ZEE जानकारीः रवांडा में गाय से गरीबी मिटाने की कोशिश
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ZEE जानकारीः रवांडा में गाय से गरीबी मिटाने की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा के flagship program, GIRINKA के तहत रवांडा के गरीब परिवारों को गायें भेंट की हैं .

ZEE जानकारीः रवांडा में गाय से गरीबी मिटाने की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अफ्रीकी महाद्वीप के तीन देशों के दौरे पर हैं . उन्होंने रवांडा की यात्रा पूरी कर ली है . इस वक्त वो युगांडा में हैं और इसके बाद वो BRICS सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाएंगे . नरेंद्र मोदी के अफ्रीका दौरे से कई दिलचस्प तस्वीरें आई हैं . भारत की राजधानी, दिल्ली से 6 हज़ार किलोमीटर दूर रवांडा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के गरीब परिवारों को 200 गायें Gift की हैं . ये तस्वीरें Social Media पर भी Trend कर रही हैं लेकिन लोगों को ये जानकारी नहीं है कि रवांडा में 200 गायों को Gift करने का क्या मकसद है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा के flagship program, GIRINKA के तहत रवांडा के गरीब परिवारों को गायें भेंट की हैं . GIRINKA, रवांडा सरकार का बड़ा कार्यक्रम है . जो दुधारू पशुओं के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहा है . गाय से जुड़े इस कार्यक्रम के ज़रिए रवांडा में गरीबी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है . रवांडा में सदियों पुरानी सांस्कृतिक परंपरा है जिसमें एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति के प्रति सम्मान दिखाने के लिए गाय को Gift करता है . वर्ष 2006 से लेकर जून 2016 तक, रवांडा में गरीब परिवारों को कुल 2 लाख 48 हज़ार 566 गायें बांटी जा चुकी हैं . 

रवांडा की सरकार का ये मानना है कि एक गाय से अर्थव्यवस्था को बहुत सारे फायदे हो सकते हैं . इस कार्यक्रम के माध्यम से रवांडा की सरकार बच्चों में कुपोषण को कम करना चाहती है . खेतों में खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी जिससे उत्पादन बढ़ेगा . गाय के दूध को बेचकर भी लाभ कमाया जा सकता है . जिससे रोज़गार बढ़ता है . भारत ने इस योजना को प्रोत्साहन देने के लिए रवांडा के बेहद गरीब 200 परिवारों को गायें भेंट की हैं .

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी इन बातों को समझते थे . गांधी जी ने कहा था कि गोमाता, जन्म देने वाली मां से भी कई मायनों में बेहतर है . हमारी मां हमें कुछ वर्षों तक दूध देती है और जब हम बड़े होते हैं तो हम उसकी सेवा करते हैं . गो-माता हमसे घास और अनाज के अलावा किसी भी चीज़ की उम्मीद नहीं करती है . गाय... दुनिया में गरीब, लाचार और कमज़ोर लोगों की सुरक्षा है . हमें लगता है कि महात्मा गांधी के इन विचारों और गाय की आर्थिक उपयोगिता को हमेशा सम्मान देना चाहिए. दुर्भाग्य ये है कि हमारे देश के लोगों ने गाय को भी धर्म से जोड़ दिया, और इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया. हो सकता है कि 2019 में भी गाय का राजनीतिक दोहन हो जाए.

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