ZEE जानकारी: मोदी सरकार के बजट की खास बातें
Advertisement

ZEE जानकारी: मोदी सरकार के बजट की खास बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी मंत्र के साथ शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया. 

ZEE जानकारी: मोदी सरकार के बजट की खास बातें

कहते हैं कदम तेज़ भले ही ना हो..सधे हुए होने चाहिए...नहीं तो गिरने की आशंका ज़्यादा होती है. 
कई लोगों को उम्मीद थी कि निर्मला सीतारमण अपने बजट में चौके-छक्के लगाएंगी, लेकिन उन्होंने इसके बदले सिंगल्स पर जोर दिया . उन्होंने 20-ट्वेंटी की तरह तेज ना खेलकर टेस्ट मैच की तरह सधी हुई पारी खेली .

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी मंत्र के साथ शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया है. शुक्रवार सुबह से लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं, कि इस बार के बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.

इस बार का बजट गांव, ग़रीब और किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. जिसका मकसद है,अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाना. और उन्हें विकास की गति में शामिल करना. आज हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 128 मिनट के भाषण को ध्यान से सुना है. और आपके लिए इस बार के बजट की एक Zip File बनाई है. जिसमें आपके सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा.

किसी बजट के संदेश को समझने का सबसे आसान तरीका ये है...कि बजट के भाषण में इस्तेमाल हुए शब्दों का विश्लेषण किया जाए. और ये जानने की कोशिश की जाए कि कौन से शब्द कितनी बार प्रयोग किए गए? आज का बजट भाषण 128 मिनट का था...यानी 2 घंटे 8 मिनट...और हमने 128 मिनट के दौरान इस्तेमाल हुए कुछ ज़रुरी शब्दों को Scan किया है.

ये New India का बजट है. शायद इसीलिए वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान 120 बार, भारत का ज़िक्र किया.

21 बार विकास यानी Development की बात हुई. 

Infrastructure शब्द 29 बार सुनाई दिया.

15 बार ग्रामीण इलाकों का ज़िक्र हुआ. 9 बार किसानों की बात हुई.

19 बार Digital शब्द का ज़िक्र हुआ. 

महिलाओं का ज़िक्र 19 बार

शिक्षा का ज़िक्र 16 बार 

और 9 बार स्पेस का ज़िक्र किया गया. 

हमारे इस छोटे से विश्लेषण से आप ये समझ गए होंगे कि इस बार के बजट का Focus किस पर है? यानी सरकार का सबसे ज्यादा Focus देश और उसके विकास पर है. और इस विकास के साथ सरकार देश की कृषि, किसानों, ग्रामीणों, गरीबों और महिलाओं की स्थिति भी सुधारना चाहती है. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और रोज़गार पर भी सरकार का Focus है. और यही पूरे बजट का सार है.

बुनियादी तौर पर आज का बजट India से ज्यादा New India का बजट है. जिसमें नए भारत के निर्माण की झलक भी दिखती है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में क्या कहा, इसके विश्लेषण से पहले ये देखिए, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्या कहा....क्योंकि, उन्होंने भी New India के बजट पर अपना विश्लेषण किया और देश के साथ संवाद किया. 

बजट की मुख्य बातों से पहले कुछ तस्वीरों का ज़िक्र करना ज़रुरी है. क्योंकि, इस बार का बजट परंपराएं तोड़ने वाला भी है. 

बजट एक फ्रेंच शब्द है.. और इसका मतलब होता है चमड़े का बैग. लेकिन इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस वाली 159 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी है. बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण के हाथों में कोई ब्रीफकेस नहीं था.

बल्कि वो बजट के दस्तावेज़ों को लाल रंग के कपड़े में लाईं थीं. वित्त मंत्री के हाथ में लाल रंग का अशोक स्तंभ चिह्न वाला एक कपड़ा था. हमेशा बजट की कॉपी सूटकेस में ले जाने की परंपरा रही है. लेकिन निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ दिया .

ऐसा पहली बार हुआ जब ब्रीफकेस की जगह बजट दस्तावेज को एक लाल रंग के कपड़े में संसद लाया गया हो. भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार Krishnamurthy Subramanian ने इसकी वजह बताई. और इसे भारत की परंपरा बताया. उन्होंने ये भी कहा, कि ये पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक है. और इस बार का बजट कोई बजट नहीं, बल्कि 'बही खाता' है.

