Salar Masood Ghazi Dargah Prayagraj: सदियों बाद भारत में पुनर्जागरण की लहर शुरू हुई है, जो दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही है. अब देश विदेशी लुटेरे आक्रांताओं का महिमामंडन सहन करने को तैयार नहीं है. खासकर यूपी में ऐसा करना गुनाहे-अजीम है.
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Who was Salar Masood Ghazi: यूपी में आक्रांता और क्रूर गाजी की एक और पहचान पर योगी फोर्स ने स्ट्राइक कर दी है . इस बार प्रयागराज में गाजी की दरगाह पर ताला लगा दिया है. शहर में लुटेरे गाजी की याद में समुदाय विशेष की ओर से लगाए जाने वाले मेले को भी अनुमति नहीं दी गई. ये यूपी का चौथा शहर है, जहां गाजी के खिलाफ मोर्चा खोला गया है. यूपी के सीएम योगी साफ कर चुके हैं कि स्वतंत्र भारत में ऐसे किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
प्रयागराज में गाजी की दरगाह पर लगा ताला
योगी के इसी क्लियर कट मैसेज के बाद यूपी से आक्रांता गाजी की निशानियां मिटाई जा रही हैं. सैयद सलार मसूद गाजी से जुड़ी पहचान को दफ्न किया जा रहा है. इस बार प्रयागराज में योगी फोर्स ने गाजी की दरगाह पर तालाबंदी की है और क्लियर कर दिया है कि संगम नगरी में भी गाजी की दरगाह पर कोई मेला नहीं लगेगा.
रविवार को पसरा रहा सन्नाटा
प्रयागराज के सिकंदरा में भारत को लूटने वाले और लाखों हिंदुओं के हत्यारे सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भव्य मेला लगता था. रविवार को हजारों लोग दरगाह पर मत्था टेकने आते थे, जिनमें बड़ी संख्या में हिंदू भी शामिल थे. हालांकि अब जागरूकता आने की वजह से उनकी संख्या में तेजी से कमी आ रही है. इस बार रविवार को दरगाह पर सन्नाटा पसरा रहा क्योंकि अब गाजी की दरगाह को ताले में कैद कर दिया गया है.
संभल से शुरू हुई चिंगारी फैल रही
यूपी में आक्रांता गाजी तब योगी फोर्स के निशाने पर आया. जब संभल में गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले को लेकर समुदाय विशेष के के लोगों ने परमिशन मांगी तो योगी फोर्स ने संभल में नेजा मेला लगाने की इजाजत नहीं दी. उल्टा हिंदू संगठनों ने शहर-शहर गाजी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. गाजी से जुड़ी पहचान को खत्म करने की मांग शुरू हो गई.
एक कुख्यात और बर्बर लुटेरा था सालार मसूद
संभल में गाजी सालार मसूद की याद में इस बार नेजा मेला नहीं लगा. बहराइच में भी गाजी की याद में लगने वाले जेठ मेले का विरोध हो रहा है. वहीं मुरादाबाद में भी लोग गाजी के नाम पर नेजा मेले का विरोध कर रहे हैं. गाजी सालार मसूद विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी का भांजा होने के साथ उसका सेनापति भी था. वह एक कुख्यात और बर्बर लुटेरा था.
मसूद गाजी क्रूरता में औरंगजेब से कहीं भी कम नहीं था. उसने ना सिर्फ हिंदुओं का कत्ल किया था बल्कि हिंदू मंदिर और दूसरी निशानियों को भी तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया था. यही वजह है कि इस क्रूर आक्रांता के खिलाफ़ शहर-शहर गदर मचा है.
(प्रयागराज से मोहम्मद गुफरान की रिपोर्ट)