Zee जानकारी : गैरकानूनी तरीके से गाड़ियों की पार्किंग पर कई देशों में है कठोर सजा
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Zee जानकारी : गैरकानूनी तरीके से गाड़ियों की पार्किंग पर कई देशों में है कठोर सजा

अब हम जिस खबर का DNA टेस्ट करेंगे वो आपके कार वाले संस्कार से जुड़ी हुई है। अगर आपको भी असभ्य तरीके से अपनी कार को पार्क करने की आदत है। या फिर आप दूसरे लोगों की इस बुरी आदत से परेशान हैं तो आपको हमारा ये विश्लेषण ज़रूर देखना चाहिए। मैं आपको कार वाले संस्कारों से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखाने जा रहा हूं।

Zee जानकारी : गैरकानूनी तरीके से गाड़ियों की पार्किंग पर कई देशों में है कठोर सजा

नई दिल्ली : अब हम जिस खबर का DNA टेस्ट करेंगे वो आपके कार वाले संस्कार से जुड़ी हुई है। अगर आपको भी असभ्य तरीके से अपनी कार को पार्क करने की आदत है। या फिर आप दूसरे लोगों की इस बुरी आदत से परेशान हैं तो आपको हमारा ये विश्लेषण ज़रूर देखना चाहिए। मैं आपको कार वाले संस्कारों से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखाने जा रहा हूं।

पहली तस्वीर चीन की है जहां एक व्यक्ति ने गैरकानूनी ढंग से अपनी कार कूड़ाघर यानी डंपिंग यार्ड के सामने पार्क कर दी। ड्राइवर की इस हरकत पर कूड़ा उठाने वाले एक सफाई कर्मी को इतना गुस्सा आया कि उसने इस कार के चारों तरफ कूड़े से भरे 40 Dustbins की दीवार बना दी। दूसरी तस्वीर ताइवान की हैं। जहां गैरकानूनी तरीके से Import की गई एक 4 करोड़ रुपये की कीमत वाली लग्ज़री कार को सरेआम मौत की सज़ा दे दी गई। दरअसल ये कार एक पायलट की थी जिसने इस पर किसी दूसरी कार की लाइसेंस प्लेट लगा दी थी। ये कार अवैध तरीके से ताइवान लाई गई थी और जब स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में पता लगा तब इस कार को एक बुल्डोज़र की मदद से कुचल कुचल कर नष्ट कर दिया गया। जबकि तीसरी तस्वीर लिथुआनिया की है। जहां की राजधानी Vilnius (विलनियस) के मेयर ने गैरकानूनी तरीके से पार्क की गई कार पर एक Military टैंक चढ़ा दिया था। 

हालांकि ये तस्वीर 5 वर्ष पुरानी है। लेकिन ये तस्वीर दिखाना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि भारत में भी लाखों-करोड़ों कार ड्राइवर्स अपनी Cars को ऐसे ही गैरकानूनी तरीके से Park कर देते हैं। जिसकी वजह से लंबा ट्रैफिक Jam लग जाता है, लेकिन हमारे देश में कोई मेयर या स्थानीय प्रशासन का अधिकारी Car को टैंक से कुचलना तो दूर उसे वहां से हटाने की भी कोशिश नहीं करता।

चीन की घटना हमें बताती है, कि जब कोई कार ड्राइवर मनमाने तरीके से Car Park करता है तो कैसे उसे अहिंसक तरीके से सबक सिखाया जा सकता है। चीन के सोशल मीडिया पर ये तस्वीर Viral हो चुकी है, और लोग इस सफाईकर्मी की तारीफ कर रहे हैं। ताइवान से आई तस्वीरों को भी सोशल मीडिया पर काफी Share किया जा रहा है। भारत में कई अमीर लोगों पर गैरकानूनी तरीके से महंगी Cars Import करने के इल्ज़ाम लगते रहे हैं। इन लोगों की कारें जब्त तो कर ली जाती है। लेकिन इसके बाद जुर्माना भरने और Import Duty चुकाने के बाद इन्हें वापस भी कर दिया जाता है। हालांकि ताइवान में एक अवैध Car को सज़ा-ए-मौत देकर साफ संदेश दे दिया गया कि Car जितनी महंगी होगी उसे सज़ा भी उतनी ही भयानक मिलेगी।

