Zee जानकारी: राजनीतिक पार्टियों की आय बनाम आम आदमी की आय
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Zee जानकारी: राजनीतिक पार्टियों की आय बनाम आम आदमी की आय

हमारे देश की एक बहुत बड़ी विडंबना ये है कि आम आदमी भले ही महंगाई से जूझ रहा हो, लेकिन सियासी दलों की तिजोरियां लगातार भरती रहती हैं। कल ही सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा है कि इस वक्त देश के 33 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित हैं। लेकिन भारत में राजनीति, एक ऐसा पेशा है जिसमें कभी सूखा नहीं पड़ता। ऐसा लगता है जैसे राजनीति को हमेशा फलने फूलने का वरदान मिला हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में आप की कमाई बढ़ी हो या ना बढ़ी हो लेकिन हमारे देश के सियासी दलों की कमाई में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। राजनीतिक दलों पर रिसर्च करने वाली संस्था Association for Democratic Reforms ने इन पार्टियों की सालाना आय को लेकर देश के सामने नये तथ्य रखे हैं, जिनका विश्लेषण करना ज़रूरी है। 

Zee जानकारी: राजनीतिक पार्टियों की आय बनाम आम आदमी की आय

नई दिल्ली: हमारे देश की एक बहुत बड़ी विडंबना ये है कि आम आदमी भले ही महंगाई से जूझ रहा हो, लेकिन सियासी दलों की तिजोरियां लगातार भरती रहती हैं। कल ही सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा है कि इस वक्त देश के 33 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित हैं। लेकिन भारत में राजनीति, एक ऐसा पेशा है जिसमें कभी सूखा नहीं पड़ता। ऐसा लगता है जैसे राजनीति को हमेशा फलने फूलने का वरदान मिला हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में आप की कमाई बढ़ी हो या ना बढ़ी हो लेकिन हमारे देश के सियासी दलों की कमाई में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। राजनीतिक दलों पर रिसर्च करने वाली संस्था Association for Democratic Reforms ने इन पार्टियों की सालाना आय को लेकर देश के सामने नये तथ्य रखे हैं, जिनका विश्लेषण करना ज़रूरी है। 

ADR के मुताबिक 2014-15 में 5 राष्ट्रीय पार्टियों की आय में 39 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है। पिछले वर्ष BJP, CPI, CPM, NCP और BSP की आय 1 हजार 275 करोड़ 78 लाख रुपये दर्ज की गई है। इनमें से ज्यादातर पैसा ऐसा है, जो अज्ञात स्रोतों से पार्टियों के खाते में आया है। कुल मिलाकर पार्टियों को मिले 54% पैसे के Source का पता नहीं है। 

कांग्रेस ने अपनी आय से संबंधित जानकारियां चुनाव आयोग को नहीं दी थीं, इसलिए कांग्रेस की आय की कोई जानकारी मौजूद नहीं है। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को 30 नवंबर 2015 तक की Deadline दी थी। लेकिन कांग्रेस ने पिछले एक वर्ष में हुई अपनी आय की कोई जानकारी नहीं दी। 

2013-14 में इन राजनीतिक दलों की आय 920 करोड़ 44 लाख रुपये थी, जो 2014-15 में बढ़कर 1 हजार 275 करोड़ 78 लाख रुपये हो गई है। इन दलों में सबसे ज्यादा इज़ाफ़ा भारतीय जनता पार्टी की आय में दर्ज किया गया है। बीजेपी की आय 44 प्रतिशत बढ़कर 673 करोड़ 81 लाख से 970 करोड़ 43 लाख रुपये हो गई है। BSP की आय एक वर्ष में 67 फीसदी बढ़कर 66 करोड़ 91 लाख से 111 करोड़ 95 लाख रुपये हो गई है। 

CPI ही एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है, जिसकी आय में कमी दर्ज की गई है। पिछले 1 वर्ष में CPI की आय 2 करोड़ 43 लाख रुपये से घटकर 1 करोड़ 84 लाख रुपये हो गई। जबकि CPM की एक वर्ष की आय में करीब 2 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज हुई है। CPM की आमदनी 121 करोड़ 87 लाख से बढ़कर 123 करोड़ 92 लाख रुपये हो गई है। इसी तरह NCP की आय में करीब 22 फीसदी की बढ़त हुई है। NCP ने 55 करोड़ 42 लाख रुपये के मुकाबले 67 करोड़ 64 लाख रुपये कमाए है। 

यहां आपको इन राजनीतिक दलों को मिली छूट के बारे में भी जानकारी भी होनी चाहिए। राजनीतिक दलों को Income Tax देने से छूट मिली हुई है। पार्टियों को सिर्फ 20 हजार रुपये से ज़्यादा के चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। जबकि 20 हजार से कम का चंदा देने वाले unknown source होते हैं, इन पार्टियों के लिए ऐसे अज्ञात source की जानकारी अपने income tax return में देना अनिवार्य नहीं है। 

