ZEE जानकारीः Russia की कूटनीति को समझना बहुत मुश्किल है
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ZEE जानकारीः Russia की कूटनीति को समझना बहुत मुश्किल है

 Russia की कूटनीति को समझना बहुत मुश्किल है. लेकिन, आधुनिक दौर में भारत, ना सिर्फ इस पहेली को सुलझाने में कामयाब रहा है.

ZEE जानकारीः Russia की कूटनीति को समझना बहुत मुश्किल है

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री Winston Churchill ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान कहा था, कि Russia, रहस्य में लिपटी हुई एक पहेली है. यानी Russia की कूटनीति को समझना बहुत मुश्किल है. लेकिन, आधुनिक दौर में भारत, ना सिर्फ इस पहेली को सुलझाने में कामयाब रहा है. बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कूटनीति के नये फॉर्मूले का इस्तेमाल करके, Russia को भारत के पक्ष में 'सम्मोहित' कर चुके हैं. Russia के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर थे. और भारत की अतिथि देवो भव: वाली परंपरा के अनुसार वो हमारे ख़ास मेहमान थे. लेकिन, उनके भारत आने से लेकर उनके वापस जाने तक जितनी भी तस्वीरें दिखाई दी हैं, उन्हें देखकर ऐसा ही लगता है, जैसे वो Guest नहीं, बल्कि Host की भूमिका में थे. ये एक नया और दिलचस्प कूटनीतिक समीकरण है, जिसमें भारत के 135 करोड़ लोगों के लिए... गर्व के कई लम्हें मौजूद हैं. 

इस ख़बर को समझने के लिए आपको व्लादिमीर पुतिन की भारत दौरे से जुड़ी तस्वीरें बहुत ध्यान से देखनी चाहिए. इन तस्वीरों में ही इस ख़बर का सार है. इनमें से कई तस्वीरें आप कल से लेकर आज तक.. देख चुके होंगे, लेकिन इनका अर्थ आपको समझ में नहीं आया होगा. और आपके मन में कई प्रश्न भी उठ रहे होंगे. कल शाम 7 बजे की ये तस्वीर देखिए. जब Russia के राष्ट्रपति पुतिन का विमान भारत पहुंचा. हालांकि, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्वागत के लिए Airport पर मौजूद नहीं थे. ऐसा क्यों हुआ, ये हम आपको आगे बताएंगे. इस बार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया. हालांकि, उस दौरान पुतिन के बात करने का तरीका, उनके चलने का अंदाज़, अपनी गाड़ी के नज़दीक पहुंचते ही कोट उतारने वाला Style और उनकी Body Language देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वो Guest नहीं... Host हों. इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक आवास पर Russia के राष्ट्रपति का स्वागत किया. वहां One-On-One Dinner रखा गया था. यानी वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Host की भूमिका में थे. और व्लादिमीर पुतिन उनके मेहमान थे. लेकिन, तस्वीरें कुछ और ही कहानी बता रही हैं. 

अपनी गाड़ी से उतरते ही Russia के राष्ट्रपति पुतिन ने.. आगे बढ़कर भारत के प्रधानमंत्री को गले लगा लिया. अब ये तस्वीर देखिए. दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था. लेकिन पुतिन का हाथ नरेंद्र मोदी के हाथ के ठीक ऊपर था. इस तस्वीर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पहला ये, कि भारत, Russia का 'हाथ' नहीं छोड़ना चाहता. और दूसरा ये, कि पुतिन, भारत का 'हाथ' पूरी मज़बूती से पकड़कर रखना चाहते हैं. और इसीलिए वो भारत के प्रधानमंत्री द्वारा दिखाए गए रास्ते पर साथ चलने के लिए तैयार हैं.

रिश्तों की यही मिठास आज भी दिखाई दी. जब दोनों देशों के बीच India-Russia Annual Bilateral Summit हुआ. और इसकी सबसे दिलचस्प तस्वीर उस वक्त दिखाई दी, जब भारत के प्रधानमंत्री और Russia के राष्ट्रपति Media के सामने आए. इस बार Hand Shake की शुरुआत भी पुतिन ने की, और गले मिलने की इच्छा भी पुतिन ने ही जताई. आप ये तस्वीर ध्यान से देखिए. व्लादिमीर पुतिन का भारत के प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने और गले मिलने की पहल करना, देखने में भले ही एक साधारण सी घटना हो. लेकिन कूटनीति को समझने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं, कि ये एक असाधारण घटना है. क्योंकि, आज से पहले तक शायद ही ऐसा कभी देखने को मिला हो.

