ZEE जानकारीः प्रकृति और जानवरों से जुड़ी एक जरूरी शोध रिपोर्ट
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ZEE जानकारीः प्रकृति और जानवरों से जुड़ी एक जरूरी शोध रिपोर्ट

दुनिया में सभी प्रजातियों के 60 प्रतिशत जीव-जन्तु विलुप्त हो चुके हैं. ये सब कुछ इंसानों की वजह से हुआ है. 

ZEE जानकारीः प्रकृति और जानवरों से जुड़ी एक जरूरी शोध रिपोर्ट

ज़ी न्यूज़ की टीम लगातार रिसर्च करती रहती है ताकि हम आपको नई जानकारियां दे सकें और आपको जागरुक बना सकें. आज हमने प्रकृति और जानवरों से जुड़ी एक ज़रूरी रिसर्च रिपोर्ट पढ़ी है. World Wildlife Fund की नई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1971 से 2014 के दौरान 43 वर्षों में, दुनिया में सभी प्रजातियों के 60 प्रतिशत जीव-जन्तु विलुप्त हो चुके हैं. ये सब कुछ इंसानों की वजह से हुआ है . अपनी ज़रूरतों को पूरा करने की वजह से लोगों ने दूसरे जीवों का मार दिया . और प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया. 

जो जानवर विलुप्त हुए हैं उनमें पहला नाम है एशिया में पाए जाने वाले चीते का . पूरी दुनिया में इस प्रजाति के चीते की संख्या 50 से भी कम है . अगर इनके शिकार को नहीं रोका गया तो ये चीता आपको इंटरनेट पर दिखाई देगा. इसके अलावा जंगल कम होने की वजह से अफ्रीकन प्रजाति के हाथियों की संख्या बहुत कम हो चुकी है . वर्तमान में इनकी संख्या 50 हज़ार से भी कम है जबकि 200 वर्ष पहले तक ये 2 करोड़ से ज़्यादा थे . जलवायु परिवर्तन की वजह से बर्फीले इलाकों में पाये जाने वाला Polar Bear अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. अब इनकी संख्या सिर्फ़ 24 हज़ार रह गई है .

North American Breeding Bird Survey के मुताबिक पिछले 50 वर्षों में गौरैया की संख्या 82 प्रतिशत तक कम हो चुकी है . गौरैया एक प्रकार की चिड़िया होती है, जो भारत सहित दुनिया के कई देशों में आमतौर पर देखी जाती है.शहरों में बढ़ता हुआ प्रदूषण... गौरैया के जीवन के लिए सबसे बड़ा संकट है. वाहनों से निकलने वाला धुंआ और ध्वनि प्रदूषण....गौरैया को बीमार कर देता है.इसके अलावा सड़कों पर लगी Street Lights भी गौरैया की Biological Cycle को ख़राब कर देती हैं. इन lights की वजह से ये पक्षी दिन और रात के बीच फर्क नहीं कर पाते और बीमार हो जाते हैं. 

नदियों और समुद्र में प्रदूषण की वजह से पानी में रहने वाले करीब 83 प्रतिशत जीव ख़त्म हो चुके हैं . ये प्रदूषण सबसे ज़्यादा प्लास्टिक की वजह से फैल रहा है . कई लोग ये भी सोच रहे होंगे कि जानवर मर रहे हैं तो मरें, इसमें उनका क्या जाता है. लेकिन सच ये है कि इसका असर आपकी ज़िंदगी पर भी पड़ेगा. क्योंकि प्रकृति में हर जीव की अपनी भूमिका है. अगर कोई जीव विलुप्त होता है तो उसकी वजह से प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है. पशु-पक्षियों की दुनिया देखने में जितनी खूबसूरत है, उतनी ही नाज़ुक भी है.. और इंसान इससे बाहर नहीं है.. वो इसी नाज़ुक दुनिया का हिस्सा है.

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