Zee Jankari: नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने डिज़ाइनर पत्रकारों को दिखाया आईना
Advertisement

Zee Jankari: नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने डिज़ाइनर पत्रकारों को दिखाया आईना

आज इस वर्ष का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने ऐसे डिज़ाइनर पत्रकारों को आईना दिखा दिया है. 

Zee Jankari: नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने डिज़ाइनर पत्रकारों को दिखाया आईना

वायु प्रदूषण के बाद..अब हम वैचारिक प्रदूषण का एक विश्लेषण करेंगे .भारत के महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ चाणक्य ने कहा था कि ''ये पूरी पृथ्वी सत्य की शक्ति पर ही टिकी है. सत्य की शक्ति से ही सूर्य चमकता है और वायु को बल मिलता है. सत्य पर ये पूरा विश्व निर्भर है''. चाणक्य ने ये बात आज से करीब 2 हज़ार वर्ष पहले कही थी . लेकिन आज डिजाइनर झूठ के व्यापारी दुनिया को असत्य की बुनियाद पर खड़ा करना चाहते हैं. लेकिन आज इस वर्ष का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने ऐसे डिज़ाइनर पत्रकारों को आईना दिखा दिया है.

आज अभीजीत बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने अभीजीत बनर्जी को बताया कि कैसे उनकी सरकार अफसरशाही में सुधार की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें ये भी बताया कि वो भारत के विकास को लेकर क्या सोचते हैं और कैसे सरकार आम आदमी को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है.

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद अभिजीत बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपनी मुलाकात के अलग अलग पहलुओं पर बात की और पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया. इस दौरान कुछ पत्रकारों ने उनसे सरकार की आलोचना के संबंध में कुछ सवाल पूछने की कोशिश की .

जिसके जवाब में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इसे लेकर...उन्हें आगाह कर चुके हैं . अभिजीत बनर्जी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने मज़ाक में उनसे से कहा था कि मीडिया उन्हें ऐसे सवालों में फंसाने की कोशिश करेगा..जिसके जवाब देते हुए वो मोदी विरोधी लगेंगे. पहले आप अभिजीत बनर्जी का ये बयान सुनिए..

फिर हम आपको डिजाइनर पत्रकारों और लुटियंस मीडिया के असली एजेंडे के बारे में बताएंगे. अभिजीत बनर्जी एक अर्थशास्त्री हैं, उन्हें इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर के साथ इस साल अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया गया है . इन तीनों को ये नोबल.

गरीबी के क्षेत्र में एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए दिया गया है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से डिजाइनर पत्रकार और लुटियंस मीडिया का एक समूह ये साबित करने पर तुला है कि अभिजीत बनर्जी मोदी सरकार के विरोधी हैं, वो सरकार की नीतियों का समर्थन नहीं करते और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिए भारत सरकार को ही जिम्मेदार मानते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उनके समर्थन में ट्वीट कर चुके हैं और कह चुके हैं कि सरकार.बनर्जी के विरोधी विचारों को बिल्कुल पसंद नहीं करती . ये बात सही है कि एक अर्थशास्त्री के तौर पर अभिजीत बनर्जी सरकार की नीतियों को खारिज कर सकते हैं या स्वीकार कर सकते हैं. लेकिन देश की मीडिया के एक हिस्से ने उनकी सफलता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक वैचारिक हथियार में बदलने की कोशिश की है.

अभिजीत बनर्जी ने जैसे ही सरकार की कुछ नीतियों का विरोध किया ..डिजाइनर पत्रकारों के हाथ मोदी विरोधी की संजीवनी लग गई . इन पत्रकारों ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की..कि जैसे बनर्जी को नोबल पुरस्कार गरीबी कम करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए नहीं बल्कि मोदी सरकार के विरोध के लिए ही मिला है. लेकिन आज अभिजीत बनर्जी ने खुद मीडिया के उस हिस्से को बेनकाब कर दिया.

जिसका असली उद्देश्य हर बात पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों का विरोध करना है . अर्थशास्त्र का सहारा लेकर विरोधशास्त्र की राजनीति करने वाले लुटियंस पत्रकारों को आज उन्हीं की भाषा में जवाब मिल गया है. आप इसे डिजाइनर पत्रकारों के लिए अभिजीत बनर्जी का नोबल मैसेज भी कह सकते हैं.

Trending news