आज़ादी के बाद देश का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर.के. शणमुगम शेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था. उस वक्त वो बजट के दस्तावेज लेदर बैग यानी चमड़े के बैग में लेकर आए थे. इस वक्त आप वही तस्वीरें देख रहे हैं.

हमने सालों से देश के अलग-अलग वित्त मंत्रियों को हर साल बजट की कॉपी, अलग-अलग रंगों के सूटकेस में लाते हुए देखा है. 
कभी लाल, कभी Maroon, तो कभी चॉकलेटी रंग. इस वक्त आप तीन अलग-अलग तस्वीरें देख रहे हैं. पहली तस्वीर 
24 जुलाई 1991 की है. जब तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह Maroon रंग के Briefcase में बजट के दस्तावेज़ लेकर आए थे.
ठीक इसी तरह 10 जुलाई 2014 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के हाथों में चॉकलेटी रंग का सूटकेस था. जबकि, 1 फरवरी 2019 को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल के हाथों में Maroon रंग का सूटकेस था. वित्त मंत्री बजट पेश करने से पहले सूटकेस के साथ तस्वीर भी खिंचवाते हैं. और ये परंपरा आज की नहीं है, बल्कि 159 साल पुरानी है.

ऐसा कहा जाता है, कि सन 1860 में बिट्रेन के 'Chancellor of the Exchequer', William Ewart, बजट के Papers के एक बंडल को चमड़े के बैग में लेकर आए थे. और उसी वक्त से बजट पेश करने के लिए बजट की कॉपी सूटकेस में ले जाने की परंपरा शुरू हुई. ब्रिटेन में लाल रंग के सूटकेस में बजट के कागज़ात लाने की ये परंपरा 2011 तक चलती रही. 

और इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सूटकेस वाली परंपरा तोड़ते हुए, देश को पश्चिमी विचारों से मुक्ति दिला दी है.
आज दो और नई बातें हुईं. 

निर्मला सीतारमण को देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ. वैसे तो 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आम बजट पेश किया था. क्योंकि उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी था. लेकिन 49 साल बाद दूसरी बार किसी महिला वित्तमंत्री ने बजट पेश किया. यानी वो पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने देश की दशा और दिशा बदलने वाला बजट या कहें, बही-खाता देश के सामने रखा. उनके भाषण में आज एक और दिलचस्प बात दिखाई दी. उन्होंने देश के 4 महापुरुषों की बातों का भी ज़िक्र किया. 

इनमें आचार्य चाणक्य, स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और दक्षिण के संत बसवेश्वर का नाम शामिल है. आप ये भी कह सकते हैं, कि इस बार के बजट में इन चारों महापुरुषों के विचार को शामिल किया गया है. इसलिए मोदी सरकार के बही-खाते का विश्लेषण करने से पहले वित्त मंत्री की ये बातें सुननी ज़रुरी हैं.

सरकार ने बजट में 10 वर्षों में सरकार के लक्ष्यों को भी तय किया है . सरकार ने ये लक्ष्य Blue Sky Thinking पर तय किए हैं . Blue Sky Thinking का मतलब है... दूर तक सोचना और बड़ा सोचना . 

सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 Trillion Dollar यानी 340 ((लाख ))करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था बनाना है . 

इसके लिए भारत को हर साल औसतन 20 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा . 

भारत इस साल के अंत तक 3 Trillion Dollar यानी करीब 200 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था बन जाएगी . 

5 वर्ष पहले भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी . लेकिन अभी भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है 

सरकार ने डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है . 

बजट में प्रदूषण मुक्त भारत का लक्ष्य तय किया है . 

सरकार का नया Vision है... हरी-भरी धरती और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्त भारत

इसके अलावा... मेक इन इंडिया का विस्तार करने की योजना बनाई गई है . लघु उद्योग, स्टार्ट अप, रक्षा से जुड़े निर्माण, Auto, इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा उद्योग और इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को भारत में ही बनाने का लक्ष्य रखा गया है .

हर घर तक साफ पानी पहुंचाने और नदियों को साफ करने का का लक्ष्य तय किया गया है . 

इसके अलावा...अंतरिक्ष कार्यक्रम को और तेज़ करने की योजना है . इसके लिए गगनयान, चंद्रयान और उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा . 

