ZEE जानकारी: भारत ने किया साफ- बातचीत के लिए PAK को उठाने होंगे आतंक के खिलाफ ठोस कदम
इमरान खान ने चीन से सिफारिश की थी कि वो किसी तरह भारत से उनकी बातचीत करा दें.
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आजकल दुनिया का हर अंतरराष्ट्रीय मंच पाकिस्तान के अपमान का मंच बन चुका है . किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में Shanghai Cooperation Organisation यानी SCO की बैठक चल रही है . लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मंच पर भी अपना अंतरराष्ट्रीय अपमान करा लिया है .
इमरान खान ने चीन से सिफारिश की थी कि वो किसी तरह भारत से उनकी बातचीत करा दें. लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ संभव नहीं है .पाकिस्तान के इस अंतरराष्ट्रीय अपमान का हम स्पेशल DNA Test करेंगे . लेकिन सबसे पहले हम आपको SCO की महत्वपूर्ण बैठक का Update दे देते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिनों के दौरे पर किर्गिज़स्तान गए हैं. आज दोपहर दो बजे वो बिश्केक पहुंचे . उन्होंने सबसे पहली मीटिंग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की. दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद ये मोदी की जिनपिंग से पहली मुलाकात है.
आज मोदी और जिनपिंग ने Wuhan में अनौपचारिक बैठक के बाद शुरू किए गए रणनीतिक संवाद को आगे बढ़ाया है. शी जिनपिंग ने पिछले साल अप्रैल में Wuhan में हुई मुलाकात की तारीफ़ की है. नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग को इस साल एक और अनौपचारिक बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया है . 15 जून को शी जिनपिंग का जन्मदिन है. प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले ही चीन के राष्ट्रपति को Advance में जन्मदिन की बधाई दी है .
बिश्केक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Russia के राष्ट्रपति Vladimir Putin से भी मुलाकात की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Vladimir Putin ने गले मिलकर एक दूसरे का अभिवादन किया. ये मोदी और पुतिन के बीच इस साल की पहली मुलाकात है . दोनों नेताओं के बीच रक्षा सौदों को लेकर अहम बातचीत हुई है.
प्रधानमंत्री मोदी और Russia के राष्ट्रपति पुतिन के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं . प्रधानमंत्री ने आज एक Tweet में लिखा कि भारत और Russia के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढाने के लिए हुई बैठक शानदार रही . प्रधानमंत्री ने पुतिन से कहा कि आपने पहले ही मेरी जीत की भविष्यवाणी कर दी थी . उन्होंने Russia की तरफ से दिए गए सम्मान के लिए भी धन्यवाद कहा.
बिश्केक में आज प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मीटिंग तय थीं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और Russia के राष्ट्रपति पुतिन से मीटिंग हो चुकी है. अब से थोड़ी देर बाद प्रधानमंत्री मोदी अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी से मिलने वाले हैं.
भारत ने SCO की बैठक में भी पाकिस्तान को पूरी तरह अलग-थलग कर दिया है . आजकल इमरान खान, पाकिस्तान को आर्थिक कंगाली से निकालने के लिए पूरी दुनिया के दौरे कर रहे हैं. वो दुनिया के तमाम देशों से पाकिस्तान में निवेश और कर्ज़ की फरियाद कर रहे हैं . लेकिन भारत ने अपनी आक्रामक विदेश नीति से पाकिस्तान में आतंकवाद को पहला मुद्दा बना दिया है .
पाकिस्तान ने अपने कूटनीतिक घुटने भारत के सामने टेक दिए हैं . 14 फरवरी को पुलवामा के आतंकवादी हमले के बाद से ही इमरान खान लगातार नरेंद्र मोदी से बातचीत की अपील कर रहे हैं . लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार इमरान खान की Friend Request को ठुकराया है .
बिश्केक में अपने दौरे की शुरुआत में ही नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को अपने सख्त रुख का परिचय करा दिया है . इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिज़स्तान के दौरे के लिए पाकिस्तान के Air Space का इस्तेमाल नहीं किया. किर्गिज़स्तान पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के Air Space से होकर गए.
पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद ये पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी और इमरान खान किसी अंतर्राष्ट्रीय बैठक में एक साथ हैं . कल SCO की मुख्य बैठक में ये दोनों नेता एक साथ एक ही कमरे में रहेंगे . लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान के बीच द्विपक्षीय मुलाकात का अब तक कोई कार्यक्रम नहीं है. ये पाकिस्तान को भारत का बहुत कठोर संदेश है .
इमरान खान पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने के लिए नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं . इसके लिए उन्होंने चीन से भी सिफारिश की थी . भारत ने पाकिस्तान की इस सिफारिश का जवाब आज बहुत खास मौके पर दिया है .
जब पूरी दुनिया की नज़र SCO की बैठक पर है . और दुनिया के कई बड़े देशों के राष्ट्र अध्यक्ष किर्गिज़स्तान में मौजूद हैं . तब नरेंद्र मोदी ने इमरान खान का अंतरराष्ट्रीय अपमान किया है.
आज शी जिनपिंग के साथ बैठक में मोदी ने कहा कि बातचीत के लिए माहौल बनाने की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान की होगी. इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई करनी होगी . और पाकिस्तान में आतंकवाद के अड्डों को बंद करना होगा .
नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग से कहा कि भारत लगातार पाकिस्तान से आतंकवाद के ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई की मांग करता रहा है . लेकिन अब तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है. बिश्केक में मौजूद हमारे सहयोगी चैनल WION के संवाददाता सिद्धांत सिब्बल ने इस बारे में विदेश सचिव विजय गोखले से सवाल पूछा था .
