Zee जानकारी : भारत के खिलाफ पश्चिमी मीडिया की दूषित सोच
Advertisement

Zee जानकारी : भारत के खिलाफ पश्चिमी मीडिया की दूषित सोच

Zee जानकारी : भारत के खिलाफ पश्चिमी मीडिया की दूषित सोच

अब हम भारत पर कीचड़ उछालने वाली पश्चिमी मीडिया की दूषित सोच का विश्लेषण करेंगे। ये हमारी मुहिम India Fights Back के तहत सच्चाई को आपके सामने लाने का एक प्रयास है। आपने BBC यानी British Broadcasting Corporation का नाम ज़रुर सुना होगा। ये संस्था खुद को दुनिया की सबसे ईमानदार News Organisation बताती है। लेकिन आज हमारे पास एक ऐसी ख़बर आई है, जो ये बताती है, कि कैसे BBC ने अपनी आंखों पर भारत विरोधी एजेंडे वाला चश्मा लगाया हुआ है। ये ख़बर उन लोगों को ध्यान से देखनी चाहिए, जो विदेशी चैनलों पर आंख और दिमाग बंद करके भरोसा कर लेते हैं।

- भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने BBC की एक Reporting को 'निहायत ग़लत' बताते हुए, उसके Producer और Correspondent को Black List करने का सुझाव दिया है।  दरअसल BBC के South Asia Correspondent, Justin Rowlatt, ने एक Documentary बनाई है।

- इस Documentary का नाम है Our World: Killing for Conservation.. इसे 11 फरवरी को BBC News Channel पर Telecast किया गया था और BBC World News पर इस Documentary का प्रसारण इसी हफ़्ते के अंत में होने वाला है।

- इस Documentary में Kaziranga Tiger Reserve में भारत सरकार की 'अवैध शिकार विरोधी रणनीति' की चर्चा की गई है। BBC की Documentary में ये बताने की कोशिश की गई है, कि किस तरह से अवैध शिकार के नाम पर वहां के लोगों को मारा जा रहा है। 

- Documentary में ये दावा किया गया है, कि वन रक्षकों को 'Shoot And Kill' का अधिकार दिया गया है। जबकि CrPC की धारा 197 (2) के तहत वन विभाग के कर्मचारियों को, मुश्किल परिस्थितियों में ही शिकारियों के ख़िलाफ हथियार का इस्तेमाल करने की इजाज़त है।

- BBC की Documentary में दिखाया गया है, कि शिकारियों द्वारा जितने गैंडों का शिकार हुआ है, उससे ज्यादा आम लोग मारे गए हैं। 

- इस Documentary के मुताबिक पिछले वर्ष यहां 17 गैंडों की जान गई थी और 23 लोगों को मारा गया था। 

- Documentary के बारे में जानकारी देते हुए, अपने Article में Justin Rowlatt ने दावा किया है, कि वर्ष 2014 से अब तक सिर्फ 2 घुसपैठियों पर मुकदमा चलाया गया, जबकि 50 लोगों को गोली मारी जा चुकी है।

- जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 वर्षों में असम के Kaziranga National Park में शिकार करने वाले 226 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। जिनमें से 6 को दोषी पाया गया है।

- इस Documentary के प्रसारण के बाद BBC को National Tiger Conservation Authority की तरफ से एक Notice जारी किया गया है।

- इस Notice के मुताबिक Justin Rowlatt और BBC ने अपनी Documentary को... पर्यावरण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के पास Preview के लिए भेजने से पहले, इसे प्रसारित कर दिया.... जो बिलकुल गलत है। 

- NTCA ने इस Documentary को तत्काल प्रभाव से सभी Online Portals से हटाने का निर्देश भी दिया है। साथ ही ब्रिटेन में Indian High Commission से इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही है।

- NTCA ने दावा किया है, कि BBC ने जब Documentary बनाने की इजाज़त मांगी, तो उस वक्त जो कहानी बताई गई थी, वो Telecast की गई Documentary से बिल्कुल अलग थी।

- मंत्रालय का दावा है, कि इस Documentary की वजह से वन्य जीवन अपराधों, और ख़ासतौर पर अवैध शिकार को प्रोत्साहन मिलेगा।

- BBC ने एक अंग्रेज़ी अखबार को, E-Mail भेजकर दिए गये जवाब में कहा है, कि इस फिल्म में ये दिखाया गया है, कि किस तरह से भारत ने वन्य जीवों को बचाने के लिए सफलता पूर्वक काम किया है। BBC ने अपनी सफाई में ये भी लिखा है, कि इस Documentary में National Park के आस-पास रहने वालों की जिंदगी को दिखाया गया है।

- अब मैं आपको गैंडों को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताना चाहूंगा, जिसका ज़िक्र इस Documentary में नहीं किया गया है।

