देश की राजधानी में कुछ वकीलों की तस्वीरें परेशान करने वाली हैं. इन Videos को देखकर अच्छा नहीं लग रहा है.
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अमेरिका के गांधी कहे जाने वाले Martin Luther King Junior ने कहा था कि कानून और व्यवस्था का उद्देश्य न्याय दिलाना होता है. और अगर ऐसा नहीं होता है, तो कानून और व्यवस्था ऐसे बांध बन जाते हैं. जो सामाजिक प्रगति की धारा को रोक देते हैं . हमारे देश के मजबूत लोकतंत्र का आधार उसके चार मज़बूत स्तंभ हैँ . न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया..लेकिन पिछले 48 घंटे से दिल्ली की सड़कों पर देश में Law And Order चलाने वाले दोनों स्तंभों की लड़ाई सड़कों पर देखने को मिली .
न्यायपालिका से जुड़े वकीलों का काम होता है कानून के ज़रिए नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना औऱ कार्यपालिका से जुड़ी पुलिस का काम होता है कानून का पालन करवाना...और अमन और शांति कायम रखना...लेकिन दिल्ली में पिछले दो दिनों में जो हो रहा है वो काफी दुखद है ... दिल्ली की सड़कों पर पुलिस और वकीलों के बीच झड़प और मारपीट की कई तस्वीरें हमारे पास हैं जिसे आपको भी देखना चाहिए.
देश को आज़ादी दिलाने में वकीलों ने अहम भूमिका निभाई है. मोतीलाल नेहरु, जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. भीवराव अंबेडकर भी वकील थे . ये वो लोग थे जिनकी वजह से पूरे देश मे सामाजिक क्रांति आई.
लेकिन आज जो तस्वीरे सामने आई उसने एक आम आदमी के मन में असुरक्षा की भावना भर दी है . जिनके हाथों में आम आदमी के अधिकारो की रक्षा की जिम्मेदारी है. अगर वही लोग सड़क पर कानून तोड़ेंगे तो फिर आम आदमी इंसाफ की उम्मीद किससे करेगा. अब हम आपको एक एक करके कुछ मोबाइल फोन और सीसीटीवी विडियो दिखाते हैं
पहला video आज का है. और ये दिल्ली के साकेत कोर्ट के बाहर का है. यहां बाइक पर जब एक पुलिसकर्मी पहुंचता है तो कुछ वकील उसे घेर लेते है . और फिर उनमें से एक वकील पुलिसकर्मी को बहुत बुरी तरह से मारने लगता है . इस वीडियो में आप देख सकते है कि वो पुलिसकर्मी जिसकी जिम्मेदारी सड़क पर आपके और हमारे अधिकारों की रक्षा करना है उसे मजबूर होकर भागना पड़ता है .
दूसरा Video भी साकेत कोर्ट के बाहर का है .इस वीडियो में कुछ वकील सड़क पर खड़े एक व्यक्ति की बुरी तरह से पिटाई कर रहे है . ऐसा कहा जा रहा है ये व्यक्ति साकेत कोर्ट के बाहर खड़ा होकर वकीलो के प्रदर्शन का वीडियो बना रहा था
अब आपको साकेत कोर्ट के अंदर का एक वीडियो जरुर देखना चाहिए. आज कुछ वकीलों ने कोर्ट के अंदर बनी पुलिस चौकी पर हमला बोल दिया .और चौकी में लगे Cctv कैमरे में तोड़फोड़ भी की.
अगला वीडियो शनिवार का है . दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर वकील प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान एक बाइक सवार युवक को कुछ वकील रोक लेते हैं . और उस पर टूट पड़ते हैं . यहां भी युवक को अपनी बाइक छोड़कर जान बचाने के लिए भागना पड़ता है. इस वीडियो में वकीलों का ये व्यवहार देखकर स्कूटी पर सवार एक महिला काफी डरी हुई नजर आ रही हैं.
देश की राजधानी में कुछ वकीलों की ये तस्वीरें परेशान करने वाली हैं. इन Videos को देखकर अच्छा नहीं लग रहा है. आज इन वकीलों ने ये संदेश दिया है कि वो कानून का सम्मान नहीं करते . वो खुद को कानून से ऊपर मानते हैं.
लेकिन ऐसा नही कि दिल्ली या देश के सारे वकील इस तरह के हो. हम देश के वकीलो का और सच के लिए जारी उनकी लड़ाई का सम्मान करते है.. हमारा मानना है कि कानून और इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले देश के लाखो वकील भी इन तस्वीरो को देखकर आज बहुत दुखी और परेशान हुए होंगें.
पिछले 48 घंटे में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच जारी इस लड़ाई की तस्वीरे और खबरे आपने जरूर देखी होगी ..इस पूरी घटना को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ये लड़ाई कानून से जुड़े दो पक्षो की है ..लेकिन असल मे ये लड़ाई एक रोडरेज़ की घटना थी.
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में एक वकील और पुलिसकर्मी के बीच पार्किंग को लेकर विवाद हुआ . एक वकील ने Lock Up के सामने अपनी कार Park की थी . Lock Up के सामने कैदियों को लाने... ले जानी वाली बसें खड़ी होती है.
कार खड़ी करने को लेकर वकील और पुलिसकर्मी के बीच लड़ाई शुरू हुई . विवाद इतना बढ़ा कि वकील और पुलिसकर्मी के बीच मारपीट शुरू हो गई . घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में वकील जमा हो गए . कुछ वकील जबरदस्ती Lock Up में दाखिल होने की कोशिश करने लगे.
हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की . जिससे बाद वकीलों ने कैदियों को ले जाने वाली 8 बसों में तोड़फोड़ की . पुलिस की एक Gypsy और 12 मोटरसाइकिलों में भी आग लगा दी . मामला इतना बढ़ गया कि छुट्टी के दिन यानि कल रविवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खुद से संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की और न्यायिक जांच का आदेश दिया.
इसके साथ ही दो ASI को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है. और जांच पूरी होने तक दो पुलिस अफसरों के ट्रांसफर के भी आदेश दिया गया.वकील समाज के महत्वपूर्ण अंग होते हैं . उनके बिना न्यायिक व्यवस्था की कल्पना भी नहीं की जा सकती . हमने ये भी जानने की कोशिश की कि वकीलों को लेकर क्या नियम कानून हैं.. 2004 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में वकीलों कों लेकर एक अहम राय दी गई थी .
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक वकील कोर्ट के Officer के तौर पर काम करता है . और उसका व्यवहार आम जीवन में भी ऐसा होना चाहिए . जो समाज द्वारा उस पर किए गए भरोसे पर ख़रा उतरे और इस पद की गरिमा को बरकरार रखे . इसीलिए अगर कोई वकील अदालत के बाहर भी बुरा बर्ताव करता हुआ पाया जाता है . तो उसके खिलाफ बार काउंसिल द्वारा अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जा सकती है .
हम ये मानते हैं कि दिल्ली या देश के सारे वकील इस तरह के नहीं हैं .हम देश के वकीलों का और सच के लिए जारी उनकी लड़ाई का सम्मान करते हैं.. हमारा मानना है कि कानून और इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले देश के लाखों वकील भी इन तस्वीरों को देखकर आज बहुत दुखी और परेशान हुए होंगे.