NCP का दावा है कि उसने 20 हजार रुपये से ज़्यादा का चंदा ही स्वीकार किया है। यानी जिसने भी NCP को चंदा दिया, वो रिकॉर्ड में मौजूद है। जबकि BSP का दावा है कि उसे किसी ने भी 20 हजार रुपये से ज़्यादा का चंदा नहीं दिया। इसका सीधा मतलब ये है कि BSP को चंदा देने वाले अज्ञात हैं।

यहां आप ये भी समझिए कि अगर आम आदमी को अज्ञात स्रोत से पैसा मिले और वो उसकी जानकारी अपने आयकर रिटर्न में न दे, तो उसे जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। लेकिन राजनीतिक दलों को इसकी खुली छूट मिली हुई है। आपको ये बात बहुत चुभेगी कि राजनीतिक दलों की आय तो 39 फीसदी के हिसाब से बढ़ी है, लेकिन आपकी आय में सिर्फ 5.8 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ है। 

भारतीयों की आय
राजनीतिक दलों की जेब बेशक भरी हुई हो लेकिन आपकी यानी इस देश के आम आदमी की जेब अक्सर ख़ाली ही रहती है। हमारे पास भारतीयों की आय से जुड़े हुए कुछ हैरान और परेशान करने वाले आंकड़े आए हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। ये महंगाई का दौर है और ऐसे में आपका हाथ भी खर्च करने में हमेशा तंग रहता होगा। आपमें से कई लोग तो अपनी पूरे महीने की Salary सिर्फ घर की जरूरतें पूरी करने में ही लगा देते होंगे और महीने के अंत में Savings के लिए कुछ नहीं बचता होगा। लेकिन अगर आप ये समझ रहे हैं कि ये हालत सिर्फ आपकी है, तो हम आपको बता दें कि ज्यादातर भारतीय लोग, जिंदगी की जद्दोजहद में बस किसी तरह से गुज़र बसर कर रहे हैं। दुनिया भर के लोगों की Income पर Research करने वाली संस्था Market News International यानी MNI की एक स्टडी में भारतीय लोगों के बारे में बहुत हैरान और परेशान करने वाली बातें सामने आई हैं।

भारत के 10 में से 9 परिवार अपना महीने का वेतन रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर ही ख़र्च कर देते हैं। देश के 94.1 प्रतिशत परिवार अपने महीने की आय का 70 से 100 फीसदी हिस्सा घर की जरूरतों पर खर्च करते हैं जबकि सिर्फ 4.8 प्रतिशत परिवार ही ऐसे हैं जो अपनी monthly income का 50 से 69 फीसदी हिस्सा रोज़ाना की जरूरतों पर खर्च करते हैं  यानी आप समझ सकते हैं कि ज्यादातर भारतीयों की पूरी Salary सिर्फ घर की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करने में खर्च हो जाती है। 

महीने की बचत की बात करें तो आंकड़े और ज्यादा परेशान करते हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि करीब आधा हिंदुस्तान महीने के आखिर में एक भी पैसा नहीं बचा पाता। देश के 47 फीसदी लोग अपनी मासिक आय से एक भी पैसा नहीं बचा पाते हैं। जब कोई बचत ही नहीं होगी तो आम आदमी Investment यानी निवेश कहां से करेगा?  यही वजह है कि 10 में से 8 भारतीय परिवारों के पास महीने के आखिर में निवेश के लिए कुछ नहीं बचता है। भारत में 84 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो अपनी मासिक आय से किसी तरह का निवेश नहीं कर पाते हैं।

इन आंकड़ों को देखकर आपको लग रहा होगा कि सूखा सिर्फ धरती पर ही नहीं पड़ रहा है बल्कि एक आम भारतीय की घरेलू अर्थव्यस्था भी सूखाग्रस्त है। घरेलू अर्थव्यस्था के इस सूखे को दूर करने के लिए समय समय पर दुनिया के कई लोगों ने बड़े मंत्र दिए हैं और ऐसे लोगों में से एक हैं अमेरिका के मशहूर बिजनेसमैन और निवेशक Warren Buffett 

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक Warren Buffett का मंत्र है कि Don't save what is left after spending; spend what is left after saving यानी खर्च करने के बाद पैसा मत बचाओ, बल्कि बचाने के बाद जो पैसा बचे उसे खर्च करो। 

Warren Buffett का एक और मशहूर सबक है कि If you buy things you don't need, you will soon sell things you need. यानी अगर आप ऐसी चीज़ों को खरीदते हैं जिनकी आपको ज़रूरत नहीं है तो बहुत जल्द आपको वो चीज़ें बेचनी पड़ेंगी जिनकी आपको ज़रूरत है। 

हमें उम्मीद है कि Warren Buffett के इन मूलमंत्रों के पीछे छिपे हुए सच पर आप अमल करेंगे। और वैसे भी Salary के बारे में कहा जाता है कि वो कभी भी किसी इंसान को अमीर नहीं बना सकती, Salary से व्यक्ति, सिर्फ अपनी ज़रूरतें ही पूरी कर पाता है। 

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