सरकार ने खाने-पीने के सामान, अनाज, दालों और सब्ज़ियों में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा है . साथ ही अनाज के निर्यात को बढाने की योजना बनाई जाएगी . 

आज बजट में पेट्रोल और डीज़ल महंगा कर दिया गया है. Excise Duty बढ़ने से पेट्रोल ढाई रुपये और डीज़ल 2 रुपये 30 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है. जबकि इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो गये हैं...क्योंकि अब उनपर GST दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर डेढ़ लाख तक की छूट भी मिलेगी . ये पर्यावरण को देखते हुए बहुत अच्छा फ़ैसला है.

सोने के ज़ेवर जैसे उत्पाद अब महंगे हो जाएंगे...क्योंकि सोने पर सीमा शुल्क अब 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है.
वहीं अगर आप 45 लाख रुपये तक का हाउसिंग लोन लेते हैं तो इसके ब्याज पर छूट 2 लाख से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपये कर दी गई है. इसकी वजह से सस्ता घर खरीदने वाले लोग 7 लाख तक का टैक्स बचा सकते हैं. इसलिये ये मिडिल क्लास को सरकार की तरफ़ से बड़ी राहत है. जो लोग घर के लिये लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिये ये ख़ुशख़बरी है.

घरेलू उद्योगों का ख़्याल रखते हुए...आयात किये जाने वाले कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है.
इसलिये आयात किये जाने वाले Auto Parts, किताबें और डिजिटल वीडियो कैमरे अब महंगे हो गये हैं.
अब बैंक से साल में एक करोड़ रुपये से ज़्यादा निकालने पर 2 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा. यानी अगर कोई साल में एक करोड़ रुपये खाते से निकालता है...तो दो लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे.

इस बार बजट में रेलवे की समस्याओं को खत्म करने और रेलवे लाइनों के विस्तार पर ज्यादा ज़ोर है .

सरकार का अनुमान है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वर्ष 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की ज़रूरत होगी . रेलवे लाइनों को तेज़ी से बढाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की भी मदद ली जाएगी .

नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले रेलवे सेक्टर में सबसे ज्यादा राजनीति होती है . 
अक्सर ये देखा जाता है कि सांसद और मंत्री अपने अपने क्षेत्रों में Local Stations पर ट्रेन को रुकवाने के लिए दवाब डालते हैं . इससे रेल गाड़ियों को गलत Route से गुजरना पड़ता है और रेलवे को नुकसान होता है . सांसद अपने क्षेत्रों में नई ट्रेन चलवाने पर ज़ोर देते थे . ऐसा करके वो अगला चुनाव जीतने की योजनाएं बनाते थे . लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये पुरानी परंपराएं खत्म हो गई हैं . 

अब बजट में नए रेलवे ट्रैक बिछाने, Signal System को मजबूत करने जैसी बुनियादी बातों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है .

बजट में उन लोगों को झटका लगा है जिनकी वार्षिक कमाई 2 करोड़ रुपये से ज़्यादा है. अब सालाना 2 से 5 करोड़ रुपये तक कमाने वाले लोगों पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लगेगा. जबकि सालाना 5 से 7 करोड़ रुपये कमाने वालों को 7 प्रतिशत तक ज़्यादा सरचार्ज देना होगा.

अब बैंक से साल में एक करोड़ रुपये से ज़्यादा निकालने पर 2 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा. यानी अगर कोई साल में एक करोड़ रुपये खाते से निकालता है...तो दो लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज Zee News से खास बातचीत की है . निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ये बजट देश के मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए है . और इसमें देश के बहुमुखी विकास की क्षमता है . ((अब खुद निर्मला सीतारमण आपको ये बताएंगे कि इस बजट से देश को क्या फायदा होने जा रहा है . ))

सरकार ने छात्रों और युवाओं की ज़रूरतों को देखते हुए बजट तैयार किया है . 

बजट में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है . इसके लिए नई शिक्षा नीति लाई जाएगी . 

देश में हर प्रकार की शिक्षा में रिसर्च पर खास ध्यान दिया जाएगा . भारत के विश्व विद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए 400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है . 

स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन एक विशेष चैनल शुरू करेगा . युवा नए Idea के साथ नया रोज़गार शुरू कर सकें . इसके लिए Start Up पर लगने वाले टैक्स को सरल किया जाएगा . Start Up के लिए निवेश कहां से मिले, इसके लिए Online व्यवस्था की जाएगी . 