इसके बाद आज की सबसे दिलचस्प तस्वीर उस वक्त दिखाई दी, जब दोनों देशों के राष्ट्र अध्यक्षों ने भारत और Russia के प्रतिभाशाली बच्चों से मुलाकात की. इन सभी बच्चों ने 5 अलग-अलग विषयों पर Projects बनाए थे. बच्चों से बातचीत के दौरान व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी के हाव-भाव बिल्कुल वैसे ही थे, जैसे शिक्षकों के होते हैं. वैसे ये भी एक संयोग ही है, कि 5 अक्टूबर को Russia सहित पूरी दुनिया में World Teacher's Day मनाया जाता है. जबकि, ठीक एक महीने पहले यानी 5 सितम्बर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया गया था. राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत के दौरान इस दिलचस्प तथ्य का ज़िक्र भी किया. नरेंद्र मोदी और पुतिन को बच्चों के Projects पसंद आए, और उन्होंने भारत और Russia के बच्चों की Photo वाली इच्छा भी पूरी कर दी.

Russia और भारत के होनहार बच्चे एक साथ मिलकर Joint Workshops और Projects पर काम कर रहे हैं. मई 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Russia गए थे, तब उन्होंने एक Educational Foundation का दौरा किया था. उस वक्त उन्होंने वहां के बच्चों से वादा किया था, कि Russia के काबिल बच्चों को भारत की युवा शक्ति के साथ मिलकर काम करने के लिए भारत लाया जाएगा. और उसी वादे के तहत ये बच्चे दोनों देशों की Partnership को मज़बूत कर रहे हैं. 

अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में बड़े बड़े बयानों की ज़रूरत नहीं होती. तस्वीरों की मदद से ही दुनिया को संदेश दे दिया जाता है. और इसीलिए आज दुनिया के दो ताकतवर देशों के नेताओं की मुलाकात कूटनीति की दुनिया में Trend कर रही हैं. हालांकि, कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं, कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार प्रोटोकॉल तोड़कर व्लादिमीर पुतिन का स्वागत क्यों नहीं किया...या फिर उन्हें एयरपोर्ट जाकर विदाई क्यों नहीं दी ? इसकी वजह ये है कि दुनिया का मौजूदा समीकरण कुछ इस तरह का है, जिसमें भारत को Russia की कम, और Russia को भारत की ज़्यादा ज़रुरत है.

इसे समझने के लिए ज़्यादा पीछे जाने की ज़रुरत नहीं है. मई 2018 की ये तस्वीरें देख लीजिए, जब भारत के प्रधानमंत्री Russia के Sochi शहर पहुंचे थे. उस वक्त पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत भी किया था और Protocol की परवाह किए बगैर, वो उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने भी आए थे. आम तौर पर जब किसी देश का राष्ट्र अध्यक्ष, विदेशी दौरा ख़त्म करने के बाद वापस अपने देश लौटता है, तो उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए उस देश के Protocol Officers उसके साथ जाते हैं. लेकिन, व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा नहीं किया था. उस वक्त सबने यही कहा था, कि नरेंद्र मोदी को छोड़ने के लिए खुद पुतिन का एयरपोर्ट तक आना कूटनीति का एक बहुत दुर्लभ लम्हा है. क्योंकि, आमतौर पर पुतिन, प्रोटोकॉल तोड़कर किसी को छोड़ने के लिए नहीं जाते. लेकिन जब पुतिन भारत आए तो प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को See Off नहीं किया. 

यहां गौर करने वाली बात ये भी है, कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी कई मौकों पर Protocol तोड़कर, एयरपोर्ट जाकर, विदेशी मेहमानों का स्वागत किया है. फिर चाहे वो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हों, UAE के Crown Prince हों, Jordon के King हों, इज़राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू हो, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina हों, या फिर फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron...
भारत के प्रधानमंत्री ने इन सभी को एयरपोर्ट जाकर खुद Receive किया है. हालांकि दिलचस्प बात ये भी है, कि नरेंद्र मोदी कभी किसी विदेशी मेहमान को Airport तक छोड़ने नहीं गए. जबकि दूसरी तरफ, पुर्तगाल के प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष सारे नियमों की परवाह किए बगैर, भारत के प्रधानमंत्री को See Off किया था. 2017 में जब नरेंद्र मोदी इज़राएल गये थे. तब Benjamin Netanyahu ने उन्हें एयरपोर्ट पर Receive भी किया था. और वो उन्हें छोड़ने के लिए भी एयरपोर्ट आए थे. 

हालांकि, इस बार ना तो नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए पहुंचे और ना ही उन्होंने एयरपोर्ट जाकर व्लादिमीर पुतिन को विदाई दी. लेकिन Russia को इससे कोई आपत्ति नहीं होगी. क्योंकि, पुतिन जानते हैं, कि भारत 21वीं सदी का नया World Order, तैयार कर रहा है. और इसमें दोनों देशों की दोस्ती का अनौपचारिक होना ज़रुरी है.  

 

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