जबकि लिथुआनिया की तस्वीरों से हमें ये सबक मिलता है कि अगर लोगों के मन से कानून का डर उतर जाए। तो सख्त कदम उठाकर कानून तोड़ने वाले लोगों को सबक सिखाया जा सकता है। लेकिन अफसोस की बात ये है कि भारत में ऐसा नहीं होता, भारत में जिसके पास जितनी बड़ी Car होती है उसका उतना ही बड़ा रसूख माना जाता है। और ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की हिम्मत हमारा सिस्टम भी नहीं करता। यानी सिस्टम किसी अमीर और बड़ी कार वाले आदमी पर हाथ डालने से पहले सौ बार सोचता है।

भारत में अनियमित पार्किंग को ट्रैफिक Jam की एक बड़ी वजह माना जाता है.। एक आंकड़े के मुताबिक 30 प्रतिशत ट्रैफिक Jam सिर्फ इसलिए लगते हैं क्योंकि ड्राइवर गाड़ी धीमी करके पार्किंग की जगह तलाश रहे होते हैं। भारत में शांतिपूर्वक कार पार्किंग की जगह तलाश करने को आप सबसे बड़ी सहनशीलता भी कह सकते हैं। भारत में ट्रैफिक नियमों का पालन करने की तस्वीरें इतनी दुर्लभ हैं कि किसी को ऐसा करते देखकर पुरस्कार देने का मन करता है। 

भारत में ज़्यादातर लोग छोटी कार जगह बचाने के मकसद से नहीं सिर्फ पैसे बचाने के इरादे से खरीदते हैं। भारत में अक्सर लोग ट्रैफिक वाली सड़क पर ही गाड़ी पार्क कर देते हैं और कहते हैं कि बस पांच मिनट में आ रहा हूं। लेकिन ये हरकतें बताती हैं कि हमें न तो नियमों के पालन में दिलचस्पी है और ना ही हमें सड़क पर खुद ट्रैफिक जाम की वजह बनते हुए शर्म आती है।

-IBM द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक दुनिया भर में पार्किंग की जगह को लेकर सबसे ज्यादा विवाद दिल्ली और बैंगलोर में होते हैं।
-दिल्ली के 58 फीसदी वाहन चालक और बैंगलोर के 44 फीसदी वाहन चालक रोज़ पार्किंग के लिए बहस करते हैं।
-पार्किंग को लेकर होने वाली बहस के मामले में केन्या की राजधानी नैरोबी तीसरे और इटली का शहर मिलान चौथे नंबर पर है।
-भारत में एक वाहन चालक को पार्किंग तलाशने में औसतन 31 से 40 मिनट तक का वक्त भी लग सकता है।
-पार्किंग पर किए गए इस सर्वे के मुताबिक 30% मामलों में ट्रैफिक Jam भी गलत तरीके से की गई पार्किंग की वजह से लगता है।
-इसके अलावा ट्रैफिक नियमों को ना मानना भी भारत की समस्या को काफी हद तक बढ़ा देता है।

हमें लगता है कि सिर्फ कार खरीद लेने से आपकी सामाजिक हैसियत का पता नहीं लगता। Car चलाने और Car Parking के संस्कार से भी आपकी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में काफी कुछ पता चलता है। असभ्य तरीके से कार चलाना और Car पार्क करना दोनों ही सामाजिक बुराइयां हैं और इन बुराइयों से छुटकारा पाना बहुत ज़रूरी है। इसलिए अब आप हमारा ये Extra mileage वाला DNA टेस्ट देखिए और इस बात पर विचार कीजिए कि आप अपने स्तर पर भारत की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या कर सकते हैं। 

