Zee जानकारी : रोज सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो सेहत का सत्यानाश तय
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Zee जानकारी : रोज सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो सेहत का सत्यानाश तय

Zee जानकारी : रोज सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो सेहत का सत्यानाश तय

An Apple A Day Keeps The Doctor Away आपने स्वास्थ्य को लेकर अंग्रेज़ी की य़े कहावत ज़रूर सुनी होगी । मैं इस कहावत में थोड़ा बदलाव करना चाहता हूं..और वो बदलाव इस प्रकार है। A Cold Drink A Day Will Take Your Health Away । यानी अगर आप रोज़ सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो आपकी सेहत का सत्यानाश हो सकता है।

दुनिया की नामी गिरामी Soft Drink कंपनियों और उनके Products पर हमारा आज का विश्लेषण देखकर आपके मन में इन Soft Drinks के प्रति कोई Soft Corner नहीं बचेगा। हम इन कंपनियों का नाम नहीं लेंगे..क्योंकि हमारा मानना है कि नाम में क्या रखा है। आप सब जानते हैं कि हम कौन सी कंपनियों की बात कर रहे हैं।

ख़बर ये है कि तमिलनाडु में करीब 15 लाख दुकानदारों ने अपनी दुकानों से Soft Drinks के Stocks को हटा लिया है। इन दुकानदारों का कहना है कि वो Multinational Cola Companies द्वारा बनाई जाने वाली Cold Drinks नहीं बेचेंगे। इसकी जगह वो स्वदेशी कंपनियों द्वारा बनाई जाने वाली Soft Drinks को प्रमोट करेंगे। इसके पीछे मुख्य तौर पर दो वजहें बताई जा रही हैं। पहली ये कि Multinational कंपनियों द्वारा बनाई गई Cold Drinks का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। 

और दूसरी वजह ये है कि इन Cold Drinks के Production के दौरान पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है। इन कंपनियों पर आरोप है कि ये Cold Drink बनाने के लिए Ground Water का इस्तेमाल कर रही हैं। जिससे तमिलनाडु समेत देश के अलग अलग हिस्सों में Ground Water का स्तर तेज़ी से कम हो रहा है। 

आज हम अपने विश्लेषण के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि इन Cold Drinks निर्माता कंपनियों पर जो इल्ज़ाम लग रहे हैं..उनमें कितनी सच्चाई है और क्या वाकई Cold Drink पीने की आदत आपको गंभीर रोग दे सकती है। लेकिन उससे पहले आपको तमिलनाडु में Soft Drinks के खिलाफ शुरू हुई इस मुहिम के बारे में कुछ और बातें पता होनी चाहिए। 

पहली बात ये है कि Soft Drinks के खिलाफ Protest में Shopping Malls  और बड़ी Retail Shops शामिल नहीं हैं। लेकिन फिर भी तमिलनाडु के 70 प्रतिशत दुकानदार अब Multi-National COLA कंपनियों द्वारा बनाई जाने वाली Cold Drinks नहीं बेचेंगे। दूसरी अहम बात ये है कि Soft Drinks के खिलाफ इस मुहिम की शुरूआत जलीकट्टू के समर्थन में हुए आंदोलन के वक्त ही हो गई थी। और उसी आंदोलन की सफलता से प्रेरित होकर इस मुहिम को शुरू किया गया है। 

इस मामले से जुड़ी तीसरी अहम बात ये है कि ये दुकानदार Soft Drinks के विरोध में नहीं है..बल्कि सिर्फ Multi-National कंपनियों द्वारा बनाई जा रही Cold Drinks का विरोध कर रहे हैं। Soft Drink बनाने वाली कंपनियों को आम बोल-चाल की भाषा में Cola कंपनी कहा जाता है। इसलिए आपने गौर किया होगा कि दुनिया की सबसे बड़ी Cold Drink निर्माता कंपनियों के आखिर में Cola शब्द लगा हुआ है ।

Soft Drinks से शरीर को होने वाले नुकसान को लेकर लंबे वक्त से बहस हो रही है। Cola कंपनियों का दावा है कि उनके Products का सेवन अगर सीमित मात्रा में किया जाए..तो इनसे सेहत को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन कई Researchers, वैज्ञानिक और डॉक्टर मानते हैं कि ये Soft Drinks आपके शरीर के लिए बहुत खतरनाक हैं। वर्ष 2015 में ब्रिटेन के एक बड़े अखबार ने एक रिसर्च को प्रकाशित किया था। ये रिसर्च दुनिया के मशहूर Health Writer... यानी स्वास्थ्य संबंधी मामलों के लेखक Wade Meredith ने किया था। मैं आपको इसी रिसर्च के आधार पर ये बताऊंगा कि Cold Drink आपके शरीर में जाने के बाद.. 1 घंटे के अंदर क्या-क्या कर सकती है। 

