Zee जानकारी : जुनैद हत्याकांड का दूसरा पहलू
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Zee जानकारी : जुनैद हत्याकांड का दूसरा पहलू

Zee जानकारी : जुनैद हत्याकांड का दूसरा पहलू

-हरियाणा के पलवल का रहने वाला नरेश कुमार दिल्ली में गार्ड की नौकरी करता था। 

-22 जून यानी घटना वाले दिन नरेश ने शाम को 6 बजे दिल्ली के शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ी थी। 

-नरेश के कबूलनामे के मुताबिक दिल्ली के ओखला स्टेशन से एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति ट्रेन में चढ़ा और उसने कुछ मुस्लिम युवकों से सीट देने को कहा। 

-लेकिन जब लड़कों ने सीट नहीं दी, तो उस व्यक्ति ने इन लड़कों के धर्म के प्रति अपशब्द कहे। 

-उस अधेड़ व्यक्ति के साथ और भी लोग आ गए और उन्होंने इन युवकों के साथ मारपीट की। 

-नरेश के मुताबिक इसके बाद जुनैद और उसके दोस्त तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर उतरकर दूसरे डिब्बे में चले गए। 

-नरेश ने अपने कबूलनामे में बताया है कि जब गाड़ी बल्लभगढ़ पहुंची तो ट्रेन में जुनैद के 7 या 8 दोस्त चढ़े, जिनमें वो लड़के भी शामिल थे, जिनसे नरेश का झगड़ा हुआ था। और इन लड़कों ने उस अधेड़ व्यक्ति को पीटना शुरू कर दिया, जिससे पहले झगड़ा हुआ था। 

-इसके बाद ट्रेन में मौजूद कुछ और लोग भी इसके विरोध में आ गए और उन्होंने भी जुनैद के दोस्तों से मारपीट की।

-जुनैद और उसके दोस्तों ने नरेश को भी पहचान लिया, और उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी।

-जिसके बाद नरेश ने हमलावरों पर चाकू से हमला कर दिया और उस हमले में जुनैद मारा गया। 

-नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो द्वारा जारी किए गये ताजा आंकड़ों के अनुसार 2015 में ट्रेन में 247 लोगों की हत्या हुई थी। अब हम आपसे ये पूछना चाहते हैं कि क्या आपको उन 247 लोगों में से किसी का नाम याद है। 2015 की ही तरह हर साल लगभग ऐसे ही हालात रहते हैं लेकिन देश के मीडिया के एक वर्ग ने सिर्फ जुनैद की हत्या को ही हेडलाइन बनाया। 

-2015 में देशभर में 32 हज़ार 127 लोगों की हत्या हुई. हर साल औसतन इतनी ही हत्याएं होती हैं लेकिन डिज़ाइनर पत्रकारों ने अखलाक की हत्या पर स्पेशल कवरेज की। और इस साल जुनैद की हत्या पर विशेष रिपोर्टिंग की गई.

-इसी तरह से 2015 में देशभर में 4 हज़ार 247 छात्रों ने आत्महत्या की, लेकिन ख़बरों का आंदोलन सिर्फ रोहित वेमुला की आत्महत्या पर खड़ा किया गया। 

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