Zee News के जज्बे को जनता ने सराहा, #TrustYourVaccine बना नंबर-1 ट्विटर ट्रेंड
देश में दो कोरोना वैक्सीन की मंजूरी के साथ जहां भारत एक तरफ कोरोना को हराने के मुहाने पर खड़ा है, वहीं कुछ लोग वैक्सीन को लेकर तमाम किस्म की अफवाहें फैला रहे हैं. इन वैक्सीन से जुड़े साइड इफेक्ट की बात की जा रही है. इस मुहिम में कुछ राजनेता भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: देश में दो कोरोना वैक्सीन की मंजूरी के साथ जहां भारत एक तरफ कोरोना को हराने के मुहाने पर खड़ा है, वहीं कुछ लोग वैक्सीन को लेकर तमाम किस्म की अफवाहें फैला रहे हैं. इन वैक्सीन से जुड़े साइड इफेक्ट की बात की जा रही है. इस मुहिम में कुछ राजनेता भी शामिल हैं. लिहाजा कोरोना के खिलाफ भारत की जंग कमजोर ना पड़े इसलिए Zee News की दिल्ली ब्यूरो चीफ पूजा मक्कड़ ने बेहद साहसिक फैसला लेते हुए स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन को खुद पर आजमाने का फैसला किया. इस कड़ी में उन्होंने कोवैक्सीन को एम्स में लगवाया. उनके इस फैसले को जनता ने बेहद सराहा. इस बानगी इस बात से समझी जा सकती है कि जब Zee News के फ्लैगशिप प्रोग्राम में एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने इस खबर को जनता के साथ साझा किया तो Zee News का #TrustYourVaccine शाम को कुछ ही पलों के भीतर ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करने लगा.
इसके साथ ही Zee News की रिपोर्टर पूजा मक्कड़ भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाली पहली महिला पत्रकार (First female journalist to get Corona vaccine) बन गई हैं. हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. जिसके बाद उन्हें भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) की डोज दी गई है.
इस संबंध में पूजा मक्कड़ ने कहा कि सबसे बड़ी रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और देश के सबसे विश्वसनीय अस्पताल एम्स (AIIMS) का नाम जिस वैक्सीन (Corona Vaccine) की रिसर्च के साथ जुड़ा हो, उस पर भरोसा न करने की वजह हो ही नहीं सकती. इसीलिए भारत बायोटेक, आईसीएमआर और एनआईवी (National Institute of Virology) की पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन के तीसरे ट्रायल में मैंने वॉलंटियर बनने का फैसला किया.
ये फैसला करने की तीन बड़ी वजहें थीं...
1. देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर पूरा भरोसा.
2. अफवाहों पर लगाम लगाने का सबसे सही तरीका यही था कि खुद पर वैक्सीन आजमाई जाए.
3. साल भर से कोरोना वायरस और वैक्सीन पर रिपोर्टिंग करते-करते कोवैक्सीन पर शक की कोई गुंजाइश बाकी नहीं थी.