Zee जानकारी : भारतीय लोगों के लिए एक संदेश भी लेकर आई हैं इजिप्ट की इमान अहमद
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Zee जानकारी : भारतीय लोगों के लिए एक संदेश भी लेकर आई हैं इजिप्ट की इमान अहमद

अब हम जिस खबर का DNA टेस्ट करेंगे वो आपके पूरे परिवार की सेहत से जुड़ी हुई खबर है। हमें उम्मीद है कि इस खबर को देखने के बाद आप अपने दिल पर हाथ रखकर खुद से वादा करेंगे कि आप अपनी और अपने बच्चों की सेहत का ख्याल जरूर रखेंगे। ये ख़बर इजिप्ट से भारत आई एक महिला से जुड़ी है, जिसका नाम है इमान अहमद। लेकिन इमान अहमद भारत में सिर्फ अपना इलाज कराने के लिए नहीं आईं बल्कि वो भारतीय लोगों के लिए एक संदेश भी लेकर आई हैं। ये संदेश क्या है-ये हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले आपको इमान अहमद के बारे में पता होना चाहिए।

 Zee जानकारी : भारतीय लोगों के लिए एक संदेश भी लेकर आई हैं इजिप्ट की इमान अहमद

नई दिल्ली : अब हम जिस खबर का DNA टेस्ट करेंगे वो आपके पूरे परिवार की सेहत से जुड़ी हुई खबर है। हमें उम्मीद है कि इस खबर को देखने के बाद आप अपने दिल पर हाथ रखकर खुद से वादा करेंगे कि आप अपनी और अपने बच्चों की सेहत का ख्याल जरूर रखेंगे। ये ख़बर इजिप्ट से भारत आई एक महिला से जुड़ी है, जिसका नाम है इमान अहमद। लेकिन इमान अहमद भारत में सिर्फ अपना इलाज कराने के लिए नहीं आईं बल्कि वो भारतीय लोगों के लिए एक संदेश भी लेकर आई हैं। ये संदेश क्या है-ये हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले आपको इमान अहमद के बारे में पता होना चाहिए।

इमान अहमद दुनिया की सबसे ज़्यादा वज़न वाली महिला हैं। इमान अहमद का वज़न 500 किलो है। ये महिला पिछले 25 वर्षों से बिस्तर पर है और अपने वज़न की वजह से वो अपनी जगह से हिल भी नहीं सकती। इमान अहमद Bariatric सर्जरी करवाने के लिए भारत आईं हैं, ये सर्जरी उन लोगों पर की जाती है, जो बहुत ज्यादा मोटे होते हैं। इस महिला का इलाज कर रहे डॉक्टरों को उम्मीद है कि इस सर्जरी के बाद इमान के वज़न में 150 से 200 किलो की कमी हो सकती है

इमान का इलाज मुंबई के सैफी अस्पताल के डॉक्टर करेंगे और इमान को वापस अपने घर लौटने में कम से कम 6 महीने का वक्त लगेगा। 37 वर्षीय इमान का घर इजिप्ट के एलेक्जेंड्रिया शहर में है। ये महिला पिछले 25 वर्षों से अपने घर से बाहर नहीं निकली थी। इमान को एलेक्जेंड्रिया में उनके घर से एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए विशेष इंतज़ाम करने पड़े। सबसे पहले इमान के लिए एक खास बेड बनाया गया। इसके बाद इमान के घर की दीवार का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया। इस हिस्से से इमान के बेड को क्रेन की मदद से नीचे उतारा गया। क्रेन ने इमान के बेड को ट्रक पर रखा और ट्रक के ज़रिए इमान एयरपोर्ट तक पहुंची। इमान को सामान्य पैसेंजर विमान से नहीं बल्कि एक विशेष कार्गो विमान से भारत लाया गया है और इसके लिए विमान में भी कई बदलाव किए गए थे।

