ZEE जानकारी: JNU के 10-12% छात्र 8 हजार छात्रों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़
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ZEE जानकारी: JNU के 10-12% छात्र 8 हजार छात्रों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़

DNA में आज हम सबसे पहले. उन छात्रों का विश्लेषण करेंगे. जो पढ़ाई-लिखाई छोड़कर एक ऐसा आंदोलन चला रहे हैं. जिसका मकसद Zee News के साथ दुश्मनी निकालना है.

ZEE जानकारी: JNU के 10-12% छात्र 8 हजार छात्रों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़

DNA में आज हम सबसे पहले. उन छात्रों का विश्लेषण करेंगे. जो पढ़ाई-लिखाई छोड़कर एक ऐसा आंदोलन चला रहे हैं. जिसका मकसद Zee News के साथ दुश्मनी निकालना है. आप इसे JNU के मुट्ठी भर छात्रों का वो वैचारिक प्रदूषण भी कह सकते हैं जिससे आज देश की राजधानी करीब 5 घंटे तक प्रभावित रही. वैसे तो JNU का पूरा नाम जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी है. लेकिन आज जिस तरह से JNU के इन छात्रों ने दिल्ली को बंधक बनाने की कोशिश की...उसे देखकर आप इसे J से जन विरोधी और N से नारेबाज़ी यूनिवर्सिटी भी कह सकते हैं.

छात्रों के इस प्रदर्शन की वजह से आज दिल्ली की कई सड़कें जाम हो गईं और मेट्रो के भी तीन स्टेशन बंद करने पड़े. लेकिन ये छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे. और Zee News के साथ भी अपनी दुश्मनी निकालते रहे. हमने आपको शुक्रवार के DNA में दिखाया था. कि कैसे JNU के कुछ छात्रों ने Zee News को अपना जीवन भर का शत्रु मान लिया है और आज भी ये छात्र JNU Vs Zee News वाला मैच खेलते रहे.

JNU और ZEE NEWS के बीच एक वैचारिक युद्ध शुरू हो गया है. ये बहुत अफसोस की बात है क्योंकि हमारे देश के लोकतंत्र में किसी यूनिवर्सिटी और मीडिया के बीच ऐसी लड़ाई कभी देखने को नहीं मिली थी. और ये आदर्शों की लड़ाई है.

JNU के कुछ छात्रों ने शुक्रवार को भी Zee News की महिला पत्रकारों के साथ अभद्रता की थी,.और ये सिलसिला आज भी जारी रहा. जो तस्वीरें आप देख रहे हैं वो हज़ारों शब्दों के बराबर है. ये छात्र बार-बार Zee News का स्वागत. अपमान और अपशब्दों के साथ करते हैं. ज़ी न्यूज़ के खिलाफ लहराए जा रहे पोस्टर्स और नारेबाज़ी इस बात का सबूत हैं..कि JNU के छात्रों की सहनशीलता, राष्ट्रवाद, उदारवाद, धर्म निरपेक्षता और निर्धन छात्रों को शिक्षा देने के तमाम दावे पूरी तरह खोखले हैं .

इन छात्रों को फीस बढ़ोतरी से ज्यादा परेशानी...Zee News से हो रही है. ये चुनिंदा छात्र...कुछ विशेष पत्रकारों और News चैनलों के रिपोर्टर्स का तो स्वागत बड़े प्यार से करते हैं..लेकिन मीडिया का जो वर्ग इनकी सच्चाई दिखाता है..उसके लिए इनके मन में सिर्फ और सिर्फ नफरत है.

इस आंदोलन के नाम पर आज दिल्ली के कई इलाकों को बंधक बनाया गया. इसीलिए आपत्तिजनक पोस्टर, नारेबाज़ी और धरने की कोई डिग्री होती तो उसमें JNU के ये छात्र ज़रूर टॉप करते.

ये छात्र सड़कों पर जिस तरह का व्यवहार कर रहे थे...जिस तरह से नारेबाज़ी कर रहे थे और जिस तरह से Zee News इनके निशाने पर था..उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ये यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं..बल्कि किसी पार्टी विशेष के कार्यकर्ता हैं. इन छात्रों के मन में जिस कदर...Zee News और मीडिया के एक विशेष हिस्से के खिलाफ नफरत भरी है.

