त्रेता युग मे भगवान राम के सामने जो चुनौतियां थी. कलियुग में भी आज हम उन्हीं चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
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त्रेता युग मे भगवान राम के सामने जो चुनौतियां थी. कलियुग में भी आज हम उन्हीं चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.इनमें सबसे ऊपर है आतंकवाद की चुनौती . आप आतंकवाद को आज का रावण कह सकते हैं. दूसरी चुनौती है विकास. भगवान राम के सामने लंका पहुंचने के लिए एक पुल बनाने की चुनौती थी .
यानी ये उस ज़माने का बहुत बड़ा InfraStructure Project था . जिसे भगवान राम ने बहुत कम वक्त में पूरा कर लिया. विकास की धीमी रफ्तार आज के भारत के सामने एक बड़ी चुनौती है. जिसे हमें राम वाली रफ्तार के साथ हरा सकते हैं. तीसरी चुनौती है धर्म की रक्षा. आज के संदर्भ में धर्म का अर्थ है समाज के हितों की रक्षा करना. त्रेतायुग में ये संकट राक्षसों ने पैदा किया था और आज कट्टरवादी ताकतें और अलगाववादी इस संकट को बढ़ा रहे हैं.
चौथी चुनौती है महिला सुरक्षा- भगवान राम ने सीता की रक्षा के लिए रावण के साथ युद्ध किया था. और आज भी देश की महिलाओं की रक्षा के लिए अपराधों वाले राक्षस के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ज़रूरत है. पांचवी चुनौती है अर्थव्यवस्था. रामायण काल में भगवान राम ने चित्रकूट मे अपने छोटे भाई भरत को बहुत ही सुंदर तरीके से अर्थव्यवस्था पर ज्ञान दिया था .
उन्होंने कहा था कि जनता से कर यानी Tax ऐसे लो...जैसे मधुमक्खी फूल से रस लेती है. यानी देश की जनता पर Tax का बोझ कम किया जाना चाहिए और अर्थव्यवस्था की तरक्की के लिए नए रास्ते तलाशे जाने चाहिए .