इमान का वज़न जन्म के वक्त 5 किलो था और Elephant-iasis नामक बीमारी की वजह से इस महिला के शरीर के कई हिस्सों में सूजन आ गई थी। इमान को बचपन में ही थायरॉइड भी हो गया था। 11 वर्ष की उम्र में स्ट्रोक के बाद इमान फिर कभी चल फिर नहीं पाईं वो अपने बिस्तर पर ही लेटी रहती हैं जिसकी वजह से उनका वजन लगातार बढ़ रहा है।

इमान ने कभी मोटापे को न्योता नहीं दिया, बल्कि वो बहुत कम खाना खाती हैं, लेकिन बिस्तर पर लेटे रहने की वजह से वो जितना भी खाती हैं, वो शरीर में जमा हो जाता है। इमान को उम्मीद है कि उन्हें भारत में नया जीवन मिल पाएगा। गौर से देखा जाए तो इमान अहमद की इस कहानी में भारत के ओवरवेट और मोटे लोगों के लिए बड़ा संदेश है। भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मोटापे की वजह से अपना जीवन खतरे में डाल लिया है।

भारत के 3 करोड़ लोग मोटापे यानी ज्यादा वज़न की समस्या से परेशान हैं अगर मोटापे पर काबू ना पाया जाए..तो ये डायबिटीज़ और दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह बन जाता है। एक सामान्य व्यक्ति को दिन भर में सिर्फ 20 ग्राम फैट की जरूरत होती है लेकिन बर्गर या पिज्जा खाने से ही आपके शरीर में 14 से 20 ग्राम तक फैट पहुंच जाता है। और इसके बाद आप जो भी खाते हैं वो फैट आपके शरीर में जमा हो जाता है और आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि मोटे लोगों की संख्या के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर है। दुनिया भर में मोटापे का आर्थिक बोझ ग्लोबल जीडीपी के 2.8 प्रतिशत हिस्से के बराबर है, ये बहुत चिंताजनक आंकड़ा है। दुनिया के सारे देशों के जीडीपी को मिला दिया जाए तो ये देश आतंकवाद से लड़ने पर भी उतना ही खर्च कर रहे हैं, जितना मोटापे से लड़ने पर। यानी मोटापा भी आतंकवाद जितनी बड़ी और गंभीर समस्या है पूरी दुनिया मोटापे से लड़ाई के नाम पर 134 लाख करोड़ रुपये हर साल खर्च कर रही है जो पूरे अफ्रीका के जीडीपी के बराबर है

आप कह सकते हैं कि 'Obesity is The new Smoking' यानी मोटापा एक तरह से नये दौर का धूम्रपान है क्योंकि अब धूम्रपान की ही तरह मोटापा भी जानलेवा हो गया है। हमें लगता है कि इमान अहमद की निजता का सम्मान होना चाहिए, उनके मोटापे की ख़बर को न्यूज चैनल्स और अखबारों में मनोरंजन की ख़बर की तरह पेश नहीं करना चाहिए। इमान एक बीमार महिला हैं और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। लेकिन इमान के बहाने भारत में मोटापे की समस्या पर बात ज़रूर होनी चाहिए। 

एक मेडिकल जर्नल द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो किसी तरह की एक्सरसाइज करते हैं।
मेडिकल जर्नल द लैंसेट के मुताबिक भारत के 90 प्रतिशत डॉक्टर कभी मरीज़ों से ये नहीं पूछते कि वो एक्सरसाइज करते हैं या नहीं। द लैंसेट के मुताबिक हर मरीज़ के मेडिकल रिकॉर्ड में ये सवाल ज़रूर शामिल किया जाना चाहिए। 

हमें लगता है कि शरीर में जमा होने वाला फैट एक तरह का टाइम बम है जिसे वक्त रहते डिफ्यूज़ किया जाना जरूरी है। वर्ना ये आपकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।

