ZEE जानकारी: भारत सहित कई देशों में भीषण सर्दी, तो ऑस्ट्रेलिया में 47.3 डिग्री की झुलसाने वाली गर्मी
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ZEE जानकारी: भारत सहित कई देशों में भीषण सर्दी, तो ऑस्ट्रेलिया में 47.3 डिग्री की झुलसाने वाली गर्मी

World Health Organisation का अनुमान है कि हर वर्ष 1 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रही है. जलवायु परिवर्तन से सबसे ज़्यादा मौतें अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया में हो रही है.

ZEE जानकारी: भारत सहित कई देशों में भीषण सर्दी, तो ऑस्ट्रेलिया में 47.3 डिग्री की झुलसाने वाली गर्मी

पूरा उत्तर भारत इन दिनों ज़बरदस्त ठंड की चपेट में है, ट्रेनें समय पर नहीं चल रही हैं, उड़ानें रद्द हो रही हैं, ठंड से लोगों की मौत हो रही है, यहां तक की अमेरिका, China और Canada जैसे देशों में भी भीषण सर्दी पड़ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं एक देश ऐसा भी है जहां इस वक्त इतनी गर्मी पड़ रही है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.. ये कुदरत का बहुत बड़ा विरोधाभास है. पहले आप इन तीन तस्वीरों को देखिए उसके बाद हम आपको पूरी कहानी समझाएंगे.. आपकी टीवी स्क्रीन पर दिख रही पहली तस्वीर भारत की है, इस वक्त पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है... दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश का तापमान लगातार गिर रहा है. 

अब दूसरी तस्वीर देखिए, ये तस्वीर अमेरिका की है, यहां ठंड का ऐसा कहर है कि पूरा North America एक Deep Freezer में तब्दील हो गया है, यहां के लगभग 10 करोड़ लोग जानलेवा ठंड से संघर्ष कर रहे हैं. ठंड की वजह से अमेरिका और Canada में 20 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका और Canada के Border पर मौजूद Niagara Falls का कुछ हिस्सा तापमान गिरने की वजह से जम गया है. वहां का तापमान, अंटार्कटिका से भी कम हो गया है. 

अब आपको तीसरी तस्वीर के बारे में बताते है, ये तस्वीर Washington DC से 15 हज़ार 710 किलोमीटर दूर Australia के Sydney शहर की है .Australia के सिडनी में ठंड नहीं गर्मी पड़ रही है, और गर्मी भी इतनी कि लोगों का जीना मुश्किल  हो चुका है . Sydney शहर में रविवार का तापमान 47.3 Degree Celcius तक पहुंच गया था . पिछली बार सिडनी में इतना ज़्यादा तापमान वर्ष 1939 में रिकॉर्ड किया गया था.

Sydney में Ashes Series के आखिरी टेस्ट मैच में, खिलाड़ियों को तेज़ गर्मी की वजह से तीन बार Drinks Break लेना पड़ा, गर्मी की वजह से Sydney में चल रहे International Tennis Tournament में खिलाड़ियों को सुबह 10 बजे ही कोर्ट छोड़ना पड़ गया . क्योंकि उनके लिए इतनी गर्मी में खेलना नामुमकिन हो गया था. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक - प्रकृति में होने वाले इस तरह के बदलावों को अगर गंभीरता से नहीं लिया गया.. तो आने वाला वक्त बहुत भयानक हो सकता है. पूरी दुनिया में अकाल, सूखा.. और बाढ़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

World Health Organisation का अनुमान है कि हर वर्ष 1 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रही है. जलवायु परिवर्तन से सबसे ज़्यादा मौतें अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया में हो रही है. दुनिया में Global Warming के बुरे प्रभावों से बचने के लिए तमाम सरकारों को हर वर्ष कम से कम 6 लाख 35 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. Organisation for Economic Co-operation and Development ने Global Warming के मुद्दे पर आज से 82 वर्ष बाद तक का अनुमान लगाया है . 

OECD के मुताबिक वर्ष 1960 के मुकाबले वर्ष 2100 में तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. अगर ये अनुमान सही साबित हुआ तो दुनिया की अर्थव्यवस्था पर 2 से 10 प्रतिशत तक का बुरा असर पड़ सकता है. International Energy Agency की एक रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2050 तक अर्थव्यवस्था में बिना कार्बन वाले ऊर्जा के स्रोतों के लिए 44 Trillion Dollar की ज़रूरत होगी . ये रकम करीब 2,815 लाख करोड़ रुपए है . जो दुनिया के सालाना GDP का 58 प्रतिशत है. Global Warming और जलवायु परिवर्तन जैसे शब्दों को अक्सर हल्के में ले लिया जाता है.. लेकिन.. इसका असर इतना भयानक है कि इससे करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है. और कई फसलें.. हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं.

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