भारत की आज़ादी से पहले मार्च 1944 में ही डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने भारत में Nuclear Research Programmes की शुरूआत कर दी थी.
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डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने देश के परमाणु कार्यक्रम की मजबूत नींव रखी थी . और उसी की वजह से भारत, आज दुनिया की प्रमुख परमाणु शक्तियों में से एक है. लेकिन 24 जनवरी 1966 को फ्रांस में हुए विमान हादसे में देश ने अपने सच्चे सपूत को खो दिया .
यहां आपको डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा की वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए...ताकि आपको पता चल सके...कि डॉक्टर भाभा कितनी बड़ी शख्सियत थे. भारत की आज़ादी से पहले मार्च 1944 में ही उन्होंने, भारत में Nuclear Research Programmes की शुरूआत कर दी थी...
वर्ष 1945 में Tata Institute of Fundamental Research के गठन के साथ ही, भारत में Nuclear Research की शुरूआत हो गई थी...और डॉ भाभा इस Institute के पहले Director थे...डॉ होमी जहांगीर भाभा को, भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम का जनक माना जाता है...
वो देश के दो बड़े शोध संस्थानों .... Tata Institute of Fundamental Research (TIFR) और Trombay Atomic Energy Establishment के founder थे....
वर्ष 1966 में उनकी विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद Trombay में स्थित atomic centre का नाम, उनके नाम पर Bhabha Atomic Research Centre रखा गया था .
कुछ Experts मानते हैं कि ये विमान हादसा एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश था . Crash वाली जगह पर डेढ़ साल तक रिसर्च करने वाले French नागरिक डैनियल रोशे (Daniel Roche) के मुताबिक विमान पर कोई सैन्य मिसाइल दागी गई थी .
उस वक्त दुनिया के कई देश भारत के परमाणु कार्यक्रम को रोकना चाहते थे .इसलिए कई लोग मानते हैं कि ये हादसा नहीं था..बल्कि डॉक्टर भाभा को मारने की साजिश थी .