ज़ी जानकारी: खतरनाक घोषित इमारतों के हादसे का ज़िम्मेदार कौन?
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ज़ी जानकारी: खतरनाक घोषित इमारतों के हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

ज़ी जानकारी: खतरनाक घोषित इमारतों के हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

मुंबई में 2011 से लेकर अब तक हुए 9 बड़े हादसों में 222 लोगों की मौत हो चुकी है मुंबई की महानगर-पालिका BMC ने पूरे शहर में 632 ख़तरनाक इमारतों की पहचान की है. जिनमें से 486 इमारतें प्राइवेट हैं यही नहीं राज्य सरकार की भी 49 इमारतें खतरनाक घोषित की गई हैं और BMC ने इन इमारतों को खाली करने का नोटिस भी भेजा हुआ है. लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

जैसे ही सरकार को ये पता चलता है कि कोई इमारत रहने के लिए ख़तरनाक है तो वो सबसे पहले नोटिस जारी करती है और उस इमारत में रहने वाले लोगों को Building खाली करने के लिए कहती है. कायदे से जो लोग पुरानी इमारत को छोड़कर आते हैं, उन्हें बसाने की ज़िम्मेदारी भी सरकार की होती है.सरकार इन लोगों की पुरानी इमारत को तोड़कर नये सिरे से बनाती है या फिर उस इमारत को Repair करती है और जब तक नई इमारत नहीं बन जाती तब तक इन लोगों की देखभाल की ज़िम्मेदारी सरकार की होती है.

ऐसे लोगों को सरकार Transit Camps में रखती है. लेकिन ऐसे Campus में कोई सुविधाएं नहीं होती हैं. और नई इमारत भी सरकारी रफ़्तार से ही बनती है. मुंबई में बहुत से ऐसे उदाहरण मौजूद हैं, जब लोग अपनी पुरानी इमारतों को छोड़कर सरकार के Transit Camps में चले आए, लेकिन उनकी इमारतें 20 वर्षों तक भी नहीं बनी.

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