Zee Jaankari: ट्रैफिक जाम की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान
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Zee Jaankari: ट्रैफिक जाम की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान

वर्ष 2017 में खराब सडकों की वजह से 3597 लोगों की मौत हुई थी . यानी हर रोज़ करीब 10 लोग सड़कों पर मौजूद गड्ढों की वजह से मारे गए थे.

Zee Jaankari: ट्रैफिक जाम की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान

आज हम दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में हो रहे अतिक्रमण को एक Case Study मान रहे हैं. और इस हिसाब से यहां अतिक्रमण रोकने की पहली ज़िम्मेदारी इस इलाके के बीट कॉन्स्टेबल की है. यानी दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है. दूसरी जिम्मेदारी है, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की. तीसरी जिम्मेदारी है, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की. क्योंकि ये इलाका उसी के Under में आता है. चौथी जिम्मेदारी है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की . क्योंकि ऐसा अतिक्रमण वो भी रुकवा सकते हैं. और पांचवीं जिम्मेदारी है दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल की. क्योंकि वो दिल्ली में प्रशासन के मुखिया हैं.

इसलिए LG साहब अपनी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते है. कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चांदनी चौक इलाके को No-Vending zone यानी सड़कों को रेहड़ी-पटरी से मुक्त बनाए जाने का आदेश दिया था. इसके बाद अक्टूबर 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कहा था कि चांदनी चौक में अतिक्रमण के लिए पुलिस को जिम्मेदार माना जाएगा.

हाईकोर्ट ने माना था कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है . दो वर्ष पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि आदेशों को ना मानने की सूरत में.MCD और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी . लेकिन 23 महीनों के बाद भी चांदनी चौक के हालात नहीं बदले हैं.

आज हमारी टीम ने चांदनी चौक का Reality Check किया और इस Reality Check से साफ हो गया कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की भी कोई परवाह नहीं करता. सिर्फ अतिक्रमण ही नहीं हमारे देश के लोग टूटी फूटी सड़कों, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की भी भारी कीमत चुका रहे हैं.

वर्ष 2017 में खराब सडकों की वजह से 3597 लोगों की मौत हुई थी . यानी हर रोज़ करीब 10 लोग सड़कों पर मौजूद गड्ढों की वजह से मारे गए थे. ट्रैफिक जाम की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को 1 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. जबकि प्रदूषण की वजह से भारत में हर साल 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है.

यानी हमारे सिस्टम की लापरवाही देश के लोगों की जान भी ले रही है और अर्थव्यस्था को बदहाल भी कर रही है. इसलिए सिर्फ आम लोगों पर ही नहीं बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों, नेताओं और सरकारों पर भी भारी जुर्माना लगना चाहिए.

 

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