इमान अहमद पर जो सर्जरी की जाएगी उसे Bariatric सर्जरी कहा जाता है। इस सर्जरी को कई तरीकों से किया जाता है। इस सर्जरी की मदद से अत्याधिक मोटे लोगों का वज़न कम किया जाता है। Bariatric सर्जरी के मुख्य तौर पर दो तरीके होते हैं। पहले तरीके को Gastric Band कहा जाता है। इसमें पेट के उपरी हिस्से को एक तरह से Staple कर दिया जाता है यानी उसमें एक Clip लगा दी जाती है। इससे पेट का आकार कम हो जाता है। और थोड़ा सा खाना खाने पर ही मरीज़ को लगता है कि उसका पेट भर गया है। दूसरा तरीका है Gastric Bypass इसमें मरीज़ के पेट को दो हिस्सों में बांट दिया जाता है और Digestive System की संरचना में भी बदलाव कर दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद भी मरीज़ को कम खाना खाने पर भी पेट भरा भरा लगने लगता है। और मरीज़ का वज़न धीरे धीरे कम हो जाता है। 

इसके अलावा आजकल एक नई तकनीक भी प्रचलन में है। जिसे Intra-Gastric balloon कहा जाता है। इसमें मरीज़ के पेट में एक गुब्बारा पहुंचाया जाता है। ये एक Medically Approved गुब्बारा होता है, जो पेट में पहुंचकर फूल जाता है। गुब्बारे की वजह से मरीज़ को भूख कम लगती है, और उसका वज़न कम होने लगता है। लेकिन 6 महीने बाद इस गुब्बारे को पेट से बाहर निकालना पड़ता है। 

भारत में Bariatric सर्जरी कराने वाले मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में मोटापे को अभी तक एक बीमारी के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है। भारत में Medical Science की भाषा में मोटापे को एक Condition यानी स्थिति माना जाता है जबकि अमेरिका में 2013 से ही डॉक्टर्स मोटापे को एक बीमारी की तरह Treat करने लगे हैं। भारत में मोटापे की वजह से लोगों को डायबिटिज़ और हृदय रोग हो रहे हैं। 

-एक मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी के मुताबिक 18 से 47 वर्ष के 30 प्रतिशत भारतीय किसी तरह की एक्सरसाइज नहीं करते हैं। 
-जबकि 26 से 46 वर्ष की उम्र के 40 प्रतिशत भारतीय किसी तरह का कोई व्यायाम नहीं करते हैं। 
-एक अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल जर्नल के मुताबिक भारत के लोग रोज़ाना औसतन सिर्फ 19 मिनट की एक्सरसाइज करते हैं, जबकि सामान्य तौर पर 30 मिनट से 1 घंटे तक व्यायाम करना ज़रूरी होता है।
-भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या 7 करोड़ के आसपास है। भारत में चीन के बाद मधुमेह के सबसे ज्यादा रोगी रहते हैं।
-लेकिन आपको जानकर अफसोस होगा कि इनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही अपनी डायबिटीज को नियंत्रण में रख पाते हैं।

इसकी सबसे बड़ी वजह है आधुनिक लाइफ स्टाइल और खाने-पीने की खराब आदतें। हमारी सलाह है कि आप अपने वज़न पर नियंत्रण रखें और अपनी सेहत सुधारने के लिए आज से ही प्रयास शुरू कर दें और ऐसा करना बहुत मुश्किल भी नहीं है।

World Heart Federation के मुताबिक अगर आप रोज 30 मिनट Workout करते हैं तो हृदय रोग का खतरा 30 प्रतिशत कम हो जाता है। एक स्टडी के मुताबिक 30 मिनट पैदल चलने से दिल की बीमारियों का खतरा 24 प्रतिशत और डायबिटीज का खतरा 30 प्रतिशत कम हो जाता है।

मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर रहने के लिए खुद को तनाव रहित रखना भी ज़रूरी है। तनाव से शरीर में पानी की कमी होती है इससे खून में टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्व बनने लगते हैं जो दिल को नुकसान पहुंचाते हैं। हमारे देश में आज भी मोटे ताज़े लोगों को देखकर यही कहा जाता है कि ये खाते-पीते घर के हैं और लोग मोटापे को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन हकीकत ये है कि ये लोग मोटापे के मरीज़ हैं। अगर इन्होंने मोटापे की इस बीमारी का इलाज नहीं किया तो इनकी जान भी जा सकती है। इसलिए सबसे पहले खुद को मोटापे को डिस्काउंट देना बंद कीजिए और अपने परिवार को भी मोटापे के प्रति जागरूक बनाइये।

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