ZEE जानकारी: सरकारों, कंपनियों, NGOs और मीडिया पर कम हो रहा लोगों का भरोसा
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ZEE जानकारी: सरकारों, कंपनियों, NGOs और मीडिया पर कम हो रहा लोगों का भरोसा

28 देशों की जनता के भरोसे का औसत निकाला जाए तो वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में  मीडिया पर लोगों का भरोसा कम हुआ और ये कमी करीब 5 प्रतिशत है.

ZEE जानकारी: सरकारों, कंपनियों, NGOs और मीडिया पर कम हो रहा लोगों का भरोसा

भरोसा एक ऐसा शब्द है, जिसे पढ़ने में सिर्फ एक सेकेंड लगता हैं... सोचो तो एक मिनट लगता हैं.... समझो तो एक दिन लगता हैं.... लेकिन साबित करने में पूरी ज़िंदगी लग जाती है. अगर किसी देश की जनता का अपनी सरकार और सिस्टम पर भरोसा कम हो जाए.. तो उस देश के विकास और खुशहाली पर ब्रेक लग सकता है. और दुनिया के ज़्यादातर देशों में अब ऐसा ही हो रहा है.. लेकिन हैरानी की बात ये है कि भारत के लोगों का भरोसा आज भी बहुत पक्का है. अमेरिका की ऐजेंसी Edelman ने भारत सहित दुनिया के 28 देशों का एक Trust Barometer तैयार किया था. आसान भाषा में आप इसे देश के सिस्टम पर.. लोगों के भरोसे को चेक करने वाला... एक सर्वे भी कह सकते हैं. 

इस सर्वे में पाया गया कि अलग अलग देशों की सरकारों, कंपनियों, NGOs और मीडिया पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है. 2016 में पूरी दुनिया में लोगों के भरोसे का Index.. 50 Points के स्तर पर था..  जबकि 2017 में इसमें 3 Points की कमी आई. हालांकि सिस्टम पर भरोसा करने के मामले में भारत के लोग नंबर One पर हैं. यानी भारत के लोग, अपने देश के सिस्टम पर ज़बरदस्त भरोसा करते हैं.

इस सर्वे के मुताबिक 28 देशों की जनता के भरोसे का औसत निकाला जाए तो वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में  मीडिया पर लोगों का भरोसा कम हुआ और ये कमी करीब 5 प्रतिशत है यानी दुनिया में पहले के मुकाबले मीडिया पर भरोसा करने वाले लोगों की संख्या में 5 प्रतिशत की कमी आई है. दुनिया के कई विकसित देशों.... जैसे Russia, Japan, Britain और Canada के लोगों का अपने देश के मीडिया पर भरोसा कम हुआ है. लेकिन भारत में मीडिया पर लोगों का भरोसा पहले के मुकाबले.. 3 प्रतिशत बढ़ा है. और मीडिया के कुछ लोग इसी बात का नाजायज़ फायदा उठा रहे हैं. हालांकि अब लोगों को ये बेईमान मीडिया की ये चालाकी समझ में आने लगी है

अपने संस्थानों पर विश्वास करने के मामले में भारत के लोग दुनिया में Number One पर हैं और यही सबसे बड़ी विडंबना है. सवाल ये है कि क्या हमारा भरोसा ही, हमारी सबसे बड़ी कमज़ोरी है... क्या हमारे सिस्टम में बैठे बुरे लोग इसी भरोसे का फायदा उठाते हैं ? लोग सिस्टम पर भरोसा करते हैं.. लेकिन सिस्टम में बैठे रिश्वतखोर लोग.. उसी भरोसे का फायदा उठाकर भ्रष्टाचार करते हैं. अवैध कब्ज़ों को Legal बना दिया जाता है. सड़कों और फुटपाथों पर बाज़ार सजा दिए जाते हैं. स्कूल और कॉलेज में एडमिशन से लेकर.. अस्पतालों में इलाज करवाने तक... हर जगह रिश्वत ली जाती है.. Restaurants को रिश्वत के दम पर Fire Department का No Objection certificate मिल जाता है. और ऐसे Restaurants में आग लगने पर हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है. यानी हमारे समाज ने सिस्टम पर जितना भरोसा किया है.. उसे उतना ही ज़्यादा धोखा मिला है.

आज भी हमारे देश के लोग न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं. किसी विवाद के पर होने पर यहां के लोग अकसर ये कहते है कि 'I will see you in court' यानी मैं आपको कोर्ट में देख लूंगा....ये बात देश की न्याय व्यवस्था पर लोगों के भरोसे को दर्शाती है लेकिन दूसरा पक्ष ये भी है कि हमारे यहां इंसाफ... तारीख़ पर तारीख़ वाले सिस्टम में उलझा हुआ है....देश में करीब 3 करोड़ केस आज भी न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं 

बेहतर और सस्ते इलाज के लिए देश के लोगों का भरोसा आज भी बड़े सरकारी अस्पतालों पर कायम है लेकिन विरोधाभास ये है कि इन अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए लोगों के जूते घिस जाएंगे. ऐसे अस्पतालों में भर्ती होने के लिए....आपको किसी बड़े आदमी की सिफारिश करवानी पड़ेगी या थक हारकर किसी प्राइवेट अस्पताल मे जाना पड़ेगा जहां आपको मामूली से बुखार के इलाज के लिए भी 15 लाख रूपये का बिल चुकाना पड़ सकता है.

अपनी सुरक्षा के लिए आज भी लोग पुलिस के 100 नंबर पर भरोसा करते हैं, लेकिन विडंबना ये है कि हमारी पुलिस आज भी लोगों के अंदर सुरक्षा की भावना पैदा नहीं कर पाई है National Crime Records Bureau के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत में हर 1 घंटे में 3 से ज़्यादा लोगों की हत्या हुई है, हर 15 मिनट में रेप की एक घटना हुई है, जबकि हर घंटे....7 महिलाओं के अपहरण की घटनाएं हुई हैं. इतना सब कुछ होने के बाद भी भारत का भरोसा आज भी अपने सिस्टम पर कायम है. किसी पर भरोसा करना बहुत अच्छी बात है.. लेकिन भरोसा करते हुए भी.. आंखें खुली रखनी चाहिएं. 

आज से करीब 409 साल पहले भारत के सूरत पोर्ट पर ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला Ship.. आया था. तब हमारे देश के लोगों ने सोचा था.. ये कंपनी सिर्फ व्यापार करेगी.. लेकिन धीरे धीरे इस कंपनी के ज़रिए अंग्रेज़ों ने देश पर कब्ज़ा कर लिया. 
कुल मिलाकर कहा जाए तो भरोसा या विश्वास... एक शक्ति है... लेकिन आंख बंद कर लेने से यही भरोसा किसी भी समाज या व्यक्ति का.... सबसे कमज़ोर पक्ष बन जाता है. इसलिए लोगों को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिएं.

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