ZEE जानकारीः राजनीतिक गांधियों की नहीं.. असली गांधी की बात
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ZEE जानकारीः राजनीतिक गांधियों की नहीं.. असली गांधी की बात

हमारे देश में गांधी Surname के दम पर एक परिवार ने कई पीढ़ियों तक देश की राजनीतिक व्यवस्था पर राज किया है. 

ZEE जानकारीः राजनीतिक गांधियों की नहीं.. असली गांधी की बात

हज़ारों वर्षों की मानव सभ्यता में महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने मानव जाति को विरोध जताने का एक नया तरीका सिखाया. उन्होंने ये साबित किया कि बिना खून बहाए, और किसी को पीड़ा पहुंचाए बिना भी... विरोध किया जा सकता है . शांति के साथ भी अपनी बात कही जा सकती है . महात्मा गांधी ने असहयोग और अहिंसा की नीति को आगे बढ़ाया. बिना हिंसा किए ही महात्मा गांधी ने अंग्रेज़ों को बहुत परेशान कर दिया था. उनकी अहिंसा और असहयोग की नीति से दुनिया के सभी मानवतावादी लोगों ने प्रेरणा ली. और इसीलिए वो एक Global Brand बन गये. भारत में नोट से लेकर वोट मांगने वाले नेताओं की ज़ुबान तक.. हर जगह गांधी जी छाए हुए हैं.

हमारे देश में गांधी Surname के दम पर एक परिवार ने कई पीढ़ियों तक देश की राजनीतिक व्यवस्था पर राज किया है. जबकि गांधी जी के असली परिवार के बारे में कोई नहीं जानता. महात्मा गांधी ने कहा था कि आप मुझे बेड़ियों में जकड़ सकते हैं, आप मुझे प्रताड़ित कर सकते हैं, यहां तक कि आप मेरे शरीर को नष्ट भी कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते हैं . लेकिन आज के भारत में गांधी शब्द के मायने राजनीति की ज़ंजीरों में क़ैद हो गए हैं. आज के गांधी वो नहीं हैं, जिन्होंने अपनी सकारात्मक ज़िद से भारत को आज़ादी दिलाई, बल्कि आज के गांधी वो हैं जो सत्ता का केंद्र बनकर रहना चाहते हैं और आप इन्हें राजनीतिक गांधी भी कह सकते हैं. लेकिन आज हम राजनीतिक गांधियों की नहीं.. असली गांधी की बात करेंगे .

ये बहुत बड़ी विडंबना है कि आज के दौर के गांधी बड़े-बड़े सरकारी बंगलों में रहते हैं और सुविधाओं का दोहन करते हैं. जबकि असली गांधियों को कोई जानता भी नहीं. भारत सहित दुनिया के ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि नेहरु गांधी परिवार ही महात्मा गांधी का असली वंशज है. लेकिन ये बात पूरी तरह से गलत है. महात्मा गांधी के वंशज कौन हैं, ये आज हम आपको बताएंगे.

महात्मा गांधी के वंशजों के बारे में रिसर्च करते हुए हमने एक किताब का अध्ययन किया. ये किताब गांधी जी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने लिखी है और इसमें गांधी जी के वंशजों का विवरण है.महात्मा गांधी के इस पूरे Family Tree में आपको इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी या राहुल गांधी का नाम देखने को नहीं मिलेगा, क्योंकि ये लोग गांधी जी के असली परिवार से ताल्लुक नहीं रखते.

महात्मा गांधी के 4 बेटे थे. हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास. महात्मा गांधी के 154 वंशज दुनिया के 6 देशों में रह रहे हैं. इनमें से कोई डॉक्टर है, कोई प्रोफेसर है, कोई इंजीनियर है, कोई वकील है, तो कोई वैज्ञानिक है. आपने महात्मा गांधी के वंशजों में से 3 लोगों के नाम शायद सुने होंगे. इनमें पहला नाम है महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी का. जिन्होंने 1989 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा था. इसके अलावा पिछले वर्ष उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में महात्मा गांधी के एक और पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने भी चुनाव लड़ा था. वो विपक्ष के उम्मीदवार थे, हालांकि वो चुनाव हार गए थे. महात्मा गांधी के एक और परपोते तुषार गांधी ने भी राजनीति में अपनी किस्मत आज़माई थी. उन्होंने 1992 में मुंबई से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. 

