Yogi Adityanath UP Plan: संभल में विवादित ढांचे के सर्वे, मंदिरों-कुओं की खुदाई और लुटेरे सालार मसूद गाजी के नाम पर लगने वाले रोक के बाद अब सीएम योगी क्या करने वाले हैं. मुख्यमंत्री ने इस बारे में बड़ा संकेत कर दिया है.
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Yogi Adityanath Latest Podcast Interview: यूपी के सीएम योगी के मन में आखिर चल क्या रहा है. यह उन्होंने एक बार फिर क्लियर कर दिया है. एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि संभल में सनातन की निशानियों को खोजने के बाद उनका अगला प्लान क्या है. ज्ञानवापी के बाद मथुरा, बदायूं से लेकर जौनपुर तक मस्जिद और मंदिर को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है. लेकिन संभल में सर्वे के बाद अब योगी ने ऐलान कर दिया कि ढूढेंगे, खोदेंगे और तोड़ेंगे. कानूनी तरीके से सनातन सच निकालकर रहेंगे.
सीएम योगी ने पॉडकास्ट में कहा, संभल एक सच्चाई है. अब तक 54 हिंदू स्थल ढूंढे गए हैं. 6 महीनों में ही संभल से सनातन की कई निशानियां निकाली जा चुकी हैंबाकी जितने भी बचे हैं, सब ढूंढेंगे और निकालेंगे. इस बयान के साथ ही योगी ने संभल में सनातन की पूरी सच्चाई को उजागर करने का ट्रेलर दिखा दिया है.
संभल में क्या-क्या मिला?
योगी के इस ऐलान से यूपी ही नहीं पूरे देश के सनातनियों को नई उम्मीद जगी है. संभल में ही एक-दो नहीं बल्कि सनातन की पूरी 54 निशानियों को खोदकर निकाला गया है. जिनमें एक 400 साल पुराना शिव मंदिर है. जो 46 साल से बंद पड़ा था.- इस कार्तिकेय मंदिर में भगवान हनुमान, शिवलिंग, नंदी और कार्तिकेय की मूर्तियां थीं.
19 में से 17 प्राचीन कूप यानि कुएं मिले, जिन पर कब्जा करके उन्हें ढक दिया गया था. चंदौसी में सदियों पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी मिली. अमरपति खेड़ा इलाके में 300 से 400 प्राचीन सिक्के मिले, जिन पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की आकृति बनी है. इसीलिए तो सनातन की खोज का योगी फोर्स का ये अभियान रुका नहीं तेजी से चल रहा है. योगी का खुला चैलेंज है, रोक सको तो रोक लो.
संभल के बाद आगे क्या करने वाले हैं योगी?
संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा हिंदू पक्ष कर रहा है और उसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है. यहां बात सिर्फ संभल की नहीं है बल्कि उत्तरप्रदेश में ही कई ऐसी मस्जिदें हैं, जिन्हें हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाए जाने का आरोप है. इनमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर बनी शाही ईदगाह है. लिस्ट में आगरा की जामा मस्जिद का भी नाम है. जौनपुर की अटाला मस्जिद में मंदिर का दावा है.
बदायूं की शम्सी जामा मस्जिद को लेकर भी ऐसा ही दावा किया जाता है. इनके अलावा भी कई ऐसे नाम हैं, जिनको लेकर सनातनियों ने कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है. सीएम योगी का मैसेज क्लीयर है. खोदेंगे और ढूंढ़ेंगे. मुख्यमंत्री का कहना है, जितने भी होंगे सबको ढूंढेंगे, सब निकालेंगे और दुनिया को बोलेंगे कि भगवान ने जिसको आंखें दी हैं, आकर देखे कि क्या हुआ था संभल में.
शम्सी जामा मस्जिद या शिव मंदिर?
योगी की बात कुछ मुसलमानों को रास नहीं आ रही है क्योंकि वो इतिहास के पन्नों में दर्ज सच्चाई को सामने ला रहे हैं. तो भाईजान इसे गड़े मुर्दे उखाड़ना बता रहे हैं. संभल के सच से ऐतराज करने वाले भाईजान को अब आगे की भी टेंशन सता रही है क्योंकि बदायूं की शम्सी जामा मस्जिद पर कोर्ट में कानूनी लड़ाई चल रही है. इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को सुनवाई होने वाली है.
हिंदू पक्ष का दावा है कि ये मस्जिद नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. जबकि मुस्लिम पक्ष इसे 850 साल पुरानी मस्जिद बता रहा है और पूजा करने की परमिशन मांगने का विरोध कर रहा है. अब तो योगी ने कह दिया है..कानून के मुताबिक सारा सच खोदकर निकालेंगे.
संभल में भी ऐसे ही शाही जामा मस्जिद के सर्वे पर भाईजान भड़के थे. योगी ने मस्जिद में मंदिर का सच जानने वालों का विरोध करने पर भाईजान को आईना दिखाया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस्लाम में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना गलता है.
मथुरा की ईदगाह पर क्यों है विवाद?
योगी सरकार पर मथुरा में भी यही करने के आरोप लगते हैं. कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास बनी शाही ईदगाह को भी मंदिर का हिस्सा बताकर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा का कहना है कि यह ईदगाह मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, जिसे हिंदू समाज को वापस किया जाना चाहिए. इस मांग पर योगी ने कानून के दायरे में रहकर ही खुदाई के संकेत दिए हैं.
सनातन की निशानियों को सबके सामने लाने के लिए बहुत कुछ होना बाकी है. औरंगजेब जैसे मुगल अत्याचारियों ने कई हिंदू मंदिरों को तोड़ा है. उसी औरंगजेब की करतूतों को योगी उजागर करते हैं तो भोपाल के कुछ मुस्लिमों को भी औरंगजेब में ऋषि और योगी में हिटलर नजर आता है.
कुछ भाईजान को क्या इसलिए योगी से दिक्कत हो रही है क्योंकि उनके शासन में ही सनातन की निशानियों को ढूंढा जा रहा है. ऐसे लोगों को योगी ने अपनी जड़े याद दिलाई हैं. सीएम योगी ने कहा, 'जिस दिन भारतीय मुसलमान अपने पूर्वजों को समझ जाएगा, इन सबके बोरिए-बिस्तर बंध जाएंगे.'
सच कब तक 'दबा' रहेगा?
कहा जाता है कि भारत के ज्यादातर मुसलमानों के पूर्वज कभी हिंदू ही थे. लेकिन आक्रमणकारियों ने तलवार की धार पर उन्हें धर्मपरिवर्तन को मजबूर कर दिया और हिंदुओं के मंदिर तोड़ दिए. यही बात योगी याद दिला रहे हैं. इसीलिए जौनपुर की अटाला मस्जिद को अटाला देवी का मंदिर बताकर सर्वे की मांग हो रही है. आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में श्रीकृष्ण की मूर्तियां दबी होने का दावा किया गया है.
मथुरा आगरा हो या जौनपुर. बदायूं और संभल. जहां भी मस्जिदों में सनातन के निशान मौजूद है. सीएम योगी कानून के दायरे में रहकर सबका सच उजागर करेंगे और कोर्ट के आदेश से ही सर्वे करवाएंगे. इसके बाद डंके की चोट पर कहकर सच को खोद लाएंगे. यह उन्होंने सबके सामने क्लियर कर दिया है. अब भी किसी को शक हो तो क्या ही कहा जाए.