सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.. Attorney General K.K. वेणुगोपाल ने ये दावा किया कि रफाल डील से जुड़े हुए कुछ दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं.
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अब आज की सबसे बड़ी राजनीतिक ख़बर. और ये ख़बर सुप्रीम कोर्ट से आई है. आज सुप्रीम कोर्ट में रफाल मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया. सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.. Attorney General K.K. वेणुगोपाल ने ये दावा किया कि रफाल डील से जुड़े हुए कुछ दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं. और इन्हीं चोरी हुए दस्तावेज़ों के आधार पर एक अंग्रेज़ी अखबार ने रफाल डील को लेकर ख़बरें छापीं थीं.
8 फरवरी को इस अखबार ने रफाल मामले पर कुछ दस्तावेज प्रकाशित किए थे . इन दस्तावेजों के ज़रिये ये बताने की कोशिश की गई थी कि प्रधानमंत्री कार्यालय रफाल सौदे पर जारी बातचीत में हस्तक्षेप कर रहा था . अखबार के इसी खुलासे को आधार बनाकर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी . आज इस याचिका पर सुनवाई हुई .
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में नए दस्तावेज सौंपने की कोशिश की .
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे .
प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि अदालत ने अपने आदेश में उनकी मांग पर सुनवाई ही नहीं की . उन्होंने कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी, CBI के सामने शिकायत की थी, लेकिन अदालत ने CBI से रिपोर्ट तक नहीं मांगी . सरकार ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दी थी . सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में गलतियां थीं और तथ्य छुपाए गये थे.. जिसके आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया था.
इस पर Attorney General ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता चुराए गए दस्तावेज़ों को आधार बनाकर तर्क कर रहे हैं . इसलिए इन याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए .
Attorney General की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दस्तावेज की चोरी के मामले में सरकार ने क्या कार्रवाई की है ? सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल का जवाब देने के लिए Attorney General को दोपहर 2 बजे तक का वक्त दिया .
इसके बाद फिर जब सुनवाई शुरू हुई तो Attorney General ने कोर्ट को बताया कि दस्तावेज की चोरी के मामले में अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है . अगर FIR दर्ज हुई होती तो इसमें याचिकर्ताओं प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा का नाम भी होता .
Attorney General ने ये भी कहा कि गोपनीय दस्तावेज़ों को सरकारी कर्मचारियों द्वारा चुराया गया और अखबार में प्रकाशित कर दिया गया . दस्तावेज़ किसने चुराए, इसकी जांच जारी है . हम इस मामले में Official Secrets Act के तहत आपराधिक कार्रवाई करेंगे .
जब प्रशांत भूषण की तरफ से ये दलील दी गई कि ये मामला RTI Act के तहत आता है, तो Attorney General ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े मामलों और अन्य राष्ट्रों के साथ रिश्तों पर असर डालने वाले दस्तावेजों के संबंध में RTI लागू नहीं होता है .
((Judge KM Joseph to AG- you keep on repeating about national security. Suppose a great crime like corruption has been committed, can you seek shelter under national security? ))
इसी दौरान अदालत ने एक अहम टिप्पणी की और कहा कि मान लीजिए अगर भ्रष्टाचार जैसा कोई अपराध हुआ है, तो क्या उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर छुपा सकते हैं ? हालांकि अदालत ने आगे ये भी कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि रफाल डील में भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन अगर होता, तो उसे Official Secrets Act के बहाने नहीं छुपाना चाहिए.
((AG: This is beyond judicial scrutiny. Should we come to this court everytime a war is declared? ))
इस पर Attorney General ने जवाब दिया कि ये न्यायिक जांच से परे है . और कहा - क्या जब युद्ध की घोषणा हो , तो हर बार हमें अदालत में आना चाहिए?
((Judge Joseph: If the law of the country has been broken through a corrupt practice, can you seek protection under national security?))
सुप्रीम कोर्ट में रफाल की इस सुनवाई के दौरान लड़ाकू विमान F-16 और मिग-21 का ज़िक्र भी हुआ.
अटॉर्नी जनरल K. K. वेणुगोपाल की तरफ से अदालत में भारत और पाकिस्तान के बीच आसमान में हुई लड़ाई का ज़िक्र किया गया.
अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि देश को अपनी सुरक्षा के लिए रफाल की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि हाल ही में F-16 Fighter Planes ने हम पर बमबारी की, बिना रफाल के हम उनका मुकाबला कैसे करेंगे?
हालांकि अटॉर्नी जनरल ने ये भी कहा कि हमारे Mig-21 ने F-16 के खिलाफ अच्छा काम किया है. लेकिन फिर भी F-16 से मुकाबला करने के लिए रफाल जरूरी हैं.
अटॉर्नी जनरल ने ये भी कहा कि रफाल सौदे की CBI जांच का नुकसान इस डील को होगा, जो देशहित में नहीं है .
आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने भी रफाल मामले में समीक्षा याचिका दायर की है . इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि संजय सिंह ने रफाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है . इसलिए अदालत उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी . अदालत बाद में संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर भी विचार कर सकती है.