विरोध-प्रदर्शन के दौरान योगेंद्र यादव समर्थकों के साथ गिरफ्तार, बाद में रिहा
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विरोध-प्रदर्शन के दौरान योगेंद्र यादव समर्थकों के साथ गिरफ्तार, बाद में रिहा

द‌िल्‍ली के जंतर-मंतर पर किसानों की मांग को लेकर धरने पर बैठे स्वराज अभियान के संस्‍थापक सदस्‍य योगेंद्र यादव और अन्य लोगों को दिल्‍ली पुलिस ने देर रात हिरासत में ले लिया। जानकारी के अनुसार, भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे स्वराज अभियान के कई सदस्य और योगेंद्र यादव को सारी रात पुलिस हिरासत में गुजारनी पड़ी।

विरोध-प्रदर्शन के दौरान योगेंद्र यादव समर्थकों के साथ गिरफ्तार, बाद में रिहा

नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर किसानों के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे आप के पूर्व नेता योगेन्द्र यादव और उनके स्वराज अभियान के 85 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ घंटे बाद उन्हें छोड दिया गया। यादव ने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया है।

यहां रेस कोर्स पर एक किसान स्मारक की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आधी रात को की गई पुलिस की कार्रवाई की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निंदा की। केजरीवाल का चार महीने पहले यादव का कटु विवाद हो गया था जिसके बाद उनको आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया था।

पुलिस ने कहा कि यादव और आप विधायक पंकज पुष्कर को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया क्योंकि वे बिना अनुमति के उच्च सुरक्षा वाले दिल्ली के रेस कोर्स इलाके में रैली करने जा रहे थे। उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 (शांति भंग होने या व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका के तहत कार्रवाई) और धारा 151 (संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए की गयी कार्रवाई) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘योगेन्द्र यादव और 85 अन्य लोगों को देर रात लगभग डेढ बजे हिरासत में ले लिया गया। उन्हें दो दिन तक प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी थी।’ उन्होंने बताया, ‘उनकी दिल्ली रेस कोर्स की ओर रैली निकालने की योजना थी। कल शाम उन्होंने 16 अगस्त तक अनुमति बढ़ाने की मांग की थी। समय सीमा समाप्त हो गई थी लिहाजा हमने उन्हें जगह खाली करने को कहा।’

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के उन आरोपों का खंडन किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इस कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों ने यादव और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई की और संसद मार्ग थाने के थाना प्रभारी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। बाद में यादव एवं अन्य कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग थाने में एक विशेष मजिस्ट्रेट के सम्मुख पेश किया गया।

स्वराज अभियान के नेता अजीत झा ने बताया कि यादव एवं अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों को विशेष मजिस्ट्रेट ने बिना शर्त रिहा करने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि यादव ने अपनी रिहाई को देश के किसानों के लिए एक ‘छोटी विजय’ बताया। उनके विरूद्ध लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है।

यादव ने प्रश्न किया, ‘हम अपने मार्च को लेकर रेस कोर्स रोड की ओर आगे नहीं बढ़े। हमारी योजना एक हल के साथ 15 अगस्त तक जंतर-मंतर पर एक सांकेतिक प्रदर्शन करने की थी। तो क्या अब एक हल के साथ खड़े होना भी अपराध हो गया?’ उन्होंने कहा कि उनके और आप विधायक पंकज पुष्कर के साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ स्वराज अभियान प्राथमिकी दर्ज कराने पर विचार कर रहा है।

यादव ने कहा, ‘थाना प्रभारी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी..उसने उनसे कहा कि यहां केवल उसी की रिट चलती है।’इन आरोपों पर दिल्ली पुलिस के प्रमुख बी. एस. बस्सी ने कहा कि पुलिस हमेशा कानून के दायरे में रहकर ही काम करती है।

 

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