ये Research 350 ML की कोल्ड ड्रिंक की Can या Bottle में शामिल Ingredients पर आधारित है। इस रिसर्च के मुताबिक जब आप 350 ML Coldrink पीते हैं..तो शुरूआती 10 मिनट में ही आपके शरीर में 10 चम्मच चीनी चली जाती है। ये आपकी दिन भर की ज़रूरत के बराबर है। इतनी चीनी एक साथ शरीर के System में जाने पर अक्सर शरीर उल्टी यानी Vomit कर देता है। लेकिन Cold drink पीने पर आपको उल्टी नहीं आती और उसकी एक वजह है। वजह ये है कि Coldrink में Phosphoric Acid होता है। और इसी Acid की वजह से Cold Drink की मिठास कम हो जाती है। 

Cold Drink  पीने के 20 मिनटों के बाद आपके शरीर में Blood Sugar बढ़ जाती है।  शरीर में Insulin का बहाव तेज़ी से होने लगता है..और आपका Liver इसे Handle करने की कोशिश करता है। इसके लिए Liver इस अतिरिक्त Sugar को Fat में बदलने लगता है। Cold Drink में कैफीन भी होती है। Cold Drink पीने के करीब 40 मिनटों के बाद शरीर इस कैफीन को  पूरी तरह से ग्रहण कर लेता है, जिससे आपकी आंखों की पुतलियां फैल जाती हैं। आप Alert महसूस करने लगते हैं। इस दौरान Blood Pressure भी बढ़ जाता है। इसे काबू में करने के लिए आपका Liver और ज्यादा शुगर शरीर में छोड़ने लगता है। 

45 मिनट के बाद शरीर में Dopamine नामक कैमिकल की मात्रा बढ़ने लगती है। Dopamine दिमाग के खुशी देने वाले हिस्से को सक्रिय कर देता है। जिससे आपको अच्छा महसूस होता है। वैसे आपको बता दें कि Heroin जैसे ड्रग्स भी इसी तरह काम करते हैं। 

Cold Drink पीने के 60 मिनटों के बाद यानी करीब 1 घंटे के बाद Cold Drink में मौजूद Phosphoric Acid ...Calcium, Magnesium और Zinc जैसे Minerals को शरीर की Small Intestine यानी छोटी आंत में भेज देता है। इस वजह से आप Urination के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस तरह आपके शरीर में Cold Drink के ज़रिए पहुंचा सारा पानी निकल जाता है। इसके अलावा कैफीन और Phosphoric Acid  की मौजूदगी वजह से Calcium, Magnesium और Zinc जैसे खनिज आपकी हड्डियों तक नहीं पहुंच पाते । और आपकी हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं

60 मिनटों के बाद..आपका शरीर थका हुआ महसूस करने लगता है। और शरीर में मौजूद ज़रूरी पोषक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं..और इससे आपकी हड्डियों, और दांतों को नुकसान होता है। और आपका शरीर ठीक तरह से Hydrate नहीं हो पाता है। यानी Cold Drink आपके शरीर में मौजूद पानी को सुखा देती है - यानी प्यास बुझाने के लिए पी जाने वाली कोल्ड ड्रिंक असलियत में आपकी प्यास बढ़ा देती है। लेकिन Cold Drinks सिर्फ आपके शरीर को ही नहीं बल्कि धरती के शरीर को भी सुखा रही है। 

एक नामी Cola कंपनी द्वारा कराए गए रिसर्च के मुताबिक आधे लीटर की  Cold Drink की Bottle को तैयार करने में करीब 35 लीटर पानी का इस्तेमाल होता है। इसमें पूरी Supply Chain शामिल है। यानी Cold Drink में डाली जाने वाली चीनी के उत्पादन से लेकर Cold Drink के दुकान तक पहुंचने की प्रक्रिया को इसमें शामिल किया गया है। जबकि Ethical consumer.org नामक Website की एक रिपोर्ट के मुताबिक  आधे लीटर की  Cold Drink की Bottle को तैयार करके ग्राहक तक पहुंचाने की प्रक्रिया में 150 से 300 लीटर तक पानी का इस्तेमाल किया जाता है। 

एक Bath Tub में अक्सर 90 Liters तक पानी आता है। अगर ये रिसर्च सही है तो इसका मतलब ये हुआ कि आधे लीटर की Cold Drink पीकर आप 3  Bath Tubs को भरने लायक पानी बर्बाद कर देते हैं। Cola कंपनियां अक्सर दावा करती हैं..कि वो पानी की बर्बादी को कम करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन सच ये है कि भारत के कई हिस्सों में इन कंपनियों की वजह से Ground Water तेज़ी से कम हो रहा है। साथ ही Production की प्रक्रिया में नदियों और कुएं का पानी भी ज़हरीला हो रहा है। 

