ZEE जानकारी: साल के पहले दिन पीएम मोदी ने दिया 95 मिनट का इंटरव्यू
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ZEE जानकारी: साल के पहले दिन पीएम मोदी ने दिया 95 मिनट का इंटरव्यू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक न्यूज़ एजेंसी को 95 मिनट लंबा इंटरव्यू दिया. 

ZEE जानकारी: साल के पहले दिन पीएम मोदी ने दिया 95 मिनट का इंटरव्यू

आज 2019 का पहला दिन है. आज हमारे पास बहुत सी ख़बरें थीं. हमने आपके लिए कई विश्लेषण तैयार किए थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने.. आज पहले ही दिन, न्यूज़ चैनलों की सारी प्लानिंग फेल कर दी. आज उन्होंने एक न्यूज़ एजेंसी को 95 मिनट लंबा इंटरव्यू दिया. आम तौर पर इतने समय में.. एक फिल्म भी खत्म हो जाती हैँ. इसलिए आप नरेन्द्र मोदी के 95 मिनट के इस इंटरव्यू को वर्ष 2019 की पहली राजनीतिक फिल्म भी कह सकते हैं. यानी ये 2019 में नरेंद्र मोदी का First Day First Show था. इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने हर उस सवाल का जवाब दिया, जो विपक्ष उनसे पूछ रहा है और आगे लोकसभा चुनाव की रैलियों में जनता भी पूछेगी. एक तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से लोकसभा चुनावों का प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. 

आपके मन में ये सवाल भी आ रहा होगा कि उन्होंने किसी न्यूज़ चैनल के बजाए.. एक न्यूज़ एजेंसी को इंटरव्यू क्यों दिया ?
न्यूज़ एजेंसी को इंटरव्यू देने का मकसद ये था कि आज देश भर के सभी न्यूज़ चैनलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही छाए रहें. अगर वो किसी एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू देते, तो सिर्फ एक चैनल तक ही सीमित हो जाते. इसलिए उन्होंने एक न्यूज़ एजेंसी को इंटरव्यू दिया. और नववर्ष की पहली संध्या, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम हो गई. 

इस इंटरव्यू में जितने भी चुनावी मुद्दे हो सकते थे, उन्होंने सभी पर अपने मन की बात रखी. चाहे वो लोकसभा चुनावों की रणनीति हो, राम मंदिर हो, ट्रिपल तलाक हो, रफाल हो, GST और नोटबंदी हो, कांग्रेस मुक्त भारत का प्रश्न हो, या फिर किसानों की कर्ज़माफ़ी और मध्य वर्ग के बोझ से जुड़े सवाल हों. उन्होंने हर मुद्दे पर खुलकर अपने मन की बात कही है.

ये इंटरव्यू के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात थी. आज शाम से ही आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ये इंटरव्यू अलग अलग चैनलों पर देख रहे होंगे, लेकिन आपके लिए इस इंटरव्यू के सवालों का और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाबों का विश्लेषण किसी ने नहीं किया होगा. इसलिए आज DNA में हम सबसे पहले इस इंटरव्यू का विश्लेषण करेंगे.
 
इस वक्त देश के राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि हर कोई इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी जीतेगी या हारेगी? तीन राज्यों में बीजेपी की हार के बाद इस सवाल पर ज्यादा मंथन शुरू हो गया है. और लोग ये भी पूछने लगे हैं कि क्या देश में मोदी मैजिक यानी मोदी का जादू खत्म हो गया? अगर बीजेपी को 180 या इससे कम सीटें मिलेंगी.. तो क्या नरेन्द्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन पाएंगे? देश चाहे जो भी सोच रहा हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. उन्हें अब भी लगता है कि मोदी मैजिक बरकरार है. 

बीजेपी पर ये भी आरोप लगता है कि वो अब सिर्फ दो लोगों की पार्टी बनकर रह गई है. पहले अमित शाह और नरेन्द्र मोदी की जोड़ी को अजेय माना जाता था. लेकिन 5 राज्यों के चुनावों में हुई बीजेपी की हार के बाद ये बात भी कही जा रही है कि इस जोड़ी को हराया जा सकता है. और इसके लिए दो लोगों की टीम ज़िम्मेदारी है. इस पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये साफ किया कि बीजेपी दो लोगों की पार्टी नहीं है. ये पार्टी दो लोगों से नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं से चलती है.  

देश में जब से नोटबंदी हुई है और GST लागू हुआ है. विपक्ष हर चुनाव में इसे मुद्दा बनाता है. नोटबंदी के बाद तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चुनाव हुए थे, और बीजेपी ने वहां बड़ी जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बावजूद हर चुनाव में नोटबंदी बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरती है. तमाम लोग ये पूछते हैं कि क्या वाकई देश को नोटबंदी की ज़रूरत थी? गुजरात चुनावों में भी इसकी बात हुई, हालांकि गुजरात में बीजेपी चुनाव जीतने में सफल रही. अब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की हार हुई, तो फिर से ये सवाल उठा कि क्या नोटबंदी ने बीजेपी को हराया? आगे लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, और लोकसभा चुनावों में भी नोटबंदी एक बड़ा मुद्दा होगा. इस पूरे विषय पर आज हर कोई प्रधानमंत्री मोदी का जवाब सुनना चाहता है. 

