आज हम एक मां और बेटे के बीच अटूट रिश्ते का एक भावनात्मक विश्लेषण करेंगे. ये विश्लेषण आपके हृदय में भी अपनी मां के प्रति सम्मान और प्रेम को कई गुना बढ़ा देगा. कहते हैं मां के चरणों में स्वर्ग होता है. मां के आशीर्वाद से मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है.
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आज हम एक मां और बेटे के बीच अटूट रिश्ते का एक भावनात्मक विश्लेषण करेंगे. ये विश्लेषण आपके हृदय में भी अपनी मां के प्रति सम्मान और प्रेम को कई गुना बढ़ा देगा. कहते हैं मां के चरणों में स्वर्ग होता है. मां के आशीर्वाद से मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है. आपने एक हिंदी फिल्म का एक मशहूर डायलॉग भी सुना होगा कि- 'मेरे पास मां है'. आज हम. मेरे पास मां है. की इसी भावना के अलग अलग पहलुओं का विश्लेषण करेंगे .
आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. वो आज 69 वर्ष के हो गए हैं. किसी भी बेटे या बेटी के लिए जन्मदिन पर मिलने वाला सबसे अनमोल तोहफा होता है.
मां से मिला आशीर्वाद. इसलिए आज प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी मां. हीरा बा का आशीर्वाद लेने गुजरात के गांधी नगर पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने हीरा बा के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया. उनका हाल चाल जाना और दोपहर में उनके साथ भोजन भी किया . आप इसे प्रधानमंत्री का उनकी मां के साथ Birthday Lunch भी कह सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की मां की उम्र करीब 95 वर्ष है. लेकिन इतनी उम्र हो जाने बावजूद वो आज भी अपना हर काम खुद करती हैं. प्रधानमंत्री मोदी को जब भी अवसर मिलता है वो अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर अपनी मां का आशीर्वाद प्राप्त करने. उनके घर ज़रूर जाते हैं .
उन्होंने आज भी ये परंपरा निभाई और हीरा बा ने प्रधानमंत्री मोदी को शगुन भी दिया .आप कितने भी ऊंचे पद पर पहुंच जाएं, कितने भी सफल हो जाएं, या आपके पास कितनी भी धन दौलत आ जाए...अगर आप समय निकालकर अपनी मां के साथ भोजन नहीं कर पाते, आप उनका आशीर्वाद नहीं ले पाते और आप प्यार से दिए गए शगुन से भी वंचित रह जाते हैं . तो ये सारी दौलत, सारे पद और सारी सफलताएं किसी काम की नहीं हैं. अपनी मां का आशीर्वाद लेने के साथ ही..प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवड़िया का भी दौरा किया .
वो सरदार सरोवर डैम भी गए और उन्होंने नर्मदा नदी की पूजा भी की. प्रधानमंत्री मोदी ने केवड़िया के गरुडेश्वर दत्त मंदिर के भी दर्शन किए . कई परियोजनाओं का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने केवड़िया में जनता को संबोधित किया . लेकिन इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के बीच हुई मुलाकात की तस्वीरों ने पूरे देश को ममता की डोर से बांध दिया .
किसी भी व्यक्ति के जीवन में मां का स्थान सर्वोच्च होता है . मां के लिए सारी खुशियां न्योछावर की जा सकती हैं . तो मातृभूमि के लिए तन, मन और धन का बलिदान दिया जा सकता है . ये पहला अवसर नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने जन्म देने वाली मां, और अपनी मातृभूमि का एक साथ वंदन किया हो. इसी वर्ष मई में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी..अपनी मां का आशीर्वाद लेने गांधीनगर पहुंचे थे . उससे पहले अप्रैल में मतदान करने से पहले भी उन्होंने अपनी मां से आशीष मांगा था . वर्ष 2016 में भी अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने अपनी मां से स्नेह पूर्ण मुलाकात की थी .
वर्ष 2014, 2013 और 2011 में भी अपने जन्मदिन के अवसर पर...वो अपनी मां से स्नेह आशीष प्राप्त कर चुके हैं. अब हम आपको एक मां और बेटे के बीच हुए..उस भावनात्मक संवाद के बारे में बताएंगे . जो आज से करीब 3 वर्ष पहले हुआ था . ये बातचीत प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां हीरा बा के बीच हुई थी . तब हीरा बा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और उन्हें गांधी नगर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था . इसके बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा की तबीयत के बारे में जानने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में फोन किया था . जिसके बाद मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई थी .
प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे जो बताया था वो हमने आपको 26 फरवरी 2016 के DNA में दिखाया था . ये कोई ख़बर नहीं थी.. ये एक मां और बेटे का संवाद था.. जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मुझे फोन पर बताया.. और मुझे लगा कि ये संवाद मुझे आपके साथ Share करना चाहिए..मुझे उम्मीद थी कि मां-बेटे का ये संवाद देश की हर मां और देश के हर बेटे को प्रेरणा देगा और हमे लगता है कि हम अपनी कोशिश में सफल रहे. पिछले 3 वर्षों में Internet और Social Media पर इस Clip को 50 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और Share भी कर चुके हैं .
हमें लगता है कि आपको प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के बीच हुए इस मधुर और ममतामयी संवाद को एक बार फिर से सुनना चाहिए क्योंकि ये कोई खबर नहीं है बल्कि ये एक मां और बेटे के रिश्ते का सबसे सुखद पहलू है . इसी वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान..प्रधानमंत्री मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को एक इंटरव्यू दिया था .
अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा था कि क्या उनका मन अपने परिवार के साथ रहने का नहीं करता ? तब प्रधानमंत्री ने.. मां के साथ अपने रिश्तों की जो व्याख्या की थी उसे आज हर भारतीय को सुनना चाहिए . किसी भी मां के लिए उसकी संतान...उसी के अस्तित्व का विस्तार होती है. बच्चा सिर्फ अपनी मां के शरीर से जन्म नहीं लेता, बल्कि बच्चे के जन्म के साथ ही एक मां का भी जन्म होता है . हिंदू धर्म तो प्रकृति, पृथ्वी और पूरी सृष्टि को भी मां का दर्जा देता है . हिंदू धर्म में शक्ति के सारे स्वरूप स्त्रैण माने गए हैं . भगवान शिव को अर्ध नारीश्वर भी कहा जाता है .
यानी वो आधे नर हैं और आधे नारी . ऐसा इसलिए है क्योंकि सृष्टि का निर्माण तभी हो सकता है जब शिव और शक्ति का मिलन होता है . इसी शक्ति का सबसे ममतामयी रूप होती है हमारी मां.. इसीलिए हमारे समाज में मां को देवी का दर्जा दिया जाता है . हमारी फिल्में भी मां और बेटे-बेटी के बीच संबंधों को नए नए रूपों में परिभाषित करती रही हैं .
'मेरे पास मां है', हिंदी फिल्मों का सबसे चर्चित संवाद माना जाता है . फिल्मों में भले ही मां और संतान के बीच रिश्तों का स्वरूप बदल गया हो...लेकिन मां और सिनेमा का रिश्ता आज भी अटूट है. प्रधानमंत्री मोदी एक गरीब परिवार से आते हैं. उनकी मां ने उन्हें पढ़ाने-लिखाने और अच्छा नागरिक बनाने के लिए कड़ा परिश्रम किया .
नरेंद्र मोदी खुद कई बार..अपनी मां के संघर्षों और बलिदानों की चर्चा करते हुए भावुक हो चुके हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के बीच का ये रिश्ता आज देश के मध्यम वर्ग की प्रेरणा बन गया है.