Tax भी बहुत धर्म निरपेक्ष होता है. ये अमीरों पर भी लगता है और गरीबों पर भी. अमीर गरीबों के मुकाबले ज्यादा Income Tax चुकाते हैं. लेकिन हमारे देश में बहुत सारे ऐसे Tax भी है. जो हर किसी को चुकाने पड़ते हैं. इन्हें Indirect Tax कहा जाता है.
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Tax भी बहुत धर्म निरपेक्ष होता है. ये अमीरों पर भी लगता है और गरीबों पर भी. अमीर गरीबों के मुकाबले ज्यादा Income Tax चुकाते हैं. लेकिन हमारे देश में बहुत सारे ऐसे Tax भी है. जो हर किसी को चुकाने पड़ते हैं. इन्हें Indirect Tax कहा जाता है. आप इसे ऐसे समझिए कि हमारे देश में जिसकी वार्षिक आय 15 लाख रुपये से ज्यादा है. उसे 30 प्रतिशत Tax चुकाना होगा. लेकिन अगर आपको लगता है कि गरीब लोगों को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता तो आप गलत है.
क्योंकि महीने में 5 हज़ार रुपये कमाने वाला व्यक्ति भी बाज़ार से जो वस्तुएं खरीदता है. उसे उस पर GST देना होता है. एक आंकलन के मुताबिक हर महीने 5 हज़ार रुपये कमाने वाला व्यक्ति भी हर साल अप्रत्यक्ष कर के रूप में करीब 5 हज़ार 300 रुपये का Tax चुकाता है. इसी तरह 10 हज़ार रुपये प्रति महीने कमाने वाला व्यक्ति प्रति वर्ष करीब 11 हज़ार रुपये का Tax GST के रूप में चुका देता है. और महीने के 30 हज़ार रुपये कमाने वाला व्यक्ति साल में करीब 42 हज़ार रुपये का Tax वस्तुओं और सवाओं पर लगने वाले GST के रूप में चुका देता है.
यानी tax का ये जाल कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है. और देश का हर व्यक्ति चाहे वो अमीर हो या गरीब, हिंदी बोलने वाला हो या कन्नड़ सबको Tax चुकाना पड़ता है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट भाषण के दौरान 6 अलग अलग भाषाओं का इस्तेमाल किया. उन्होंने अंग्रेजी के अलावा हिंदी, संस्कृत, तमिल, फ्रैंच, और कश्मीरी भाषा का भी इस्तेमाल किया. कैसे अलग अलग भाषाओं का इस्तेमाल करके. वित्त मंत्री ने अपनी बात पूरे देश तक पहुंचाने की कोशिश की.
इस बजट में आम लोगों को राहत देने वाली एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई है. जिसके मुताबिक अब अगर कोई बैंक डूब जाता है तो आपकी 5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित होगी. यानी Insured होगी. सरकार ने ये कदम PMC बैंक घोटाला सामने आने के बाद उठाया है. इस घोटाले में बैंक के लाखों उपभोक्ताओं का पैसा फंस गया था.
सरकार ने अपनी तरफ से देश के हर वर्ग को राहत पहुंचाने की कोशिश की है. लेकिन शेयर बाज़ार को बजट बहुत पसंद नहीं आया. बजट भाषण के दौरान ही शेयर बाज़ार करीब 1000 अंक गिर गया. और शेयर बाज़ार से करीब 4 लाख करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाल लिए.
इसकी एक बड़ी वजह मानी जा रही है. life insurance corporation और IDBI में सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा. इसके अलावा कंपनियों को Budget में बड़ी राहत की उम्मीद थी. लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी.
हालांकि भारत के वाणिज्य यानी Commerce Minister पीयूष गोयल का कहना है कि ये बजट रोज़गार बढ़ाने वाला है. इससे FDI यानी विदेशी निवेश में इज़ाफा होगा और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी.