ZEE जानकारी : भारत के ज़्यादातर शहर बिजली की चोरी से परेशान हैं.
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ZEE जानकारी : भारत के ज़्यादातर शहर बिजली की चोरी से परेशान हैं.

ZEE जानकारी : भारत के ज़्यादातर शहर बिजली की चोरी से परेशान हैं.

वैसे तो देश को आज़ाद हुए 70 साल से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन अभी भी हमारे देश में 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं है. ये आंकड़ा आज खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस नई योजना की शुरुआत करते हुए जारी किया.  इस योजना का नाम है सौभाग्य. इस योजना का लक्ष्य 31 मार्च 2019 तक देश के हर घर तक बिजली पहुंचाना है. और इस योजना का कुल खर्च होगा 16 हज़ार 329 करोड़ रुपये .  सरकार गरीबों को मुफ्त में बिजली का कनेक्शन देगी.  बिजली के मुफ्त कनेक्शन के लिए जरूरतमंद लोगों की पहचान 2011 की जनगणना के आधार पर की जाएगी.  इससे पहले 2015 में प्रधानमंत्री ने देश के 18 हज़ार 452 गांवों में एक हज़ार दिनों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था.  ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अभी तक इनमें से 14 हज़ार 483 गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है.

 ये अच्छी बात है कि अब देश के हर गरीब को बिजली मिलेगी. लेकिन इस बात की भी हैरानी होती है कि आज भी हमारे देश के 4 करोड़ लोगों के घरों में बिजली नहीं है. DNA में अब हम भारतीय लोगों के मन में दौड़ती.... करप्शन के करंट वाली बिजली का विश्लेषण करेंगे....जब सिस्टम और अनैतिक सोच वाले लोग.. आपस में मिल जाते हैं तो उनके घर चोरी की रोशनी से जगमगाने लगते हैं... आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बिजली चोरी की वजह से हर साल करीब 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है, इस नुकसान को रोकने के लिए... किसी technology की नहीं बल्कि साफ़ सुथरी नीयत की ज़रूरत है.... जिसकी हमारे देश में भारी कमी है...

भारत के ज़्यादातर शहर बिजली की चोरी से परेशान हैं. ये तस्वीरे देश के लोगों की बिजली चोरी वाली मानसिकता को दर्शाती हैं. देश का कोई भी शहर ले लीजिए हर जगह बिजली चोरी की एक ही तस्वीर दिखाई देती है..और सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जिन लोगों को बिजली की चोरी रोकनी चाहिए.. वो सब के सब मिले हुए हैं. खुले आम बिजली चोरी की इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि इन लोगों ने बिजली की चोरी को अपराध नहीं.. बल्कि अपना अधिकार समझ लिया है.भारत में बिजली चोरी के तार..दूर दूर तक फैले हैं और ये तार जिन खंबो पर खड़े हैं..उन्हें आम लोगों के साथ साथ सिस्टम भी सहारा देता है और जो लोग ईमानदारी से अपना बिल चुकाते हैं..उन्हें ऐसा लगता है जैसे सारे बेईमान मिलकर उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं. हमारा सिस्टम ईमानदार लोगों का अपमान कर रहा है... इस तस्वीर को बदलने की ज़रूरत है.. और हमने इसके लिए देश के कई शहरों से ground reporting की है. लेकिन इस रिपोर्ट से पहले कुछ आंकड़ों पर गौर करना ज़रूरी है

2015 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक बिजली चोरी से पूरी दुनिया में हर वर्ष 5 लाख 84 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. और इसमें सबसे ज्यादा नुकसान भारत को उठाना पड़ता है. भारत को बिजली चोरी की वजह से हर वर्ष 1 लाख 3 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान होता है .

इसके अलावा भारत में करीब 22 प्रतिशत बिजली, वितरण के दौरान ही बर्बाद हो जाती है. यानी 22 प्रतिशत बिजली कभी अपनी मंज़िल तक पहुंच ही नहीं पाती है.भारत के आधे से ज्यादा राज्यों में तो Transmission और Distribution के दौरान होने वाली बिजली की बर्बादी 30 प्रतिशत से भी ज्यादा है . जबकि कुछ राज्यों में 50 प्रतिशत बिजली, Transmission के दौरान बर्बाद हो जाती है .अगर भारत में Transmission Loss मौजूदा स्थिति के मुकाबले 5 प्रतिशत भी कम हो जाए..तो एक भी रुपया खर्च किए बिना भारत के पास 15 हज़ार मेगावाट अतिरिक्त बिजली आ जाएगी.  और इससे 75 हज़ार करोड़ रुपये से लेकर 1 लाख करोड़ रुपये तक की बचत भी होगी .

अकसर आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता....सिस्टम में फैले करप्शन ने देश को बर्बाद कर दिया है...राजनैतिक पार्टियां भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं..भ्रष्टाचार की बुराई या आलोचना करना एक बहुत आसान काम है लेकिन जब देश के लोगों के मन में करप्शन वाली सोच पल रही हो... तो बिजली चोरी जैसी समस्या से लड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है... ये वो लोग हैं, जो बिजली का इस्तेमाल तो करना चाहते हैं, मुफ़्त की बिजली से अपना घर रौशन करना चाहते हैं.. मुफ़्त की बिजली से अपनी फैक्ट्रियां चलाना चाहते हैं.. लेकिन बिल नहीं देना चाहते. और एक तरह से ये उन लोगों के साथ भी बेईमानी है, जो ईमानदारी से अपना बिल देते हैं. इस बात को समझाने के लिए आज हम आपको उत्तर प्रदेश के नोएडा की एक केस स्टडी भी दिखाएंगे.. नोएडा में फिल्म सिटी को मिलने वाली बिजली को चोरी करके... झुग्गियों में पहुंचाया जा रहा है.. और ऐसी आशंका है कि बिजली की इस अवैध आपूर्ति के लिए... बिजली विभाग के कुछ लोग बाकायदा वसूली कर रहे हैं.

ये ख़बर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ... और बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा को ज़रूर देखनी चाहिए. वैसे ये हालात सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं.. देश के ज़्यादातर शहरों में देखने को मिलते हैं. लेकिन कोई कुछ नहीं करता.आपमें से बहुत सारे लोगों के घरों में बिजली नहीं आ रही होगी और आप लोग Invertor, Power Backup या फिर इंटरनेट की मदद से DNA देख रहे होंगे. आप सभी लोगों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि आपकी ज़िंदगी में होने वाले हर Power cut को लिए कोई ना कोई बिजली चोर.. ज़िम्मेदार है.भारत के कई शहरों में आज भी कटिया डालकर बिजली चोरी की जाती है. हालांकि ऐसा नहीं है कि बिजली चोरी सिर्फ हमारे देश की ही समस्या हो. दुनिया के कई विकसित देश भी इस समस्या से परेशान हैं. 

Forbes की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में वर्ष 2013 में करीब 38 हज़ार करोड़ रुपये की बिजली चोरी हुई थी. लेकिन अमेरिका में बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाने पर 5 साल तक की सज़ा और 3 लाख रुपये ज़्यादा जुर्माना लगाया जाता है इसके बावजूद अमेरिका में हर वर्ष डेढ़ से 2 प्रतिशत बिजली चोरी हो जाती है. ब्रिटेन में हर साल बिजली चोरों की वजह से करीब 3 हज़ार 300 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. और यहां भी 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है चीन को बिजली की चोरी से करीब 19 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान होता है जबकि चीन में बिजली चोरी के लिए 10 साल जेल की सज़ा मिल सकती है. वहीं South Africa में हर वर्ष करीब 9 हज़ार 800 करोड़ रुपये की बिजली चोरी होती है. यहां चोरी करने वाले व्यक्ति को 2 साल की सज़ा हो सकती है 

ये आंकड़े ये तो बताते हैं कि बिजली की चोरी दुनिया के हर देश में होती है, लेकिन यहां ये ध्यान रखना होगा कि इन देशों में बिजली की चोरी से बहुत कम नुकसान होता है. जबकि हमारे देश में बिजली चोरी की वजह से 1 लाख 3 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हर वर्ष होता है. और बिजली चोरी का दोषी पाये जाने पर.... 3 साल की सज़ा का प्रावधान है लेकिन हमारे देश में कानून के लंबे हाथ अकसर ज़ुर्माना करते हुए नज़र आते हैं. इस ख़बर का एक और दिलचस्प एंगल है... देश के हर घर तक.. बिजली पहुंचाने वाली सौभाग्य योजना का कुल खर्च है 16 हज़ार 329 करोड़ रुपये. जबकि हमारे देश में बिजली चोरी से होने वाला नुकसान 1 लाख 3 हज़ार करोड़ रुपये है. यानी अगर बिजली की चोरी रुक जाए.. तो सौभाग्य योजना जैसी 6 योजनाएं चलाई जा सकती हैं.

हमारी सभ्यता हज़ारों साल पुरानी है... हमारे पौराणिक ग्रंथों में ईमानदारी की कसमें खाई जाती हैं.... हमारे वेद पुराणों में और संस्कारों में चोरी को एक बहुत बड़ा दंडनीय अपराध माना गया है. शुरुआत से ही हमारे समाज में चोर को और चोरी को हिकारत की नज़र से देखा गया है. लेकिन अब हमारे देश में चोरों का सम्मान और स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है. अब चोरी करने को नैतिक अपराध नहीं माना जाता. आप ये भी कह सकते हैं कि पहले हमारे देश के DNA में चोरी की प्रवृत्ति थी ही नहीं. लेकिन 2017 आते-आते हमें ये कहना पड़ रहा है कि भारत चोरी और सीनाज़ोरी करने वालों का देश है. ये बहुत दुख की बात है. अगर भारत को एक Power Full राष्ट्र बनाना है..तो भारत के सिस्टम और भारत के लोगों को अपनी नीयत साफ रखनी होगी और बिजली बचाने के लिए पूरी ताकत लगानी होगी . असल में भारत में बिजली की नहीं सिर्फ नीयत की कमी है..और जिस दिन ये कमी दूर हो जाएगी..उस दिन भारत का वर्तमान और भविष्य दोनों रौशन हो जाएंगे

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