ISRO के वैज्ञानिकों की चंद्रयान-2 के Lander विक्रम से संपर्क करने की कोशिशें अभी भी जारी हैं. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA भी इस काम में इसरो की मदद कर रही है.
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..और अब बात करते हैं च्रंदयान की. ISRO के वैज्ञानिकों की चंद्रयान-2 के Lander विक्रम से संपर्क करने की कोशिशें अभी भी जारी हैं. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA भी इस काम में इसरो की मदद कर रही है. 17 सितंबर को NASA का Lunar Orbiter (लूनर ऑर्बिटर) चंद्रमा के उस हिस्से से गुजरेगा, जहां Lander विक्रम मौजूद है. इस दौरान वो विक्रम की तस्वीरें भी खींचेगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि Lunar Orbiter...विक्रम के बारे में कोई नई जानकारी दे सकता है. लेकिन इसके तस्वीर खींचने में जो सबसे बड़ी समस्या है, वो ये है कि चांद पर अब शाम हो चुकी है.
चंद्रमा पर अभी Lunar Day चल रहा है. Lunar Day की शुरुआत 7 सितंबर को हुई थी, जब Lander विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर गिरा था. जिस समय विक्रम चांद पर गिरा, उस समय वहां सुबह थी. Lunar Day पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है. इन 14 दिनों में से आज यानी 16 सितंबर को 9 दिन पूरे हो चुके हैं.
Lunar Day के बाद 21 सितंबर को चंद्रमा पर रात हो जाएगी और ऐसा होने पर ISRO को किसी भी ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है. चंद्रमा पर रात भी 14 दिनों की होती है. यानी Lander विक्रम चंद्रमा के जिस हिस्से में है...वहां, सूरज की रोशनी अगले 14 तक नहीं पहुंचेगी. मशहूर Astronomer... Scott Tilley (स्कॉट टायली) ने भी 4 दिन पहले 12 सितंबर को विक्रम से संपर्क स्थापित होने की संभावना जताई थी.
स्कॉट टायली वही शख्स हैं, जिन्होंने वर्ष 2018 में अमेरिका की Weather satellite को ढूंढ निकाला था. यह सैटेलाइट नासा ने वर्ष 2000 में लॉन्च की थी, जिसके पांच साल बाद इससे संपर्क टूट गया था. विज्ञान में सफलता और असफलता नहीं होती...सिर्फ प्रयोग होता है. हम आज भी कह रहे हैं कि विक्रम से हमारा संपर्क टूटा है, संकल्प नहीं.