोदी ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक जन आंदोलन बन गया है, जैसा दुनिया में कोई और नहीं है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘योग क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को, अपनी जानकारी के साथ अपनी बाकी की योग गतिविधियां जारी रखनी चाहिए लेकिन मुख्य फोकस यही (मधुमेह) होना चाहिए।’ मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए मोदी ने योग प्रशिक्षकों से इस बीमारी पर नियंत्रण करने में मदद करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ‘भारत में, मधुमेह से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हम इस बीमारी से छुटकारा पा भी सकते हैं और नहीं भी लेकिन योग की मदद से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। क्या हम मधुमेह से पीड़ित आम आदमी को योग में वर्णित उपाय बताने का सार्वजनिक अभियान शुरू कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘यदि हम मधुमेह के उपचार में मदद कर सकें तो यह एक उपलब्धि होगी। अगले साल से, हम किसी अन्य बीमारी को ले सकते हैं। लेकिन मैं चाहता हूं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें हर साल किसी भी एक बीमारी को उठाना चाहिए। किसी एक बीमारी से निपटने के उद्देश्य के साथ हमें एक सार्वजनिक अभियान चलाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि योग सिर्फ बीमारी से छुटकारा पाने का तरीका नहीं है, यह तंदुरूस्ती भी सुनिश्चित करता है। जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए योग एक बढ़िया माध्यम है।
मोदी ने कहा, ‘आज हम दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं..भारत ने दुनिया को अमूल्य विरासत दी है। दुनिया ने इसे अपने तरीके से स्वीकार किया है। आज भारत सरकार की ओर से मैं दो पुरस्कारों की घोषणा कर रहा हूं। अगले साल जब 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा, तब भारत से दो पुरस्कारों के लिए चयन होगा।’ मोदी ने कहा, ‘एक पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। यह उन लोगों के लिए होगा, जिन्होंने योग के क्षेत्र में शानदार काम किया है। दूसरा पुरस्कार उन लोगों के लिए होगा, जो इस क्षेत्र में देश के भीतर काम कर रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार है और दूसरा राष्ट्रीय योग पुरस्कार है।’ योग करने के बाद प्रधानमंत्री ने समारोह में आए लोगों से बातचीत की। इनमें से कुछ लोगों ने तो उनके साथ सेल्फी भी ली। उन्होंने इस समारोह में शामिल होने वाले विक्लांग लोगों से भी मुलाकात की।
योग समारोह में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में रक्षा बलों के कर्मी, आईटीबीपी के जवान, पंजाब सशस्त्र पुलिस के जवान, पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र और स्कूली छात्र शामिल थे। इस बड़े आयोजन में योग आसन करने के लिए प्रतिभागी नीले और सफेद रंग की टीशर्ट और काले रंग के ट्राउजर पहनकर सुबह जल्दी ही आयोजन स्थल पर पहुंच गए थे। इस प्रमुख आयोजन में इस साल मुख्य जोर ‘दिव्यांगों’ (विकलांग लोगों) की भागीदारी पर था। प्रधानमंत्री मोदी ने विकलांगता का सामना कर रहे लोगों के लिए यह शब्द शुरू किया है। केपिटल कॉम्पलेक्स में लगभग 150 दिव्यांगों को योग आसन करने में मदद की गई। अधिकारियों ने कहा कि सहज प्रदर्शन के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे।
केपिटोल कॉम्पलेक्स को आठ ब्लॉकों में बांटा गया था, जहां 500 कुशल प्रशिक्षकों ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ आसन किए। आयोजन स्थलों पर एलईडी की कई स्क्रीनें लगाई गई थीं। आयोजन स्थल पर 300 जैव शौचालय और 30 हजार चटाइयों की व्यवस्था थी। आयोजन स्थल की निगरानी के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस अवसर पर 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और अर्धसैन्य बलों के जवानों को तैनात किया गया था। निजी वाहनों को आयोजन स्थल तक जाने से रोका गया था। पंजाब और हरियाणा के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक कप्तान सिंह सोलंकी, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस समारोह में मौजूद थे।
गौर हो कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पिछले साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। मोदी ने जोर देकर कहा कि योग कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है। यह मन को काबू करता है और एक स्वस्थ शरीर को बरकरार रखता है। उन्होंने कहा कि योग ने लोगों की एक अनुशासित जिंदगी जीने में मदद की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में शिरकत की। मोदी ने कड़ी सुरक्षा के बीच आज यहां दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 30,000 लोगों के साथ समारोह में शिरकत की। वहीं मोदी सरकार के 57 मंत्रियों ने अलग-अलग शहरों में योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)