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में हिस्सा लेने के नियमों की जानकारी भी नहीं है. आज SCO की एक बैठक में जब एक-एक करके सभी देशों के राष्ट्र प्रमुख आ रहे थे . तब अन्य देशों के राष्ट्र प्रमुख और उनकी टीम, उनका स्वागत कर रही थी .
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस बैठक में प्रवेश किया . लेकिन वो सीधे जाकर अपनी कुर्सी पर बैठ गए . सभी देशों के राष्ट्र अध्यक्ष ख़ड़े थे . ये देखकर इमरान खान को महसूस हुआ कि उनसे कुछ गलती हो गई है . जिसके बाद वो दोबारा खड़े हुए लेकिन फिर बैठ गए .
पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद इमरान खान दो बार नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं. उन्होंने एक चिट्ठी पिछले महीने लिखी और दूसरी चिट्ठी इसी महीने जून में लिखी है. 26 मई को उन्होंने नरेंद्र मोदी को फोन भी किया था. हर बार इमरान खान ने भारत के साथ संबंध सामान्य करने का आग्रह किया है . लेकिन भारत की तरफ से संदेश बहुत साफ है... पहले आतंकवाद पर कार्रवाई, इसके बाद बातचीत.
पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इमरान खान से नाराज़ हैं और उनकी नाराज़गी अब भी दूर नहीं हुई है. पुलवामा के हमले के बाद भारत की वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. इसके बावजूद भी इमरान खान ने नरेंद्र मोदी से बातचीत के लिए नरेंद्र मोदी को फोन किया था. लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनसे बात नहीं की थी. इमरान खान ने पाकिस्तान की National Assembly में अपने इस अपमान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया था.
किसी देश के लिए इससे ज्यादा अपमानजनक स्थिति और क्या हो सकती है कि उसका प्रधानमंत्री किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री को फोन करे लेकिन उसके बातचीत के अनुरोध को ठुकरा दिया जाए. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ ने भी इस घटना पर इमरान खान को खूब अपमानित किया था . जिस Shanghai Cooperation Organisation की बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिश्केक गए हैं, उसका नाम पहले Shanghai Five था .
क्योंकि स्थापना के वक्त इसके पांच सदस्य थे... Russia, चीन, ताजिकिस्तान, कज़ाख़िस्तान और किर्गिज़स्तान.
Shanghai Five की स्थापना वर्ष 1996 में हुई थी
Shanghai Five में शामिल तीन देश ताजिकिस्तान, कज़ाख़िस्तान और किर्गिज़स्तान का निर्माण सोवियत संघ के विघटन के बाद हुआ
इन तीनों देशों में आतंकवाद फैलने से रोकने के लिए और मध्य एशिया के विवादों को हल करने के लिए, Russia ने चीन के साथ मिलकर Shanghai Five बनाया .
वर्ष 2001 में Shanghai Five का नाम बदलकर Shanghai Co-operation Organization यानी SCO कर दिया गया . इसमें उज़्बेकिस्तान को भी शामिल किया गया . इस संगठन का पहला लक्ष्य आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के ख़िलाफ़ साझा रणनीति बनाना और उसको लागू करना था .
लेकिन अब SCO में आर्थिक संबंध बढ़ाने और संस्कृतियों के मेल-जोल पर भी ज़ोर दिया जा रहा है .
Russia ने SCO में भारत को शामिल करने का दबाव बनाया तब चीन ने पाकिस्तान को भी इसमें शामिल करने की शर्त रखी .
Russia के सहयोग से 2009 में भारत को SCO का पर्यवेक्षक बनाया गया . 2009 में ही चीन के सहयोग से पाकिस्तान इसका पर्यवेक्षक बन गया .
पर्यवेक्षक देश वो होते हैं... जिनको संगठन में फैसले लेने या हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है . इन देशों को सिर्फ बैठकों में शामिल किया जाता है .
2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों SCO के सदस्य बने .
SCO में शामिल होने से भारत को कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर कई लाभ मिल रहे हैं .
आतंकवाद के खिलाफ भारत को इन देशों का सहयोग मिल रहा है.
SCO के देशों ने खुफिया जानकारियां इकट्ठा करने के लिए एक संगठन बनाया है जिसका नाम है ... Regional Anti Terror Structure.
SCO का सदस्य होने के नाते इस संगठन से भारत को खुफिया सूचनाएं मिलती हैं .
SCO से भारत की ऊर्जा संबंधी ज़रूरतें पूरी होती हैं क्योंकि मध्य एशिया के देशों में गैस और तेल के भंडार हैं .
SCO के माध्यम से भारत, अमेरिका की आक्रमक आर्थिक और विदेश नीति का भी विरोध कर सकता है .
अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump, Russia के साथ चीन और भारत के ख़िलाफ़ भी बयान देते रहते हैं . इसलिए ये तीनों देश SCO में एक साथ आकर अमेरिका के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाते हैं .
अगर आप बिश्केक में SCO की बैठक की Non Stop Coverage देखना चाहते हैं, तो हमारे सहयोगी अंतरराष्ट्रीय चैनल WION पर देख सकते हैं. वैसे, आज कल दुनिया में मोदी का युग चल रहा है . 2019 की जीत के बाद मोदी का कद इतना बड़ा हो चुका है .दुनिया के बड़े बड़े नेता मोदी बनना चाह रहे हैं . इन नेताओं की जुबान पर आजकल मोदी के नारे हैं .