अब हम जम्मू कश्मीर से आज पाकिस्तान के लिए आई सबसे बुरी खबर का विश्लेषण करेंगे .पिछले 30 वर्षों से भारत ने संयुक्त राष्ट्र सहित कई वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवादी एजेंडे का पर्दाफाश किया है. पाकिस्तान की Terror Export करने वाली फैक्ट्रियों का दुनिया के कई आतंकवादी हमलों से कनेक्शन सामने आ चुका है. इमरान खान पिछले कुछ समय से लगातार कश्मीर का मुद्दा दुनिया भर में उठाते रहे हैं. और अब कश्मीर घाटी में पहुंचे यूरोपीय सांसदों ने भी सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया है. यानी European Union के सांसदों ने भी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है और आतंकवादियों से पाकिस्तान के गहरे संबंधों की पोल खोल दी है .
आतंकवाद के खिलाफ भारत का युद्ध लगातार जारी है और यूरोपीय सांसदों का समर्थन हमारे लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है. वजह ये है कि... जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल को वहां जाकर हालात को देखने और समझने की इजाजत दी गई . इसलिए कश्मीर के बारे में इन सांसदों की बातें...
अगले कुछ दिनों तक भारत और दुनिया भर के अखबार... टेलीविजन न्यूज चैनल और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रहेंगी. जब ये सांसद अपने देश वापस जाएंगे... तो वहां पर भी बताएंगे कि... इन्होंने कश्मीर में क्या देखा... वहां के हालात कैसे हैं... और कश्मीर में आतंकवाद वाली समस्या का जिम्मेदार कौन है? European Union के लिए आतंकवाद सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक है.
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दुनिया के देशों को ये भी डर है कि, आतंकवाद अब किसी देश की सीमा में बंधा हुआ नहीं है. अगर आज पाकिस्तान... कश्मीर में आतंकवादी भेज रहा है तो... कल उनका नंबर भी आ सकता है . इसलिए वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में European Union... भारत के साथ, कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है . हमारे देश में 135 करोड़ लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है.
और इसका फायदा उठा रहे हैं डिजाइनर पत्रकार और टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग . जब European Union के सांसद... जम्मू कश्मीर पहुंचे तो ये गैंग भी Active हो गया . जम्मू कश्मीर के दौरे पर Europe के 8 देशों के 23 सांसद आए थे...जिनमें जर्मनी के 2 सांसद भी शामिल थे . शायद इसलिए सभी सांसदों को Nazi Lovers यानी हिटलर की विचारधारा से प्रेम करनेवाला बताया गया . कल इन सांसदों के घाटी में पहुंचने के बाद से टुकड़े-टुकड़े गैंग लोगों तक ये संदेश देने की कोशिश कर रहा है... कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य नहीं है . और यूरोपीय सांसदों की मदद से भारत सरकार..
. कश्मीर के हालात को बेहतर दिखाने की कोशिश कर रही है .हमारा मानना है कि ये ध्यान भटकाने की चाल है... इस गैंग ने जानबूझकर हिटलर और नाज़ी विचारधारा के बारे में बयान दिए हैं... ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी मिर्च मसाला लगाकर... भारत विरोधी खबरों को चलाए . भारत के खिलाफ खबरें चलानेवाले विदेशी अखबारों के लिए हिटलर और नाजी जैसे शब्द बहुत आकर्षक हैं... और इसे वो अपनी Headline बनाकर चलाएंगे... ये हमारे देश के नाम पर कीचड़ उछालने की एक और नाकाम कोशिश है .
शायद आपने टुकड़े-टुकड़े गैंग की इन बातों पर ध्यान ना दिया हो . लेकिन विदेश से आए सांसदों ने इन डिजाइनर पत्रकारों को तुरंत पहचान लिया .ये डिजाइनर पत्रकार अपना एजेंडा चलाकर... ऐसी खबरें छापकर देश का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं . शायद इन्हें पत्रकारिता के सिद्धांतों के बारे में जानकारी ना हो... लेकिन इन्हें कम से कम भारतीय सभ्यता और संस्कृति की खबर होनी चाहिए . हमारे देश में अतिथि संस्कार की परंपरा रही है... यहां मेहमान को भगवान के बराबर समझा जाता है. लेकिन जम्मू कश्मीर में Europe से आए अतिथि सांसदों के साथ ऐसा व्यवहार बेहद आपत्तिजनक है.
आज से 72 वर्ष पहले अंग्रेज, भारत छोड़कर चले गए... लेकिन जम्मू कश्मीर के आतंकवादियों और अलगाववादियों ने अंग्रेजों की ''बांटों और राज करो'' की नीति को अब भी अपनाया हुआ है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं... क्योंकि करीब 24 घंटे पहले जम्मू कश्मीर के कुलगाम में 5 गैर कश्मीरी मजदूरों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी .
बताया जा रहा है कि ये हमला आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने किया है . आतंकी हमले में घायल एक मजदूर का अभी इलाज चल रहा है. ये सभी लोग पश्चिम बंगाल के हैं . 5 अगस्त के बाद से घाटी में कश्मीर से बाहर के लोगों पर 7 आतंकी हमले हुए हैं... जिनमें 11 लोगों की जान जा चुकी है . इनमें व्यापारी, मजदूर और ट्रक ड्राइवर शामिल हैं..
. ये वो लोग है जो कश्मीर में आतंकी खतरे के बावजूद... घाटी की उन्नति के लिए देश के दूसरे हिस्सों से आकर काम करते हैं . ताकि कश्मीर में व्यापार की रफ्तार में कोई कमी ना आए . अब आतंकी हमला करके ऐसे लोगों को यहां से बाहर करने की कोशिशें की जा रही है . इसे आप सामान्य घटना मत समझिएगा .
क्योंकि 29 वर्ष पहले भी पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीरी पंडितों के साथ ऐसा ही किया गया था . 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों को बंदूक की नोंक पर धमकाकर... और बड़ी संख्या में उनका नरसंहार करके, वहां से भागने पर मजबूर कर दिया गया था . इस दौरान बड़े पैमाने पर कश्मीर में हिंदू अधिकारियों, बुद्धिजीवियों, कारोबारियों और दूसरे बड़े लोगों की हत्याएं की गईं थी. दुख की बात ये है कि इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद... आज तक बुद्धिजीवी भी इस मुद्दे को नज़रअंदाज़ करते हैं और कश्मीरी पंडितों के हक़ की बात करना डिज़ाइनर पत्रकारों के एजेंडे को भी सूट नहीं करता है.
यानी पहले कश्मीरी पंडितों को डरा धमका कर भगा दिया गया और अब देश के दूसरे इलाकों से आए लोगों को वापस भेजने की साजिश हो रही है. ताकि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी कश्मीर को देश से अलग रखा जा सके . पाकिस्तान के आतंकवादियों ने जानबूझकर यूरोपीय सांसदों की कश्मीर यात्रा के दौरान ये हमला किया . ताकि कश्मीर के मुद्दे को विवादित बनाया जा सके . लेकिन पाकिस्तान के इस आतंकी एजेंडे को यूरोपीय सांसद भी समझ गए .
हमारे देश में टुकड़े-टुकड़े गैंग ...देश के विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ता . आज हम इस गैंग को दिखाना चाहते हैं कि ...कैसे देश के बाहर भी भारत का सम्मान किया जा रहा है. हम आपको दुबई का एक वीडियो दिखाते हैं. जिसमें दुबई पुलिस बैंड ने भारत का राष्ट्रगान बजाया था. ये वीडियो 3 दिन पुराना है, लेकिन इसका संदेश कभी पुराना नहीं हो सकता .