Zee जानकारी : छोटी-छोटी चीजों को कैसे बड़ा बना देता है विज्ञापन?
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Zee जानकारी : छोटी-छोटी चीजों को कैसे बड़ा बना देता है विज्ञापन?

Zee जानकारी : छोटी-छोटी चीजों को कैसे बड़ा बना देता है विज्ञापन?

मशहूर अमेरिकी लेखक मार्क ट्विन ने कहा था कि सही तरीके से किया गया विज्ञापन, छोटी-छोटी चीज़ों को भी बहुत बड़ा बना देता है ट्विन ने ये बात आज से 127 साल पहले अपने एक उपन्यास में कही थी। आज हालात ये हो गए हैं कि विज्ञापन आम आदमी का साये की तरह पीछा करते हैं। आप कहीं भी जाइए आपका सामना विज्ञापनों से होगा। 

बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पाद को मशहूर बनाने के लिए बड़े-बड़े फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों और दूसरी मशहूर हस्तियों से विज्ञापन करवाती हैं। आम लोगों की नजर में ये फिल्मी सितारे और खिलाड़ी भरोसेमंद होते हैं। जब ये लोग किसी उत्पाद का विज्ञापन करते हैं तो आम लोगों का उस उत्पाद की तरफ भरोसा बढ़ता है, और लोग आंख बंद करके पूरे विश्वास के साथ इन उत्पादों का इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन अक्सर इन विज्ञापनों में कई भ्रामक वादे किए जाते हैं, बढ़-चढ़कर दावे किए जाते हैं, ऐसा साबित करने की कोशिश की जाती है कि जैसे उस उत्पाद का इस्तेमाल कर लेने भर से उपभोक्ता की जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी और उसका जीवन इन सितारों के जैसा हो जाएगा।

कई बार ये उत्पाद ऊंची दुकान और फीका पकवान वाली कहावत को सच करते हुए दिखाई देते हैं, ऐसे में आम लोगों को लगता है कि उनके पंसदीदा अभिनेता, खिलाड़ी या कलाकार ने उन्हें धोखा दिया है। उपभोक्ताओं को इसी धोखे से बचाने के लिए सरकार अब Consumer Protection Bill में बदलाव कर सकती है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों पर तेलगू देशम पार्टी के नेता JC दिवाकर रेड्डी की अध्यक्षता वाली एक संसदीय कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्तियों के लिए सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है। 

अगर इस बदलाव को मंज़ूरी मिल जाती है तो झूठा विज्ञापन करने वाले सितारे को पहली बार ऐसा करने पर 10 लाख रुपये के जुर्माने और 2 वर्ष की सज़ा का सामना करना पड़ सकता है और अगर कोई फिल्म स्टार, खिलाड़ी या दूसरी मशहूर हस्ती ऐसा दोबारा करती है तो उसे 5 साल की सज़ा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है 

हमारा मानना है कि विज्ञापन, अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, विज्ञापन के बगैर उत्पाद और कारोबार का प्रचार करना संभव नहीं होता, विज्ञापन आम लोगों को, किसी उत्पाद पर पैसा खर्च करने से पहले, उसके बारे में जानकारी देने का काम भी करते हैं। लेकिन किसी भरोसेमंद सितारे का, करोड़ों रुपये की डील के लालच में झूठे विज्ञापन करना, उत्पाद की पूरी जानकारी जुटाए बगैर आम लोगों को उसे खरीदने के लिए प्रेरित करना और आम लोगों को धोखा दिये जाने के बाद, सितारे का खुद को विवादों से अलग कर लेना, अच्छी बात नहीं है। इसलिए इन सितारों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, इस प्रस्ताव के मंज़ूर हो जाने पर झूठा प्रचार करने वाले बड़े-बड़े सितारों की गर्दन आपके हाथ में होगी। संसदीय कमेटी की इस रिपोर्ट में उपभोक्ताओं को ताकतवर बनाने वाले कई तत्व छिपे हैं। 

