ZEE जानकारी: स्वामी विवेकानंद - अध्यात्म और विचारों की ऊर्जा का एक 'Power House'
Advertisement

ZEE जानकारी: स्वामी विवेकानंद - अध्यात्म और विचारों की ऊर्जा का एक 'Power House'

स्वामी विवेकानंद को आप संकल्प शक्ति, विचारों की ऊर्जा, अध्यात्म और आत्मविश्वास का एक Power House कह सकते हैं. उनसे सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को ऊर्जा मिलती है . 

ZEE जानकारी: स्वामी विवेकानंद - अध्यात्म और विचारों की ऊर्जा का एक 'Power House'

किसी भी देश के महापुरुष... उसके लिए एक Power House की तरह होते हैं . और भारत के महापुरुष ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक Power House का काम करते हैं . स्वामी विवेकानंद को आप संकल्प शक्ति, विचारों की ऊर्जा, अध्यात्म और आत्मविश्वास का एक Power House कह सकते हैं. उनसे सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को ऊर्जा मिलती है . 

आज 4 जुलाई है और आज ही के दिन 116 वर्ष पहले स्वामी विवेकानंद की मृत्यु हुई थी .आज ही वो तारीख है जब स्वामी विवेकानंद महासमाधि में लीन हो गए थे. वैसे महापुरुषों की कभी मृत्यु नहीं होती है क्योंकि उनके विचार कभी नहीं मरते. 
जिस दौर में स्वामी विवेकानंद अपने जीवन के शिखर पर थे. उस दौर में भारत, अंग्रेज़ों का गुलाम था.
गुलाम भारत की युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा था -

"उठो... जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए "

"तुम जो सोच रहे हो, उसे अपनी ज़िंदगी का विचार बनाओ . उसके बारे में सोचो . उसके लिए सपने देखो . उस विचार के साथ जिओ... तुम्हारे दिमाग में, तुम्हारी मांसपेशियों में, तुम्हारी नसों में और तुम्हारे शरीर के हर हिस्से में वो विचार भरा होना चाहिए . यही सफलता का सूत्र है."

"सभी शक्तियां तुम्हारे अंदर हैं . तुम कुछ भी कर सकते हो और सब कुछ कर सकते हो . इस बात पर विश्वास करो, भरोसा करो कि तुम कमज़ोर नहीं हो. 

"अगर तुम्हारे दिमाग और तुम्हारे दिल के बीच संघर्ष चल रहा हो, तो तुम्हें वही करना चाहिए जो तुम्हारा दिल कहता है" 

ये स्वामी विवेकानंद के वो विचार हैं, जिन्होंने भारत के युवाओं के मन में स्वाभिमान और स्वतंत्रता के बीज डाले. स्वामी विवेकानंद ने भारत के लोगों को भारत से प्यार करना सिखाया. 

महात्मा गांधी ने स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढ़ने के बाद उनके बारे में लिखा था.... कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को गहराई से समझा . और उनके विचारों की गहराई में उतरने के बाद, देश के प्रति उनका प्रेम, एक हज़ार गुना बढ़ गया. 

आज Air Conditioned कमरों में बैठकर, Fast Food खाते हुए, महंगी गाड़ियों में घूमते हुए और आलीशान Malls में शॉपिंग करते हुए आप कभी उस दौर की कल्पना नहीं सकते.. जब भारत में हमारे ही पूर्वज, अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों से कुचले जा रहे थे . 

देश सिर्फ़ विदेशी ताकतों का ही गुलाम नहीं था . देश के लोग बहुत सारी सामाजिक बुराईयों के भी गुलाम थे . देश में छुआ-छूत फैली हुई थी . लोग जाति और धर्म के नाम पर लड़ते थे . महिलाओं की स्थिति भी बहुत बुरी थी . भारत का पूरा समाज बिखरा हुआ था . ऐसे समय में स्वामी विवेकानंद ने भारत के युवाओं में आत्मविश्वास भरा . 

आप ज़रा विचार कीजिए... कि अगर आज से 130 वर्ष पहले... जब दुनिया भारत को सपेरों और जादूगरों का देश कहती थी . भारत के लोगों का कोई सम्मान नहीं था . उस बुरे दौर में भी अगर स्वामी विवेकानंद पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं तो आज के दौर में भारत के लोग ऐसा क्यों नहीं कर सकते ? 

आज भारत एक विकासशील देश है . भारत विकास और तरक्की के एक ऐसे मोड़ पर है जब उसे स्वामी विवेकानंद के विचारों वाले Power House की बहुत सख्त ज़रूरत है . आप इस ऊर्जा को Vivekanand Energy भी कह सकते हैं.

आज युवा पीढ़ी को innovation और नए Ideas की ज़रूरत है . बेरोज़गारी आज भी देश की प्रमुख समस्या है . देश की युवा पीढ़ी को विवेकानंद के कुछ विचारों से बहुत मदद मिल सकती है . 

स्वामी विवेकानंद ने कहा था ''Take Risks In Your Life, If you win, You can Lead, If you loose, You can guide'' 
मतलब "अपने जीवन में जोखिम उठाओ, अगर तुम जीतोगे तो नेतृत्व करोगे और अगर हारोगे तो लोगों का मार्गदर्शन करोगे"

सांप्रदायिक तनाव और जातिगत भेदभाव आज भारत की एक बहुत बड़ी समस्या है . अगर भारत का हर नागरिक, स्वामी विवेकानंद के इन विचारों से सीख ले तो ये समस्या भी खत्म हो सकती है . स्वामी विवेकानंद ने अपने बारे में कहा था कि 

"अगर मैं अपने अनगिनत दोषों के बावजूद खुद से प्यार करता हूं, तो मैं कुछ दोषों की वजह से किसी दूसरे से नफरत कैसे कर सकता हूं" 

भारत कभी विश्व गुरु हुआ करता था और आज ढोंगी बाबाओं की वजह से भारत बदनाम हो रहा है . भारत में आज एक आध्यात्मिक भ्रष्टाचार चल रहा है . इस समस्या का इलाज भी स्वामी विवेकानंद ने बहुत पहले ही बता दिया था . 

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ''कोई भी आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता. आपकी सबसे बड़ी शिक्षक आपकी अपनी अंतरआत्मा है'' 
ये स्वामी विवेकानंद के वो विचार हैं वो आज भी बहुत प्रासंगिक हैं . 

Trending news