ये कंपनियां कई तरह के Social Intiatives के ज़रिए ये साबित करने की कोशिश कर रही हैं..कि वो पर्यावरण के हित में काम कर रही हैं। और ज्यादा से ज्यादा पानी बचा रही हैं। लेकिन ये ऐसा ही है जैसे तंबाकू बनाने वाली कंपनियां कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल खोलने लगें। 

अलग-अलग रिपोर्ट्स को अगर सही माना जाए तो Soft Drinks, आपकी सेहत और आपके हिस्से का पानी भी धड़ल्ले से चुरा रही हैं। कोई इन्हें रोकने की हिम्मत नहीं दिखाता। तमिलनाडु के दुकानदारों ने ये हिम्मत दिखाई है और ये साबित किया है कि कोई मुहिम चलाने के लिए हमेशा सरकार या एजेंसियों की ज़रूरत नहीं होती। अगर आम आदमी चाहे..तो वो भी बड़ी बड़ी Multi-national कंपनियों को हरा सकता है। 

अगर अब भी आपके मन में Soft Drinks को लेकर कोई Soft Corner है..तो आपको हमारा विश्लेषण ज़रूर देखना चाहिए। आपको कोला वेरी डी नामक मशहूर गाना ज़रूर याद होगा। इस गाने को अगर कोला कंपनियों की नज़र से देखा जाए तो उसका मतलब होगा Cola Very D यानी dangerous। और आज हम आपको इसी Danger के बारे में बताएंगे। 

वैसे इस बीच इन कंपनियों के लिए एक राहत वाली खबर भी आई है। मद्रास हाईकोर्ट ने कोका कोला और पेप्सी को तमिलनाडु की तमीरापरानी नदी का पानी इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है।  दरअसल, तमिलनाडु में चार महीने पहले इन दोनों कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। तब एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि ये कंपनियां नदी के पानी का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही हैं । लेकिन कंपनियों ने कोर्ट में दलील दी कि वो सिर्फ Surplus पानी का ही इस्तेमाल कर रही हैं.. 

तमिलनाडु के दुकानदारों ने जो फैसला लिया है..उसका एक दूसरा पहलू भी है, और वो पहलू ये है कि Globalization के दौर में..विदेशी Products का बहिष्कार बहुत आसान काम नहीं हैं। और कुछ हद तक ऐसा करना व्यावहारिक भी नहीं है..लेकिन अगर मसला देशहित से जुड़ा हो तो ऐसा किया जा सकता है और उसके परिणाम सुखद होते हैं।

यहां मैं आपको एक हैरान करने वाली जानकारी भी देना चाहता हूं। शायद आपको ये बात पता नहीं होगी कि देश की संसद में जो कैंटीन है..वहां कोल्ड ड्रिंक्स नहीं मिलती है। यानी देश के सांसदों को अपने स्वास्थ्य की तो पूरी चिंता है..लेकिन देश की संसद ये कोशिश नहीं करती कि Soft Drinks के खतरे से देश के बच्चों और देश के लोगों को बचाया जाए।

यहां आपको ये भी बता दें कि Multi National Cola Companies करीब 200 से ज्यादा देशों में कारोबार करती हैं। और लाखों करोड़ों रुपये की कमाई करती हैं। दुनिया की दो बड़ी कोला कंपनियां मिलकर करीब 70 Aerated Drinks बेचती हैं।  Aerated Drinks उन्हें कहा जाता है जिन्हें carbonated water से तैयार किया जाता है।  अगर इन कंपनियों के कुल कारोबार का हिसाब लगाया जाए..तो ये कंपनियां हर वर्ष करीब 7 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं। इनमें से करीब 43 हज़ार 400 करोड़ रुपये इन Soft Drinks के विज्ञापनों पर खर्च किए जाते हैं। यही वो रकम है जिसके ज़रिए कंपनियां आपको प्रभावित करती हैं। 

हमें लगता है कि जिस तरह शराब और तंबाकू से बने उत्पादों का प्रचार करना अनैतिक है..उसी तरह सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले Products का प्रचार भी नहीं होना चाहिए।   आप भी अपने घर में आने वाले मेहमानों को नुकसानदायक Cold Drinks पिलाने की बजाय लस्सी, चाय, या शरबत जैसे Drinks Offer कर सकते हैं। हमें लगता है कि स्वदेशी Products में गर्मी से लड़ने की क्षमता भी है और विदेशी कंपनियों को टक्कर देने की क्षमता भी।

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