ऐसे में आज जब देश के कुछ नेता कश्मीर को लेकर देशविरोधी बयान देते हैं. उन्हें कश्मीर के इतिहास को एक बार फिर से पढ़ना चाहिए.
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ऐसे में आज जब देश के कुछ नेता कश्मीर को लेकर देशविरोधी बयान देते हैं. उन्हें कश्मीर के इतिहास को एक बार फिर से पढ़ना चाहिए. क्योंकि उनके राजनीतिक पूर्वजों ने सालों तक कश्मीर समस्या पर कोई फैसला नहीं लिया . इसलिए आज कश्मीर पर इतिहास के कुछ पन्नों को पलटने की आवश्यकता है. देश में 565 से ज़्यादा राजा-रजवाड़े और रियासतें थीं. अंग्रेज़ों ने इन सभी को ये छूट दी थी कि वो भारत या पाकिस्तान में से किसी एक देश को चुन सकते हैं. उस वक्त कश्मीर रियासत के राजा हरि सिंह थे. वो एक मुस्लिम बहुल राज्य के राजा थे.
आज़ादी से पहले वर्ष 1941 के आंकड़ों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर में मुसलमानों की आबादी 72.4 प्रतिशत थी जबकि हिंदुओं की आबादी 25 प्रतिशत थी. कश्मीर की रियासत, भारत और पाकिस्तान के बीच में थी . एक तरफ कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले और कब्ज़े का भय था और दूसरी तरफ महाराजा हरि सिंह की महात्वाकांक्षा थी.
राजा हरि सिंह, कश्मीर को Switzerland जैसा एक अलग देश बनाने का ख्वाब देख रहे थे .लेकिन अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान की मदद से काबायलियों ने कश्मीर पर हमला बोल दिया. महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद की अपील की. भारत सरकार ने विलय की शर्त रखी. अक्टूबर 1947 में महाराजा हरि सिंह ने इस शर्त को मान लिया और विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए.
जिसके बाद भारतीय सेना ने कश्मीर में दाखिल हुई. भारतीय सेना ने कबायलियों और पाकिस्तानी सेना को काफी पीछे तक खदेड़ दिया. लेकिन इस बीच युद्ध विराम हो गया. और कुछ कश्मीर के कुछ हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा हो गया. उस हिस्से को हम PoK कहते हैं. और इस वक्त कश्मीर से ही एक बड़ी खबर आ रही है.
कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने 5 गैर कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी है. ये आतंकवादी हमला अब से थोड़ी देर पहले हुआ है. इस हमले में एक मजदूर गंभीर रूप से घायल है. कल रात कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों ने एक ट्रक ड्राइवर की हत्या की थी. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही आतंकवादी बौखलाए हुए हैं.
और निर्दोष लोगों को...खासकर गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बना रहे हैं. पिछले 20 दिन में आतंकवादियों ने 11 गैर कश्मीरी लोगों की हत्या की है. हमारे देश में राष्ट्रवाद पर सवाल खड़े किए जाते हैं. देश में ऐसी राजनीति की जा रही है जो देश की अखंडता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक है .
इसलिए आज हम आपके लिए चीन की नैतिक guidelines का विश्लेषण करेंगे. चीन की सरकार ने अपने ऩागरिकों के लिए नैतिक GuideLines जारी की है. जिसके मुताबिक नागरिकों को भोजन और.यात्रा के वक्त सभ्य व्यवहार करना चाहिए . चीन के नागरिकों को विदेश में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान ऐसा व्यवहार करना चाहिए.
जिससे चीन की छवि खराब ना हो. इस GuideLines के मुताबिक चीन के नागरिकों को कम्यनिस्ट पार्टी और देश के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए. चीन सरकार ने अपने नागरिकों से ध्वजा रोहण, राष्ट्र गान के वक्त पूरा समर्पण दिखाने को कहा है. इस GuideLines का पालन चीन के हर माता-पिता को करना होगा. ताकि अच्छे नागरिकों का निर्माण हो सके.