ज़ी जानकारी: क्या है भारत-चीन के बीच 'पंचशील सिद्धांत'
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ज़ी जानकारी: क्या है भारत-चीन के बीच 'पंचशील सिद्धांत'

ज़ी जानकारी: क्या है भारत-चीन के बीच 'पंचशील सिद्धांत'

द्विपक्षीय बातचीत के दौरान, चीन ने कहा, कि वो भारत के साथ 'पंचशील सिद्धांतों' पर काम करने के लिए तैयार है. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व यानी Peaceful Co-Existence के 5 सिद्धांतों को पंचशील कहा जाता है.
दोनों देशों के बीच रिश्तों की बुनियाद इन्हीं 5 सिद्धांतों पर टिकी हुई है. 29 अप्रैल 1954 को पहली बार इन 5 सिद्धांतों की बुनियाद पर भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ था. इन 5 सिद्धांतों में सबसे पहला है, एक-दूसरे की सीमाओं और संप्रभुता का सम्मान करना. लेकिन आज के हालात में ये एक मज़ाक जैसा लगता है. दूसरे देश के अंदरूनी मसलों में दखल न देना.

एक-दूसरे पर हमला ना करना. आपसी सहयोग और एक-दूसरे के हितों को बढ़ावा देना. और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति पर अमल करना चीन इस बार BRICS Plus बनाने की फिराक में था. थाईलैंड, Egypt, तजिकिस्तान, Mexico और गिनिया... 5 महत्वपूर्ण देश हैं. ये देश चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट...One Belt...One Road में अहम भूमिका निभा सकते हैं. चीन अपने इस प्रोजेक्ट में कई देशों को शामिल करके एक Transport Network बनाना चाहता है. हालांकि, चीन को अपनी इस योजना से फिलहाल पीछे हटना पड़ा.इसके अलावा चीन के विदेश मंत्री ने ये संकेत भी दिया, कि चीन BRICS में सदस्य देशों के अलावा किसी और को शामिल करने पर विचार नहीं कर रहा है.

चीन ये नहीं चाहता था कि इस बार के BRICS Summit में भारत, पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाए. लेकिन ये भारत के दबाव का ही असर था...कि BRICS के Joint Declaration में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा सहित कई आतंकवादी संगठनों का नाम लिया गया. और इन संगठनों में से ज़्यादातर पाकिस्तान में रहकर Operate करते हैं. और अब चीन को एक बार फिर से पंचशील सिद्धांतों की याद आई है. 

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