हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा...जिसे होटल, एयरपोर्ट और Malls में किसी चीज़ की ख़रीदारी पर मनमाने पैसे नहीं देने पड़े होंगे. लेकिन अब इस व्यवस्था को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है.
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देश के दुश्मनों के बाद अब हम आपकी जेब के दुश्मनों का DNA टेस्ट करेंगे इस खबर के केंद्र में 'आप' यानी ज़ी न्यूज़ के दर्शक हैं.
हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा...जिसे होटल, एयरपोर्ट और Malls में किसी चीज़ की ख़रीदारी पर मनमाने पैसे नहीं देने पड़े होंगे. चाहे वो रेलवे प्लेटफॉर्म पर Chips के महंगे पैकेट हों, एयरपोर्ट पर पानी की महंगी बोतल हो, या फिर Service चार्ज के नाम पर महंगे रेस्टोरेंट में भारी भरकम बिल हों. लेकिन अब इस व्यवस्था को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है क्योंकि अब ये मनमानी रोकने के लिये उपभोक्ता संरक्षण क़ानून बन चुका है.
अब आप ख़रीदने से पहले भी किसी उत्पाद की शिकायत कर पाएंगे.
आपकी शिकायत 21 दिन में दर्ज हो जाएगी और फ़ैसला भी 90 दिनों में आ जाएगा.
लोग अब अपने शहर में शिकायत कर पाएंगे...इससे पहले उन्हें कंपनी के बताये गये शहर में केस करना पड़ता था. अब आसानी ये भी है कि मामलों की सुनवाई वीडियो Conferencing से भी हो पाएगी.
अब उपभोक्ता फ़ोरम को उपभोक्ता आयोग बना दिया जाएगा...जो बिना किसी शिकायत के भी ऐसे मामलों की जांच कर सकेंगे.
इसके लिये Central Consumer Protection Authority बनाई जाएगी.
इस Authority का अपना Investigation Wing होगा.
उदाहरण के तौर पर अगर आप कार या मोटरसाइकिल ख़रीदते हैं...और उसके इंजन में ख़राबी निकलती है...तो इसके लिये ये Authority एक शिकायत पर, उस श्रेणी के बेचे गये सभी वाहनों की जांच करेगी. इसे Class Action कहा जा रहा है. ऐसी व्यवस्था अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कई देशों में पहले से है.
अगर आपको बेचा गया उत्पाद ख़राब है...उसमें कुछ Defect है...तो उसके निर्माता को उम्र क़ैद तक का प्रावधान रखा गया है.
नये क़ानून के तहत आपको अपनी शिकायत के लिये वकील रखने की भी ज़रूरत नहीं होगी.
धोखाधड़ी कम करने के लिये झूठे विज्ञापनों पर भी लगाम लगाई जा रही है.
अब अख़बारों और टीवी पर आने वाले विज्ञापनों में उतना ही बताना होगा...जितना उत्पाद के बारे में लिखा गया है. यानी अब विज्ञापन में किसी के लिये Cold Drink पीने के बाद पहाड़ से जीप लेकर कूदना आसान नहीं होगा. ना ही पान मसाला खिलाकर कोई किसी को कंपनी का CEO बना पाएगा.
और जो Celebrity ऐसे झूठे विज्ञापन करेंगे, उन पर 10 से 50 लाख रुपये तक जुर्माना होगा, साथ में उन पर 1 से 3 साल तक प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी जाएगी.
इन सभी प्रावधानों को अगले 3 महीने में लागू करने की तैयारी है. यानी नये भारत में झूठे विज्ञापन से लेकर MRP वाली धोखेबाज़ी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अभी हाल में अभिनेता राहुल बोस ने एक वीडियो Tweet किया था...जिसमें उन्होंने बताया था कि चंडीगढ़ के एक Five Star Hotel ने उनसे दो केले के बदले 442 रुपये लिये थे .
ऐसी ही एक ख़बर मुंबई के होटल को लेकर भी आई है . जिसके मुताबिक होटल ने एक व्यक्ति से दो उबले हुए अंडों के लिये 1700 रुपये लिए गये. अब उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय ऐसे होटलों को नोटिस भेज रहा है . हमने आज आप से जुड़ी इस खबर पर Ground Reporting की है, और MRP और सर्विस चार्ज के नाम पर चल रहे इस अनैतिक खेल की पड़ताल की है.