और उन्होंने आज देश को बताया है कि नोटबंदी कैसे एक झटका नहीं थी ? उन्होंने ज़ोर देकर ये बात कही कि नोटबंदी से पहले.. एक वर्ष तक लगातार कालाधन रखने वालों को चेतावनी दी गई थी. लेकिन जब कोई रास्ता नहीं बचा तो सरकार को नोटबंदी करनी पड़ी. प्रधानमंत्री को उम्मीद है कि आगे चलकर नोटबंदी का यही कदम देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देगा.  
 
नोटबंदी के साथ साथ GST का सवाल भी आता है कि क्या GST को लागू करने में कोई कमी रह गई? क्योंकि आए दिन सरकार GST की दरों में बदलाव करती रहती है. जिन वस्तुओं पर पहले 28% GST लगता था, उनमें से बहुत सी वस्तुओं पर अब 18% टैक्स लगता है. इसीलिए ये सवाल उठता है कि क्या इसे लागू करते हुए कोई कमी रह गई?  GST को विपक्ष ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है. हर चुनाव में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी GST को गब्बर सिंह टैक्स कहते हैं. और इसका विरोध करते हैं.आज प्रधानमंत्री ने GST को लेकर हो रही इस राजनीति को Decode किया है. 

राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक महत्वपूर्ण बयान दिया है . प्रधानमंत्री ने कहा है कि न्याय प्रक्रिया पूरी होने के बाद अध्यादेश लाने पर विचार किया जाएगा . इस बयान का मतलब है... सुप्रीम कोर्ट का फैसला होने तक राम मंदिर पर केंद्र सरकार कोई अध्यादेश नहीं लाएगी . सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को अयोध्या मामले पर सुनवाई होने वाली है . इस मामले में सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों का अनुवाद हो चुका है. अगर इस पर नियमित सुनवाई होती है तो भी मार्च से पहले फैसला आना मुश्किल है . अगर सुप्रीम कोर्ट किसी नतीजे पर पहुंच भी जाता है, तो भी चुनाव की आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट फैसले को सुरक्षित रख सकता है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के निर्माण की कोई सूरत नहीं है. राम मंदिर के निर्माण के लिए उन्हें देश की जनता से प्रधानमंत्री के रूप में एक Term और चाहिए. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस इंटरव्यू के माध्यम से अपने Core Voters को भी संदेश दिया है . राम मंदिर और ट्रिपल तलाक के मामले की तुलना करते हुए अक्सर सरकार से ये सवाल पूछा जाता है कि अगर ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश लाया जा सकता है तो राम मंदिर पर क्यों नहीं ? इसका उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ट्रिपल तलाक के मामले पर अध्यादेश न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद लाया गया है जबकि अयोध्या के मामले में न्यायिक प्रक्रिया अब भी जारी है . 

सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी.. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार देश को बताए हैं . प्रधानमंत्री ने कहा है कि सबरीमाला आस्था से जुड़ा मामला है और इस केस में सुप्रीम कोर्ट की महिला जज की टिप्पणियों पर ध्यान देना चाहिए . इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की महिला जज ने अपने फैसले में आस्था का सम्मान करने की बात कही थी . उन्होंने सबरीमाला मंदिर को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खोले जाने का विरोध किया था . यानी प्रधानमंत्री ने यहां भी अपने उन Core Voters को सीधा संदेश दिया है जिनके लिए आस्था ज़्यादा महत्वपूर्ण है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को केरल में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं . इस रैली से पहले प्रधानमंत्री का ये बयान काफी महत्वपूर्ण है .  

रफाल मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से Clean Chit मिल चुकी है . लेकिन इस फैसले से पहले ही रफाल विवाद पर बीजेपी का काफी नुकसान हो चुका है . कांग्रेस पार्टी ने 'चौकीदार चोर है' का नारा लगाकर... मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव जीत लिया . कांग्रेस अब भी अपने पुराने रवैये पर कायम है . लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को खुद पर लगे आरोपों की चिंता नहीं है.. उन्हें देश की सुरक्षा की ज़्यादा चिंता है . 

