ZEE जानकारी: अस्पताल के MRI Room में लापरवाही से युवक की मौत
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ZEE जानकारी: अस्पताल के MRI Room में लापरवाही से युवक की मौत

MRI का मतलब होता है Magnetic Resonance Imaging ये जटिल और गंभीर रोगों की जांच के लिए किया जाने वाला एक टेस्ट है.

ZEE जानकारी: अस्पताल के MRI Room में लापरवाही से युवक की मौत

मुंबई के नायर अस्पताल के MRI Room में हुए दर्दनाक हादसे की ख़बर आपने ज़रूर पढ़ी होगी. इस अस्पताल के MRI Room में हुई एक लापरवाही की वजह से 32 साल के एक युवक की मौत हो चुकी है. इस युवक को MRI मशीन ने किसी चुंबक की तरह खींच लिया था और वो गोली की रफ़्तार से मशीन के अंदर चला गया था. अस्पतालों में लापरवाही से हुए हादसों की ख़बरे पहले भी देखी, सुनी होंगी, लेकिन MRI Room में हुई इस तरह की घटना के बारे में शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा. इस तरह की लापरवाही से किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती है. इसलिए आपको इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए.

MRI का मतलब होता है Magnetic Resonance Imaging ये जटिल और गंभीर रोगों की जांच के लिए किया जाने वाला एक टेस्ट है. जिसमें मरीज़ को बहुत शक्तिशाली Magnetic field यानी चुंबकीय क्षेत्र से होकर गुज़रना पड़ता है. आपको इस बात का अंदाज़ा नहीं होगा कि एक MRI मशीन की चुंबकीय शक्ति, पृथ्वी के मुकाबले कम से कम 30 हज़ार गुना ज़्यादा होती है. इसलिए MRI जांच करने वाले Staff की ये ज़िम्मेदारी होती कि किसी भी तरह के Metal को MRI Room में ना ले जाया जाएं. मुंबई में शनिवार (27 जनवरी) की शाम को राजेश मारू नाम का एक युवक अपनी एक रिश्तेदार की MRI जांच करवाने के लिए कमरे में दाखिल हुआ.

 राजेश के हाथ में मरीज़ को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला सिलेंडर था. इस बात की जानकारी उसने MRI Staff को दी लेकिन, Staff ने इस बात को नज़रअंदाज कर दिया और राजेश को MRI Room में जाने के लिए कहा. जैसे ही राजेश कमरे में दाखिल हुआ, वहां पहले से ही चल रही MRI मशीन ने अपनी चुंबकीय शक्ति से उसे अपनी तरफ खींच लिया. MRI मशीन की वजह से कमरे में पृथ्वी के मुकाबले करीब 30 हज़ार गुना ज़्यादा Magnetic Power मौजूद थी. और इसी की वजह से राजेश ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गोली की रफ्तार से मशीन के अंदर खिंचा चला गया.

इस दौरान ऑक्सीजन का सिलेंडर खुल गया और ऑक्सीजन राजेश के मुंह के जरिए उसके शरीर में पहुंच गई जिससे उसका शरीर फूल गया. इस दर्दनाक हादसे में राजेश की मौत हो गई. हैरानी की बात ये है कि MRI Staff को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि मशीन पहले से On थी. अस्पताल की इस लापरवाही की वजह से एक डॉक्टर के अलावा 2 कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया गया था. लेकिन अब उन्हें ज़मानत मिल चुकी है. ये सब देखकर पता चलता है कि हमारे सिस्टम की नज़र में एक आम इंसान की ज़िंदगी की कीमत कितनी कम है.

यहां आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि इस तरह की जांच में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए. MRI जांच करवाने से पहले किसी भी तरह के Ornaments जैसे गले की चैन, लॉकेट, अंगूठी, MRI Room में न ले जाए. अगर आपकी जेब में  सिक्के, debit cards, credit cards या कोई भी ऐसे Cards हैं, जिनमें चिप या Magnetic Strip लगी हुई है तो उन्हें MRI Room में ना ले जाएं. इसके अलावा घड़ी, किसी भी तरह के electronic devices और ख़ासतौर पर मोबाइल फोन को लेकर MRI की जांच के लिए न जाएं.

MRI Test करवाने से पहले उन मरीज़ों को ख़ासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए जिन्होंने Joint replacement का ऑपरेशन करवाया है. हड्डी जोड़ने के लिए अगर किसी मरीज़ के शरीर में plates, screw या Metallic rod लगाई गई है तो इस बात की जानकारी MRI Staff  को देनी चाहिए. इसके अलावा ऐसे मरीज़ जो अपने हृदय में Pacemaker लगवा चुके हैं, उन्हें भी MRI Test से पहले इस बात की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए. 

आपने अक्सर देखा होगा कि हमेशा हमारा सिस्टम लापरवाही की वजह से हुए ऐसे हादसों के बाद कुछ देर के लिए जागता है. इस दौरान घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी की जाती है , कुछ लोगों को सस्पेंड किया जाता है और कुछ दिन बीतने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाता है. लोग सब कुछ भूल जाते हैं. और भूलने की यही आदत हमारे सिस्टम को कभी सुधरने नहीं देती.

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