Zee जानकारी : जेएनयू विवाद में ज़ी न्यूज की खबर को क्लीनचिट
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Zee जानकारी : जेएनयू विवाद में ज़ी न्यूज की खबर को क्लीनचिट

Zee जानकारी : जेएनयू विवाद में ज़ी न्यूज की खबर को क्लीनचिट

कहते हैं कि झूठ की बंदूक से सच का एनकाउंटर नहीं किया जा सकता। सच की रफ्तार थोड़ी धीमी तो होती है, लेकिन वो पराजित नहीं हो सकता। और आज ये बात पांच महीने पहले JNU में देश विरोधी नारे लगाने वाले अफ़ज़ल प्रेमी गैंग को और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अच्छी तरह से समझ में आ गई होगी। क्योंकि JNU देशद्रोह मामले में एक Status रिपोर्ट दाखिल हुई है और ये रिपोर्ट ज़ी न्यूज़ की सच्ची रिपोर्टिंग के पक्ष में है।

आपको याद होगा कि JNU कांड को लेकर ज़ी न्यूज़ के खिलाफ एक झूठा प्रचार किया गया था और अफज़ल प्रेमी गैंग ने हर तरफ ये झूठ फैलाया था कि ज़ी न्यूज़ ने JNU की जो तस्वीरें दिखाईं वो Doctored और tampered थीं। यानी उनसे छेड़छाड़ की गई थी। लेकिन ये तमाम आरोप झूठे निकले और अंत में सच की जीत हुई।

- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में.. JNU देशद्रोह मामले पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 12 जुलाई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। 

- इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा हुआ है कि ज़ी न्यूज़ की FOOTAGE कहीं से भी Doctored या tampered नहीं थी। 

- इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि ज़ी न्यूज़ से लिए गये कैमरे और P2 CARD यानी मेमोरी कार्ड और उसमें रिकॉर्ड हुई FOOTAGE की जांच CBI की फॉरेंसिक लैब CFSL से करवाई गई है। और उस जांच में ज़ी न्यूज़ की FOOTAGE पूरी तरह से सही पाई गई है। 

- आपको याद दिला दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में ज़ी न्यूज़ सहित तीन न्यूज़ चैनल्स के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन दिल्ली सरकार का सारा ज़ोर ज़ी न्यूज़ पर ही था दिल्ली सरकार ने अपनी शिकायत में जो आरोप लगाए थे.. उनपर ध्यान देना भी ज़रूरी है। 

- दिल्ली सरकार ने ज़ी न्यूज़ की फुटेज के लिए Doctored, Altered, forged और fabricated जैसे शब्दों का उपयोग किया था।

- दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था कि ज़ी न्यूज़ ने JNU के Students और JNU संस्थान को नुकसान पहुंचाया और सांप्रदायिक सौहार्द और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।

- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की स्टेटस रिपोर्ट ने अफज़ल प्रेमी गैंग और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को करारा जवाब दिया है। 

- 13 फरवरी को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जेएनयू में लगे देशद्रोही नारों के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत जेएनयू से जुड़े 7 Videos को You Tube और इंटरनेट से उठाकर उनकी सत्यता की जांच के लिए हैदराबाद की Truth Labs में भेजा गया था।

- इस रिपोर्ट के दो हिस्से हैं...जिनमें से एक हिस्से में 5 Videos का ज़िक्र किया गया है...और दूसरे में दो Videos का ज़िक्र है।
 
- रिपोर्ट के पहले हिस्से में जिन पांच Videos का ज़िक्र है उनमें से एक Q4 नाम का वीडियो था...यहां हम आपको बता दें कि इस वीडियो में ज़ी न्यूज़ की फुटेज के ऊपर कमेंट्री की जा रही थी और इस फुटेज का इस्तेमाल ज़ी न्यूज़ की अनुमति लिए बिना किया गया।

- इसके बाद ये वीडियो You Tube पर अपलोड कर दिया गया...और फिर हैदराबाद की Truth Labs में जांच के लिए भेज दिया गया...हालांकि जब Truth Labs ने इस वीडियो में इस्तेमाल हुई ज़ी न्यूज़ की फुटेज की जांच की...तो वो 100 फीसदी शुद्ध पाई गई। 

- उस दौरान कैसे केजरीवाल सरकार की नीयत खोट आ गया था। JNU देशद्रोह के मामले में दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से मजिस्ट्रेट जांच करवाई। और उस रिपोर्ट में ये लिखा गया कि दिल्ली सरकार को ज़ी न्यूज़ की तरफ से इस घटना की FOOTAGE उपलब्ध नहीं कराई गई। 

- लेकिन ज़ी न्यूज़ को लेकर इस रिपोर्ट में जो बातें लिखी गईं वो पूरी तरह से आधारहीन हैं...इस मामले में दिल्ली सरकार ने 13 फरवरी को जांच के आदेश दिए थे...15 फरवरी को ये आदेश डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट संजय कुमार के पास पहुंचा...लेकिन district magistrate संजय कुमार ने Zee news से footage मांगने के लिए जो चिठ्ठी भेजी वो 1 मार्च 2016 को भेजी गई..यानी जांच के आदेश मिलने के 14 दिन बाद।

- हैरानी की बात ये है कि 1 मार्च को ज़ी न्यूज़ से फुटेज मांगने वाले district magistrate संजय कुमार ने अगले ही दिन यानी 2 मार्च को अपनी रिपोर्ट Submit भी कर दी....यानी संजय कुमार ने पहले से ही मन बना लिया था कि उन्हें अपनी रिपोर्ट में ज़ी न्यूज़ के बारे में क्या लिखना है।

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