- भारत सरकार ने Kaziranga Tiger Reserve में गैंडे को बचाने के लिए Rhino Task Force का गठन किया।

- इसके अलावा लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए, Friends for Rhino नामक संगठन बनाया गया, जिसमें गैंडों के संरक्षण के लिए स्थानीय निवासियों की मदद ली जाती है।

- राज्य सरकार की सलाह पर शिकार के मामलों की जांच के लिए CBI की भी मदद ली जाती है।

- इसके अलावा, 24 घंटे निगरानी के लिए Electronic Eye Surveillance System की मदद ली जाती है।

- कुल मिलाकर इस मामले ने एक बार फिर BBC सहित पूरे पश्चिमी मीडिया की दूषित सोच को उजागर किया है.. 

वैसे तथ्यों को घुमा-फिरा कर इस्तेमाल करने में और अपना एजेंडा चलाने में BBC को महारत हासिल है। वो भारत को अपमानित करने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देता। आपको याद होगा कि निर्भया कांड को लेकर BBC ने एक विवादित डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें निर्भया के बलात्कारी का इंटरव्यू शामिल था और इस डॉक्यूमेंट्री में बलात्कारी ये ज्ञान दे रहा था, कि लड़कियों का आचरण क्या होना चाहिए। इस डॉक्यूमेंट्री की काफी आलोचना हुई थी। यहां तक कि BBC की इस Documentary की प्रोड्यूसर Leslee Udwin ने अपने एक इंटरव्यू में भारतीय समाज को बीमार समाज भी कह दिया था..

इतना ही नहीं, BBC ने भारत को Country Of Snake Charmers यानी संपेरों का देश कहकर भी अपमानित करने की कोशिश की थी। BBC ने एक Documentary बनाई और उसे Youtube पर Upload कर दिया गया। इस वीडियो का शीर्षक दिया गया.... What happened to India's snake charmers? यानी भारत के संपेरों का हुआ क्या?

लेकिन यहां हम स्पष्ट रूप से पश्चिमी मीडिया को ये कहना चाहते हैं, कि बीमार हमारा समाज नहीं, बल्कि उनकी सोच है। इसलिए हमने आज इस मुद्दे को आपके सामने रखा। यहां मैं पश्चिमी मीडिया के पाखंड से जुड़ी कुछ और बातें याद दिलाना चाहता हूं। अभी आप जो कार्टून देख रहे हैं, वो वर्ष 2014 का है। जिसमें भारत के मंगलयान मिशन की क़ामयाबी का मज़ाक उड़ाया गया था। 

न्यूयॉर्क टाइम्स के कार्टून में दिखाया गया था, कि एक किसान, बैल को लेकर मंगल ग्रह पर पहुंचकर दरवाज़ा खटखटा रहा है और अंदर तीन-चार विकसित, पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक बैठे हुए हैं और लिखा हुआ है Elite Space Club....उस वक्त इस कार्टून पर न्यूयॉर्क टाइम्स को काफ़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। कई लोगों ने इसे भारत जैसे विकासशील देशों के प्रति घटिया किस्म का पूर्वाग्रह बताया था। हालांकि, बाद में न्यूयॉर्क टाइम्स को इस कार्टून के लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी। 

आज इसी अखबार को भारत की क़ामयाबी का गुणगान करना पड़ रहा है। ISRO ने कल एक साथ 104 Satellites Launch करके जिस ऊंचाई को हासिल किया है, उसके बाद मजबूरी में ही सही, लेकिन The New York Times को ये लिखना पड़ा है, India launches 104 satellites from a single rocket, ramping up the space race...यानी आप कह सकते हैं, कि भारत ने अपना बदला ले लिया है।

वैसे ये वही New York Times है, जिसने लता मंगेशकर का जिक्र करते हुए, उन्हें So Called PlayBack Singer यानी तथाकथित PlayBack Singer कह दिया था। अखबार का खबर लिखने का अंदाज़ ऐसा था..जैसे भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से सम्मानित लता मंगेशकर को कोई नहीं जानता और वो कोई छोटी मोटी गायिका हैं..

दुनिया में भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाने वालों की कमी नहीं है..ऐसे लोग सिर्फ अपनी सुविधा से अपना एजेंडा चलाते हैं...लेकिन ज़ी न्यूज़ हमेशा से...भारत के ख़िलाफ ज़हर उगलने वाले पश्चिमी मीडिया को शालीनता से जवाब देता आया है...और आज भी हमने ऐसा ही किया। ये बात स्पष्ट हो चुकी है, कि भारत के प्रगतिशील आंकड़े BBC सहित तमाम पश्चिमी मीडिया Houses को पसंद नहीं आ रहे हैं....हमें लगता है कि दुर्भावना से भरी इस सोच का करारा जवाब देना आज बहुत ज़रूरी था।

Trending news