ये बहुत बड़ी विडंबना है कि गांधी सरनेम का इस्तेमाल करके लोगों ने बड़ी बड़ी सत्ताएं बना लीं.. लेकिन जो असली गांधी हैं उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिला. करीब दो वर्ष पहले मई 2016 में DNA में हमने आपको एक रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें हमने आपको महात्मा गांधी के पोते कनुभाई गांधी के बारे में बताया था. उस वक्त वो 87 साल के थे. कनुभाई गांधी महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास गांधी के बेटे थे और अपनी पत्नी के साथ दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में रह रहे थे. वो 40 वर्षों तक अमेरिका में रहे और फिर 2014 में भारत लौटे. उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्हें वृद्ध आश्रम का सहारा लेना पड़ा . और हमें बड़े ही दुख के साथ आपको ये बताना पड़ रहा है कि कनुभाई गांधी अब नहीं रहे. 
2016 में दो महीने तक वो दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में रहे. और उसके बाद सूरत के राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के वृद्धाश्रम में चले गए . लेकिन नवंबर 2016 में हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई. 

आपको जानकर हैरानी होगी कि कनुभाई ने अमेरिकी Space Agency NASA और अमेरिका के Defence Department में भी काम किया था. उनकी पत्नी डॉक्टर शिवा लक्ष्मी गांधी भी biochemistry में Ph.D हैं और वो Boston में पढ़ाती थीं . लेकिन अफसोस इस बात का है कि इतना शानदार काम करने के बाद भी इन दोनों को अपना अंतिम समय वृद्ध आश्रम में बिताना पड़ा.. और जीवन की विषमताओं के बीच कनुभाई गांधी की मृत्यु हो गई. जबकि गांधी सरनेम लगाकर राजनीति करने वालों ने इस शब्द को ही हाईजैक कर लिया. गांधी सरनेम का इस्तेमाल करके खूब वोट लूटे गये हैं.. सत्ताएं हासिल की गई है और एक खानदान का निर्माण किया गया है. दुख की बात ये है कि आज गांधी शब्द को सिर्फ राजनीतिक गांधियों से ही जोड़कर देखा जाता है.. जबकि असली गांधी की बात कोई नहीं करता.

यहां आपके दिमाग में ये सवाल भी ज़रूर आ रहा होगा कि नेहरु गांधी परिवार के साथ गांधी सरनेम कैसे जुड़ा. इसकी कहानी शुरु होती है जवाहरलाल नेहरु की बेटी इंदिरा नेहरू और फिरोज़ जहांगीर Ghandy की शादी से. 1942 में जब दोनों की शादी हुई, तब महात्मा गांधी ने फिरोज़ को अपना सरनेम गांधी दिया और शादी के बाद इंदिरा नेहरू, इंदिरा गांधी बन गईं. और फिर इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, इन सबका सरनेम गांधी हो गया. आज हमने आपके लिए महात्मा गांधी के विचारों का एक संकलन भी तैयार किया है . इस संकलन में हमने महात्मा गांधी के उन विचारों को लिया है जो आज भी प्रासंगिक है . 

गांधी वांग्मय में महात्मा गांधी के विचारों का संकलन किया गया है . गांधी वांग्मय में समाचार पत्रों में लिखे गए महात्मा गांधी के लेखों और विचारों को एक सूत्र में पिरोया गया है. हमने ये विचार गांधी वांग्मय से लिये हैं.आज महात्मा गांधी का चेहरा भारत के नोट की एक बड़ी पहचान बन चुका है . लेकिन क्या आपको पता है कि इन नोटों पर महात्मा गांधी की जो तस्वीर है वो कब की है ?भारत के नोटों पर नज़र आने वाली महात्मा गांधी की तस्वीर वर्ष 1946 की है . ये तस्वीर महात्मा गांधी और एक British राजनेता के बीच हुई मुलाकात के दौरान खींची गई थी . 2 अक्टूबर 1969 को... महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी मनाई गई थी... तब 100 रुपए के नोट जारी किए गए थे, जिनमें महात्मा गांधी की तस्वीर थी . नोटों पर उनकी तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी था . 

महात्मा गांधी के चित्र के साथ 500 रुपए के नोट अक्टूबर 1987 में जारी किए गए थे . वर्ष 1996 में महात्मा गांधी की सीरीज़ के नए नोट जारी किए गए थे . दिल्ली के National Gandhi Museum में महात्मा गांधी की बहुत सारी यादों को संभाल कर रखा गया है . आज Zee News की टीम ने आपके लिए National Gandhi Museum से बहुत दिलचस्प तस्वीरें अपने कैमरे में Record की हैं . इन तस्वीरों के माध्यम से आप महात्मा गांधी को और अच्छी तरह समझ पाएंगे . 

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