आपने ध्यान दिया होगा कि भारत में मिलने वाली ज्यादातर गाड़ियों की टॉप स्पीड 100 से 150 किलोमीटर के बीच होती है। लेकिन सच ये है कि ज़्यादातर कार्स बैलगाड़ी, तांगे और साइकिल की स्पीड से ही सड़कों पर चल पाती हैं। ट्रैफिक Jam और ट्रैफिक की घटिया स्थितियों के लिए बदनाम दुनिया के 15 शहरों में से 3 अकेले भारत में हैं ये शहर हैं कोलकाता, मुबंई और देश की राजधानी दिल्ली। ट्रैफिक से जुड़े Data का विश्लेषण करने वाली संस्था 
Numb-eo के मुताबिक पूरी दुनिया में कोलकाता के लोगों को घर से दफ्तर तक पहुंचने में सबसे ज्यादा वक्त लगता है।

-इस Traffic Index के मुताबिक कोलकाता के लोगों को ऑफिस पहुंचने में औसतन 72 मिनट लगते हैं।
-दूसरे नंबर पर मुंबई है जहां लोगों को दफ्तर पहुंचने के लिए औसतन 69 मिनट का सफर तय करना पड़ता है।
-7वें नंबर पर गुरुग्राम और 8वें नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली है। ट्रैफिक Jam के लिए बदनाम गुरुग्राम में लोग औसतन 59 मिनट तक वाहन चलाकर अपने ऑफिस पहुंचते हैं।
-जबकि दिल्ली में घर से ऑफिस जाने के लिए लोगों को औसतन 57 मिनट खर्च करने पड़ते हैं।
-ट्रैफिक Jam के लिए बदनाम 10 शहरों में नैरोबी, मनीला, बैंकॉक, इस्तांबुल, Cairo और तेहरान जैसे शहर भी शामिल हैं।

2015 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक भारत के शहरों की सड़कों पर ट्रैफिक की औसत रफ्तार 19 किलोमीटर प्रति घंटा है। भारत के शहरों में आप वाहनों को रात 3 बजे से लेकर से सुबह 5 बजे के बीच ही तेज़ गति से चला सकते हैं। इस दौरान भारत में वाहनों की औसत रफ्तार 33 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई है।

भारत में सबसे तेज़ सड़कें दिल्ली और पुणे में हैं जहां वाहन Peak Hours में औसतन 23 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं। लेकिन अगर आप कोलकाता और बैंगलुरु में वाहन चलाते हैं तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपके वाहन का Speedo Meter 17 औऱ 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ऊपर जा ही ना पाए। वैसे ट्रैफिक जाम पूरी दुनिया के शहरों के लिए एक समस्या है। इसलिए अब इससे निपटने के लिए नए नए तरीकों पर विचार किया जा रहा है, इन्हीं में से एक है भविष्य की सवारी Urban Train जिसके बारे में आज आपको पता होना चाहिए।

इस Model का प्रस्ताव Wanis Kabbaj नामक एक Logistic Expert ने सामने रखा है। Wanis के मुताबिक भविष्य में शहरों में सड़कों पर Urban Train चलाई जा सकती हैं। ये Urban Trains कभी सवारियों को बिठाने या उतारने के लिए रुकेंगी नहीं बल्कि निर्धारित शहर आने पर इन Trains का एक हिस्सा अलग हो जाएगा जो कि एक Bus के आकार का होगा। इसके बाद ये Bus जब आपके Area के आसपास पहुंचेगी तो इसमें से Van के आकार का एक और हिस्सा अलग हो जाएगा। जो सीधे आपको आपके घर के दरवाज़े पर उतार देगा। ये एक ऐसा Transport System होगा जो रुक रुक कर नहीं चलेगा। लगातार चलने की वजह से लोगों के वक्त की बचत भी होगी और Traffic Jam की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी।

लेकिन हमें लगता है कि ये भविष्य की सुंदर संभावना है और जब तक ये साकार नहीं होती तब तक हमें ट्रैफिक वाले संस्कार अपानकर अपने अपने शहरों को जाम मुक्त बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

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