अभिव्यक्ति की आजादी के बहाने टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्लान का विश्लेषण
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अभिव्यक्ति की आजादी के बहाने टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्लान का विश्लेषण

हमारे देश में मौजूद टुकड़े टुकड़े गैंग लगातार सरकार और सेना के खिलाफ एजेंडा चला रहा है. जेएनयू में आज जो कुछ भी हुआ वो टुकड़े टुकड़े गैंग की देश विरोधी सोच का ही परिणाम है.

अभिव्यक्ति की आजादी के बहाने टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्लान का विश्लेषण

एक तरफ हमारे जवान हमारे लिए जान दे रहे हैं दूसरी तरफ टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग बेशर्मी से देश का विरोध कर रहे हैं, शहादत का अपमान कर रहे हैं. अभिव्यक्ति की आज़ादी इंसान के बुनियादी अधिकारों में शामिल है. यानी ये भी मानव अधिकार का विषय है. लेकिन हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देश के टुकड़े-टुकड़े करने की आज़ादी चाहते हैं. दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का एक कार्यक्रम था. जितेंद्र सिंह वहां कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के विषय पर लेक्चर देने गए थे. लेकिन तभी जेएनयू के वामपंथी छात्रों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद ABVP और वामपंथी छात्रों के बीच बहस और नारेबाज़ी शुरु हो गई. कुछ छात्र एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की भी कर रहे थे. हमने आज आपको देश के नायकों से मिलवाया. इनमें वैज्ञानिक और हमारी सेना के जवान शामिल हैं. वैज्ञानिक भारत का मान बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं तो हमारी सेना के जवान देश की रक्षा में जुटे हैं. ये लोग देश के असली नायक हैं.

लेकिन हमारे देश में मौजूद टुकड़े टुकड़े गैंग लगातार सरकार और सेना के खिलाफ एजेंडा चला रहा है. जेएनयू में आज जो कुछ भी हुआ वो टुकड़े टुकड़े गैंग की देश विरोधी सोच का ही परिणाम है. पहले आप JNU कैंपस से आया ये Video देखिए फिर हम टुकड़े-टुकड़े गैंग की जहरीली विचारधारा का विश्लेषण करेंगे. 9 फरवरी 2016 को भी JNU में देश विरोधी नारेबाज़ी हुई थी. देश के टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगाए गए थे. हमने सबसे पहले इस टुकड़े-टुकड़े गैंग का सच आपके सामने रखा था. और आज इसी टुकड़े-टुकड़े गैंग को बर्बादी गैंग का साथ मिल गया है. जो देश और देश की सरकार की बर्बादी का सपना देख रहा है.

हमने आज से तीन वर्ष पहले देश को आगाह किया था कि अगर JNU जैसे शिक्षा के मंदिरों में देशद्रोह के बीज बोए जाएंगे तो फिर देश को दूसरे विश्वविद्यालयों में भी कुछ समय बाद आतंक के पेड़ दिखाई देने लगेंगे. जो शैक्षिक संस्थानों के मूल चरित्र के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी. शिक्षा के मंदिरों में देशद्रोह को पनपने की इजाज़त नहीं दी जा सकती. लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं. बल्कि टुकड़े-टुकड़े गैंग की अलग-अलग शाखाएं अब देश भर में फलने फूलने लगी हैं. 19 सितंबर को कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की की गई थी. उनके बाल तक नोच लिए गए थे. तब बाबुल सुप्रियो को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ को जादवपुर यूनिवर्सटी जाना पड़ा था. और आज ऐसे ही विरोध का सामना केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को करना पड़ा है.

जितेंद्र सिंह अपने संबोधन में लगातार कह रहे थे कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर जो लोग विरोध कर रहे हैं उनके पास विरोध की कोई ठोस वजह नहीं हैं. वो सिर्फ दिखावे के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. अलगाववादियों, आतंकवादियों और पत्थरबाज़ों के मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले ये लोग एक केंद्रीय मंत्री को उसकी अभिव्यक्ति की आज़ादी से वंचित करना चाहते हैं और इसके लिए हिंसा और धक्का मुक्की का भी सहारा लेने लगते हैं. यानी एक देश में दो संविधान का सपना देखने वाले एक देश में दो तरह के मानव-अधिकारों का सपना भी देखते हैं.

विरोध करने की आज़ादी को लोकतंत्र में बहुत अहमियत दी जाती है. लेकिन इस विरोध का स्तर वैचारिक होना चाहिए और इससे देश की संप्रभुता और अखंडता को कोई खतरा नहीं होना चाहिए. लेकिन जो लोग देश को तोड़ने का सपना देखते हैं वो अभिव्यक्ति की आज़ादी का नहीं बल्कि अपनी देश विरोधी सोच का प्रदर्शन कर रहे होते हैं. 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देश के टुकड़े टुकड़े करने वाली गैंग ने अपनी देश विरोधी सोच का Trailer पेश किया था. इससे पहले कि वो नफरत की पटकथा पर आधारित अपनी फिल्म रिलीज़ कर पाते Zee News ने इस गैंग का भंडाफोड़ कर दिया था. देश विरोधी Gang ने उस वक्त ज़ी न्यूज़ की पत्रकारिता पर भी सवाल उठाए थे और हमें झूठा साबित करने की कोशिश की थी. लेकिन ज़ी न्यूज़ पर दिखाए गए सत्य की हमेशा विजय हुई और टुकड़े टुकड़े गैंग परास्त होता रहा.

लेकिन हमें ये कहते हुए भी अफसोस हो रहा है कि अब देश में इस टुकड़े टुकड़े वाली सोच के कई Script Writers तैयार हो गए हैं. ये लोग देश के कोने कोने में देशविरोधी सोच फैला रहे हैं. इनमें नेता भी शामिल हैं, अंग्रेज़ी बोलने वाले Celebreties भी और डिजाइनर पत्रकार भी इसलिए आज हम एक बार फिर आपको इस गैंग से सावधान कर रहे हैं. देश विरोध की ये आवाज़ें किसी बारूद की तरह हैं और इस बारूद की महक पाकिस्तान में बैठे भारत विरोधियों को बहुत पसंद है. वो इसे और सुलगाना चाहते हैं ताकि भारत को नफरत की आग में झोंका जा सके. यही विरोध प्रदर्शन और नेताओं के भारत विरोधी बयान पाकिस्तान के लिए किसी Tonic का काम करते हैं. आने वाले 5 अक्टूबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का जन्मदिन है और शायद टुकड़े टुकड़े गैंग उन्हें Birthday Gift देने की कोशिश कर रहा है.

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