हमारे देश में कंपनियां वस्तुओं की कीमत अपनी मर्ज़ी से तय कर लेती हैं. खाने पीने के सामान की Dual Pricing की जाती है. यानी अलग-अलग जगहों पर Products के दाम भी अलग-अलग हो जाते हैं . जो पानी की बोतल आपको साधारण दुकान पर 20 रुपये की मिलती है, उसी की कीमत Restaurants और Cinema Halls में 50 से 100 रुपये हो जाती है .
Dual Pricing यानी दोहरी कीमतों को लेकर फिलहाल कोई साफ कानून नहीं है. सुप्रीम कोर्ट Hotels और Restaurants में Dual Pricing की इजाजत देता है. लेकिन बाकी जगहों पर आपसे एक ही Product के लिए अलग-अलग कीमत नहीं वसूली जा सकती . लेकिन कंपनियां इससे बचने का भी रास्ता निकाल लेती हैं. कंपनियां एक ही प्रोडक्ट की Packaging अलग-अलग तरीके से करके, उन्हें बाज़ार में उतार देती हैं . और इनके दाम भी एक दूसरे से अलग होते हैं .
सरकार ने एक देश एक Tax के तौर पर GST लागू किया था . लेकिन पूरे देश में वस्तुओं की कीमते एक रखने को लेकर कोई सख्त कानून नहीं है . इसका नतीजा ये होता है कि कंपनियां अपनी मर्ज़ी से कीमतों का निर्धारण कर लेती है . आप इसे कंपनियों का Cartel सिस्टम भी कह सकते हैं . पहले कंपनियां आपको Discount और Offers का झांसा देती हैं. फिर जब आप इनकी सेवाओं और Products के आदी हो जाते हैं तो ये कंपनियां दाम बढ़ाना शुरू कर देती हैं . Private Cabs और Online Food डिलिवरी के मामले में भी आपने ये बात नोट की होगी . भारत में उपभोक्ताओं में जागरुकता की कमी है और इसी का फायदा तमाम कंपनियां उठाती हैं . इसलिए आप इन कंपनियों से सतर्क रहिए, ज्यादा कीमत वसूले जाने पर सवाल पूछिए, शिकायत कीजिए और तब तक लड़ते रहिए, जब तक आपको न्याय नहीं मिल जाता .
हालांकि ये बात सही है कि Airports और Malls में दुकानों का किराया बहुत ज्यादा होता है. इसलिए वहां आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं . लेकिन मुनाफे की कोई सीमा नहीं होती इसलिए इसे लेकर सख्त नीति बनाए जाने की ज़रूरत है.
ये पूरे देश की समस्या है...इसी तरह पूरी बेशर्मी के साथ लोगों को पूरे अधिकार के साथ लूटा जाता है और ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई भी अब तक आसान नहीं थी. लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि उपभोक्ता संरक्षण क़ानून अगर सख़्ती से लागू किया गया...तो ये बेइमानी कम हो जाएगी.
एक ग्राहक के तौर पर आपको जागरूक करना हमारा फ़र्ज़ है. अगर आपसे कोई दुकानदार MRP से ज्यादा क़ीमत मांगता है,
तो आप उसकी शिकायत National Consumer Helpline नंबर 1800-11-4000 पर कर सकते हैं...इसके अलावा आप 8130-009-809 पर अपना और अपने शहर का नाम लिखकर SMS भी कर सकते हैं.
पैकेटबंद सामान में पैकेट पर लिखे वज़न से कम सामान निकले तो इसकी भी शिकायत की जा सकती है.
ये सेवा में कमी के तहत आता है. आप इसकी भरपाई की रक़म के लिए केस भी कर सकते हैं. और इसके सबूत के तौर पर ख़रीददारी का असली बिल और सामान अपने पास ज़रूर रखें, और हो सके तो वज़न को मापने का वीडियो भी बना लें .
देश में 684 Consumer Forum हैं...और अभी इनमें 4 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा केस चल रहे हैं.
अब इन Consumer Forum को Consumer Commission बनाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है.