ZEE जानकारी: रेप के 95 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़ित के जानने वाले
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ZEE जानकारी: रेप के 95 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़ित के जानने वाले

महिलाओं के अपहरण के मामलों में से आधे मामले ज़बरदस्ती शादी करने के थे. हर घंटे कम से कम 3 महिलाओं के अपहरण....ज़बरदस्ती शादी करने के लिए हुए.

ZEE जानकारी: रेप के 95 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़ित के जानने वाले

NCRB यानी National Crime Records Bureau ने, वर्ष 2016 में, देशभर में हुए अपराधों पर अपनी सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है. इसमें कई चौंका देने वाली बातें सामने आई है. वर्ष 2016 में भारत में हर 1 घंटे में 3 से ज़्यादा लोगों की हत्या हुई है. हर 15 मिनट में रेप की एक घटना हुई है. हर 60 मिनट में करीब 10 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई है. ये बहुत बड़ी विडंबना है कि हमारे देश में एक तरफ देवियों की पूजा की जाती है.. और दूसरी तरफ इसी देश में महिलाओं के साथ रेप होते हैं.. और छेड़छाड़ होती है.

वैसे वर्ष 2016 में भारत में हर घंटे 7 महिलाओं के अपहरण की घटनाएं हुई हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी, महिलाओं के अपहरण के मामलों में से आधे मामले ज़बरदस्ती शादी करने के थे. हर घंटे कम से कम 3 महिलाओं के अपहरण....ज़बरदस्ती शादी करने के लिए हुए. देश की महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार हमारे समाज पर किसी कलंक से कम नहीं है. जिस देश में महिलाओं के उत्थान और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात भी हो रही है.. उसी देश के ये आंकड़े.. हमारे समाज को आईना दिखा रहे हैं. 

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 में देशभर में रेप के कुल 38 हज़ार 947 मामले दर्ज किए गए. जिनमें से 36 हज़ार से ज़्यादा मामलों में आरोपी पीड़ितों के परिचित थे. यानी रेप के 95 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़ित के परिचित थे. यानी महिलाओं को सबसे ज़्यादा ख़तरा अपने जान पहचान वाले लोगों से ही है. अब ज़रा सोचिए जब जान पहचान वाला ही इस तरह धोखा देगा तो कोई किसी पर विश्वास कैसे करेगा? हमारे ग्रंथों में आपको विश्वास, भरोसा, वचन और नैतिकता जैसे शब्दों के ऊंचे ऊंचे पहाड़ देखने को मिलेंगे.. लेकिन आज के भारत की ज़मीनी हकीकत कुछ और है.

NCRB के आंकड़ो मुताबिक देश की राजधानी....दिल्ली.. महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है, भारत के 19 बड़े शहरों में से महिलाओं से छेड़छाड़ की  सबसे ज़्यादा घटनाएं दिल्ली में हुई हैं. गंभीर अपराध के मामले में उत्तरप्रदेश सबसे ख़तरनाक राज्य है, देश के सबसे बड़े राज्य में पिछले वर्ष हत्या के 4 हज़ार 889 मामले दर्ज हुए, ये आंकड़े उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को थोड़ा चिंतित कर सकते हैं. क्योंकि उनका काम बढ़ गया है. उन्हें उत्तर प्रदेश के हालात सुधारने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी.

इसके अलावा भारत में हर रोज़ लूटपाट की 87 घटनाएं हुई हैं, जबकि हर रोज़ डकैती की कम से कम 10 घटनाएं हुई हैं. NCRB की रिपोर्ट ये भी कहती है, कि पिछले वर्ष हर 60 मिनट में सांप्रदायिक हिंसा की कम से कम 7 घटनाएं हुई हैं. ये भी बहुत चिंता की बात है.

ये उस देश के आंकड़े हैं जिसके लोग खुद को धार्मिक कहलवाना पसंद करते हैं. और ये दावा करते हैं कि उन्हें भगवान से डर लगता है. ये उस देश के आंकड़े हैं जहां के लोग अपने धर्म के खिलाफ कुछ नहीं सुनना चाहते. ये उस देश के आंकड़े हैं जहां राम मंदिर एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा है... जहां बाबरी मस्जिद एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा है... जहां धर्म के नाम पर वोट मांगे जाते हैं.. और धर्म के ही नाम पर वोट काटे भी जाते हैं. इसका सीधा सा मतलब ये है कि हमारे देश के लोगों ने शायद धर्म के पालन के सही मतलब को समझा ही नहीं हैं.

इसमे कोई शक नहीं है कि NCRB के ये आकंड़े देश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं. लेकिन सवाल सिर्फ पुलिस और लंबी कानूनी प्रकिया पर ही नहीं उठते.... समाज को भी अपनी नैतिकता... आदर्श और उसूलों का DNA टेस्ट करना होगा. ये देश के पूरे सिस्टम और आम लोगों की साझा ज़िम्मेदारी है.

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