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ZEE Jankari: मलेश‍िया में जिंदगी और मौत का Online Poll, लेकिन क्‍यों

क्या आपने किसी ऐसे Online Poll के बारे में सुना है, जिसमें कोई इंसान लोगों से ये सवाल पूछे कि उसे ज़िंदा रहना चाहिए या मर जाना चाहिए? सुनने में ये एक मज़ाक लगता है लेकिन ये सवाल एक ऑनलाइन सर्वे में पूछा गया और इस पर प्रतिक्रिया देने वाले लोगों ने ये कह दिया कि सवाल पूछने वाले को मर जाना चाहिए.

ZEE Jankari: मलेश‍िया में जिंदगी और मौत का Online Poll, लेकिन क्‍यों

अब विश्लेषण की दिशा एक ऐसी ख़बर की तरफ मोड़ते हैं, जिससे आपका और आपके परिवार का बहुत गहरा नाता है. आपने अलग-अलग Social Media Platforms पर Online Survey या Online Poll के बारे में सुना होगा. हो सकता है, आपने कई बार ऐसे Surveys या Polls में हिस्सा भी लिया हो. और अपना वोट दिया हो. लेकिन क्या आपने किसी ऐसे Online Poll के बारे में सुना है, जिसमें कोई इंसान लोगों से ये सवाल पूछे कि उसे ज़िंदा रहना चाहिए या मर जाना चाहिए? सुनने में ये एक मज़ाक लगता है लेकिन ये सवाल एक ऑनलाइन सर्वे में पूछा गया और इस पर प्रतिक्रिया देने वाले लोगों ने ये कह दिया कि सवाल पूछने वाले को मर जाना चाहिए. और इसके बाद सवाल पूछने वाली लड़की ने आत्महत्या कर ली.

सोशल मीडिया के इस युग में लोगों की संवेदनशीलता पर सवाल उठाने वाली ये ख़बर मलेशिया से आई है और लोग ये ख़बर सुनकर हैरान हैं. मलेशिया में 16 साल की एक लड़की ने Social Media पर लोगों से राय लेने के बाद खुदकुशी कर ली. उसने 13 मई को दोपहर 3 बजे अपने Instagram Account पर लोगों से पूछा था, कि वो जीवित रहे या नहीं?

उसने अपने पोस्ट में कहा था कि ये सवाल उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और लोगों से आग्रह किया था, वो D और L में से एक विकल्प चुनें. यहां 'D' का मतलब है 'Death' और 'L' का मतलब है 'Life'

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इस Poll में हिस्सा लेने वाले करीब 69% लोगों ने इस लड़की के मरने के फैसले का समर्थन किया. जबकि 31 फीसदी लोगों ने उसे जीवित रहने की सलाह दी थी. इसके बाद इस लड़की ने एक इमारत की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. ऐसा माना जा रहा है कि इस लड़की ने पारिवारिक तनाव की वजह से आत्महत्या करने का फैसला लिया और इसके बाद Online Poll के ज़रिए लोगों की राय पूछी.

आप इस ख़बर को मलेशिया की ख़बर मत समझिए, क्योंकि, इसका रिश्ता सीधे आपसे है. हाल-फिलहाल में ऐसी कई Studies आई हैं, जिनमें Social Media के इस्तेमाल को मानसिक बीमारियों का कारण बताया गया है. ब्रिटेन की Royal Society for Public Health ने Social media के दुष्प्रभावों पर एक स्टडी की थी, जिसमें पाया गया, कि Social media एक ख़तरनाक लत है, जो सिगरेट और शराब से भी ज़्यादा हानिकारक है.

पिछले 26 वर्षों में युवाओं में anxiety and depression के मामलों में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इनमें से ज़्यादातर मामलों में Social media की बहुत बड़ी भूमिका है. Mobile Phone और इंटरनेट आपकी और हमारी जिंदगी को आसान बनाने के लिए हैं, लेकिन अगर ये सुविधा.. रिश्तों को ख़त्म करने का कारण बन जाए, जीवन का अंत करने की वजह बन जाए, तो फिर ये अच्छा संकेत नहीं हैं. दुख की बात ये है कि दुनिया के ज़्यादातर देश इस समस्या से परेशान तो हैं, लेकिन वो इसे दूर नहीं कर पा रहे हैं.

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