उसे देखकर लगता है कि इनके मन में टुकड़े-टुकड़े गैंग जितना ही ज़हर है . JNU के इस आंदोलन को मीडिया के एक हिस्से का समर्थन मिल रहा है...जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि मीडिया के एक विशेष वर्ग ने इन छात्रों के साथ राजनैतिक गठबंधन कर लिया है .

लेकिन फिर इन छात्रों को इस बात से एतराज़ है कि हम इन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग क्यों कहते हैं . हम ये नहीं कह रहे कि JNU के सभी छात्र ऐसे हैं...ये JNU में पढ़ने वाले कुल छात्रों की संख्या का एक बहुत छोटा हिस्सा हैं..और विरोध प्रदर्शन कर रहे ये छात्र..बाकी छात्रों के प्रतिनिधी भी नहीं हैं . लेकिन ये मुट्ठी भर छात्र...JNU जैसे विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहे हैं..और यहां दिल से पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्रों की मेहनत का भी अपमान कर रहे हैं .

इन मुट्ठी भर छात्रों ने आज भी Zee News की महिला पत्रकारों का अपमान किया ...और अपने दूषित संस्कारों का परिचय दिया . लेकिन एक चैनल के तौर पर Zee News भी अपना काम करता रहेगा और उस गैंग के एजेंडे का पर्दाफाश करता रहेगा..जिसका मकसद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं...बल्कि विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को Promote करना है .

पहले आप ये देखिए कि कैसे इन छात्रों ने एक बार फिर Zee News के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी निकाली..फिर हम आपको JNU को जनविरोधी नारेबाज़ी यूनिवर्सिटी बनाने की साजिश के बारे में बताएंगे.

अब आप समझ गए होंगे कि कैसे ये छात्र Zee News को देखकर..अपनी गरीबी, गरिमा और संस्कार भूल जाते हैं . लेकिन हम बार बार इस बात पर ज़ोर देना चाहते हैं..कि JNU के सभी छात्र ऐसे नहीं है...JNU में करीब 8 हज़ार छात्र पढ़ते हैं और आज इनमें से करीब एक हज़ार छात्र प्रदर्शन कर रहे थे . यानी 10-12 प्रतिशत छात्र मिलकर..8 हज़ार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है और अपने साथ साथ उनकी छवि भी धूमिल कर रहे हैं.

आज विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, और मेरठ यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी बुलाया गया था. यानी JNU के ये छात्र अपने दम पर एक आंदोलन भी ठीक से खड़ा नहीं कर पा रहे हैं और प्रदर्शन के लिए बाहर से छात्रों की Out Sourcing की जा रही है.

इस विरोध प्रदर्शन की वजह से करीब 5 घंटे तक दिल्ली की अलग अलग सड़कों पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शन करने वाले 4 छात्र नेताओं की मुलाकात मानव संसाधन विकास मंत्रालय के Joint Secretary से कराई गई है. Joint Secretary ने इन छात्र नेताओं को आश्वासन दिया कि उनकी सारी मांगों को इस मामले पर बनाई गई MHRD की कमेटी के सामने रखा जाएगा.

MHRD यानी मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज सुबह ही 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. ये कमेटी जेएनयू प्रशासन और आंदोलन करने वाले छात्रों से बातचीत करके शांतिपूर्वक इस मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी. Joint Secretary और छात्र नेताओं की मुलाकात के बाद दिल्ली की सड़कें खाली हैं.

और जेएनयू में शांति है. जेएनयू प्रशासन पिछले 3 हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत करना चाहता है... लेकिन मुलाकात करके फीस वृद्धि का मुद्दा सुलझाने के बदले आज इन्होंने आधी दिल्ली को जाम करके मानो बंधक बना लिया . जेएनयू के छात्र नेताओं की ये विचारधारा जेएनयू और देश दोनों के लिए खतरनाक है..

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