-हमारे समाज में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो अपने पसंदीदा Celebrity को देखकर चीजें खरीदते हैं। एक इंटरनेशनल रिसर्च के मुताबिक, अगर खरीददारी से पहले किसी व्यक्ति को भावुक कर दिया जाए तो वो 30 फीसदी ज्यादा खर्च करता है।

- स्टडी के मुताबिक, भावुक लोग खरीददारी के वक्त तार्किक फैसले नहीं कर पाते हैं इसलिए आपने देखा होगा कि टीवी और अखबारों में भावनात्मक विज्ञापनों पर आजकल विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।

- Health Drink के विज्ञापन में एक मां अपने बच्चे के साथ हर सुबह दौड़ लगाती हुई दिखाई देती है। एक पूर्व क्रिकेटर अपनी ऊर्जा के राज खोलते हुए इमोशनल हो जाते हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स के विज्ञापनों में अक्सर बड़े सितारे बताते हैं कि उनका नेटवर्क कितना अच्छा है

- कई सितारे टेलिविज़न पर आपसे कहते हैं कि आप एक विशेष क्रीम लगाकर उनके जैसे दिख सकते हैं।

- अपने काम को आसान बनाने के लिए कंपनियां करोड़ों रुपये खर्च करके Celebrities को अपना Brand Ambassador बनाती हैं क्योंकि कंपनियों को लगता है कि जितनी बड़ी Celebrity उनके Products का प्रचार करेगी उसकी बिक्री उतनी ही ज्यादा होगी।

- बड़े चेहरे को Brand Ambassador बनाने से Product की विश्वसनीयता बढ़ती है। कंपनियां Celebrities की लोकप्रियता और समाज में उनके सम्मान को अपने Products के प्रचार में इस्तेमाल करती हैं।

- कंपनियों को लगता है कि लोग अपने चहेते सितारों द्वारा प्रचारित किए जाने वाले Products को खरीदने में दिलचस्पी दिखाते हैं और उन पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं। इसीलिए कंपनियां अपने Brands के Promotion में करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। ये पैसा Products की कीमत में जुड़कर उपभोक्ताओं की जेब से ही कटता है और सीधे Celebrities की जेब में चला जाता है।

- विज्ञापन में किसी Product का प्रचार करने से पहले ज़्यादातर Celebrities..उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना ज़रूरी नहीं समझते इस वजह से अगर कोई कंपनी चाहे तो Celebrities के जरिये अपने Products के बारे में भ्रम फैलाने वाली जानकारी देकर उपभोक्ताओं को मूर्ख बना सकती है।

- तमाम Celebrities अपने द्वारा प्रचारित उत्पाद के लिए ज़िम्मेदार हैं और उन्हें ये ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए। Brand Ambassador सिर्फ नोट गिनकर किनारे नहीं हो सकते हमें लगता है कि संसदीय समिति की सिफारिशें सिस्टम के इसी गड्ढे को भरने का काम कर सकती हैं।

- अमेरिका में Federal Trade Commission Act  के तहत विज्ञापन में Product के बारे में दावा करने वाली Celebrity को असल जिंदगी में भी उसका इस्तेमाल करना पड़ता है। 

- कंपनी सिर्फ तब तक एक Celebrity का इस्तेमाल विज्ञापन में कर सकती है जब तक उसे यकीन होता है कि Product पर Celebrity का विश्वास कायम है। 

- जापान में भ्रामक प्रचार का दोषी पाये जाने के बाद Celebrity को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ती है, इससे उसकी साख को भी नुकसान पहुंचता है। 

- दक्षिण कोरिया में Advertising Self-regulation Institution द्वारा बनाए गए कड़े नियमों का पालन विज्ञापन करने वाली हस्तियों को करना पड़ता है। और Products से जुड़ी ज़िम्मेदारियों में Celebrity की भी जवाबदेही होती है।

- चीन में State Administration of Industry and Commerce के पास देश की गलत छवि बनाने वाले और भ्रामक प्रचार करने वाले सितारों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।

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