 
2014 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने देश को कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट गई. इसके बाद बहुत से विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस एक एक करके अपने राज्य हारती गई. और बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत का नारा और ज्यादा मज़बूत हो गया. लेकिन हाल ही हुए चुनावों में तीन राज्यों में कांग्रेस ने वापसी की. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की वापसी 15 वर्षों के बाद हुई है. इसलिए लोगों के मन में ये सवाल है कि कांग्रेस मुक्त भारत के नारे का क्या हुआ? क्योंकि ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस वापसी कर रही है? इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ये बताया कि कांग्रेस मुक्त भारत का नारा कांग्रेस पार्टी के संदर्भ में नहीं था. बल्कि वो कांग्रेस की संस्कृति की बात कर रहे थे. जिसमें जातिवाद, परिवारवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार जैसे तत्व हैं. इसलिए वो इन तमाम चीज़ों से देश को मुक्त करने की बात करते थे, ना कि कांग्रेस से देश को मुक्त करने की. 
 
आजकल देश में एक और बड़ा मुद्दा छाया हुआ है, जिस पर व्यापक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक बहस हो रही है. और वो है किसानों की कर्ज़माफी का मुद्दा. DNA में हमने भी कई बार आपसे इस मुद्दे पर बात की है. और आपको ये समझाया है कि किसानों का कर्ज़ माफ़ करने की नहीं बल्कि उन्हें सशक्त बनाने की ज़रूरत है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर भी खुलकर बात की है. उनका मानना है कि किसानों की कर्ज़माफी एक राजनीतिक स्टंट है. किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. क्योंकि किसानों का कर्ज़ माफ होने के बाद भी उनके हालात नहीं सुधरते. 

बीजेपी के बारे में ये कहा जाता है कि इस देश का मध्यम वर्ग उसे ज़रूर वोट देता है. और 2014 में भी मध्यम वर्ग ने ही केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनाई. लेकिन ऐसी भी ख़बरें आती हैं कि देश का मध्यम वर्ग बीजेपी से कुछ नाखुश चल रहा है. क्योंकि मिडल क्लास टैक्स भी भरता है और उसे सरकार की योजनाओं में राहत भी नहीं मिलती. हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे इत्तेफाक नहीं रखते. प्रधानमंत्री ये मानते हैं कि देश को चलाने में मिडल क्लास का बड़ा योगदान है. और सरकार को इस वर्ग की चिंता है.

विपक्ष, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी जैसे कारोबारियों को भगाने का आरोप भी लगाता है. ये आरोप लगते हैं कि ये कारोबारी देश का पैसा लेकर भाग गए. और ये भी सवाल पूछे जाते हैं कि ये भगौड़े कब वापस आएंगे? आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष के इस सवाल का जवाब भी दिया है और देश को ये बताया है कि कैसे उनकी सरकार बनने के बाद जब नियम कायदे कड़े हुए, तो धोखाधड़ी और देश को लूटने वाले लोग भाग गए. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि इन तीनों भगोड़े कारोबारियों को भारत ज़रूर लाया जाएगा. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बहुत कम शब्दों में पाकिस्तान को बहुत बड़ी चेतावनी दी है . उन्होंने कहा कि सिर्फ एक लड़ाई से पाकिस्तान नहीं सुधरेगा. पाकिस्तान को सुधरने में अभी काफी समय लगेगा. प्रधानमंत्री का ये बयान छोटा है लेकिन पाकिस्तान के लिए बहुत चुभने वाला है . 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को एक बार फिर ये याद दिलाया कि मौजूदा सरकार में सेना के हाथ खुले हुए हैं . प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ी में हुए आतंकवादी हमले के बाद जवानों के अंदर बहुत गुस्सा था. सर्जिकल स्ट्राइक के पूरे Operation पर सरकार की नज़र थी और नियंत्रण रेखा पार करने वाले हर जवान की सरकार को फिक्र थी. 

प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ये भी कहा जाता है कि वो मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देते. ऐसे में उन्होंने ये इंटरव्यू देकर ऐसी बातों को शांत करने की कोशिश की है. वैसे इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी 2018 में ज़ी न्यूज़ को एक इंटरव्यू दिया था.. जिसमें उन्होंने तमाम सवालों का जवाब खुलकर दिया था.

जब देश के तमाम लोग.. तमाम नेता.. नये साल की पार्टी कर रहे हैं, जश्न मना रहे हैं .. उसी समय नरेंद्र मोदी ने चुनावी युद्ध की शुरुआत कर दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज के इंटरव्यू से ये पता चलता है कि वो कितने आक्रामक हो गए हैं. 

अभी 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन प्रधानमंत्री ने प्रचार का ऐलान कर दिया है. आम चुनाव का ऐलान होने से पहले ही.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.. देश के 20 राज्यों में 100 रैलियां करेंगे. 

प्रधानमंत्री, अपने इस चुनावी अभियान की शुरुआत, 3 जनवरी से करेंगे. तीन जनवरी को पंजाब के जालंधर और गुरदासपुर में उनकी रैली होगी. यानी प्रधानमंत्री मोदी चुनावों को लेकर बहुत आक्रामक हैं. जबकि उनके विरोधी अभी आराम वाले Mode में हैं.

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