युवाओं को विदेशों में रोज़गार दिलाने के लिए विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा . 

इसके अलावा रोजगार पैदा करने के लिए छोटी और मध्यम स्तर की कंपनियों में भारी निवेश किया जाएगा . 

खेलों में युवाओं को आगे बढाने के लिए खेलो इंडिया योजना का विस्तार किया जाएगा . खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाएगा .

इसके अलावा अब 250 से 400 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को सिर्फ़ 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होगा. पहले ये टैक्स 30 प्रतिशत था. देश की 99 प्रतिशत से ज़्यादा कंपनियों का टर्नओवर 400 करोड़ रुपये से कम है. 

वहीं व्यापारियों को आसान क़र्ज़ देने के लिये सरकार बैंकों को 70 हज़ार करोड़ ज़्यादा फंड देगी.

50 करोड़ से ज़्यादा की टर्नओवर वाली कंपनियों को डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट स्वीकार करने पर कोई भी चार्ज नहीं देना होगा. इससे डिजिटल Transaction करने वाले ग्राहकों को भी फ़ायदा होगा.

वित्तमंत्री ने आज महिलाओं के लिए योजनाओं का ऐलान करने से पहले 'नारी तू नारायणी' कहा . इसके बाद अलग-अलग योजानाओं का ऐलान किया.

बजट में कहा गया कि महिलाओं के बीच स्व रोज़गार को बढावा दिया जाएगा . बजट में महिलाओं के लिए भी Special Gift है . छोटे-छोटे निजी समूह बनाकर काम करने वाली महिलाओं को अब मुद्रा योजना के जरिए मदद की जाएगी . ऐसी निजी समूह वाली महिलाएं मुद्रा योजना के तहत एक लाख रुपये तक का लोन ले सकती है. सरकारी और निजी सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं के साथ भेदभाव को दूर करने के लिए एक समिति बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है . 

फरवरी के महीने में सरकार अंतरिम बजट लेकर आई थी . तब नौकरीपेशा लोगों को सरकार ने बहुत बडा Gift दिया था . अंतरिम बजट के Tax Slab के हिसाब से 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर लोगों को Tax में छूट मिल गई थी . 

इस बार बजट में भी अंतरिम बजट के Tax Slab को ही जारी रखा गया है . यानी नौकरीपेशा लोगों को Tax Slab में लाभ मिलता रहेगा . लेकिन इस बार पूर्ण बजट में नौकरीपेशा लोगों को इसके अलावा और कोई बड़ी राहत नहीं मिली है . 

अगर देखा जाए तो आज का बजट नौकरी पेशा लोगों से ये कह रहा है कि ये मत पूछिए कि सरकार आपके लिए क्या कर सकती है ? ये पूछिए की आप देश के लिए क्या कर सकते हैं. क्योंकि हम सभी को राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान देना है.

अब आपको भारत में पेश किए जाने वाली आम बजट से जुड़ी कुछ Extra knowledge देते हैं. बजट के बारे में ये बातें आपको कहीं और जानने को नहीं मिलेंगी .

अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण 2003 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने दिया था, उनका भाषण 2 घंटे 13 मिनट तक चला था.

जबकि शब्दों के मामले में 1991 में मनमोहन सिंह का भाषण सबसे लंबा भाषण था. उस भाषण में कुल शब्दों की संख्या 18 हज़ार 650 थी.

शब्दों के मामले में सबसे छोटा भाषण 1977 में Hirubhai Patel ने दिया था . उन्होंने 800 शब्दों वाला अंतरिम बजट पेश किया था.

सबसे बड़ा बजट घाटा 1973 के आम बजट में देखने को मिला था. ये घाटा 550 करोड़ रुपये का था. और उस दौर में इसे Black Budget कहा गया था.

संसद में सबसे ज्यादा बार आम बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है. जिन्होंने कुल 10 बार बतौर वित्त मंत्री.. देश का बजट पेश किया.

काला धन देश की कितनी पुरानी समस्या है, इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं, कि 1965 के आम बजट में पहली बार काले धन को लेकर Disclosure Scheme लाई गई थी.

1955 में पहली बार बजट के कागज़ हिंदी में भी तैयार किए गए थे .

Trending news