DNA: करीब 70 प्रतिशत लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस? क्या I.N.D.I.A. को मिल गया सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
DNA on Congress Strategy on Lok Sabha Elections 2024: सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने आने वाले लोकसभा चुनाव में 70 प्रतिशत सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. क्या इस पर गठबंधन सहमत हो पाएगा.
Zee News DNA on Congress Strategy on Lok Sabha Elections 2024: करीब 5 महीने पहले मौजूदा सत्ताधारी पार्टी से चुनावी जंग के लिए विपक्षी पार्टियों ने एक खास गठबंधन तैयार किया था. इसका नाम है I.N.D.I.A. जिसका Full Form है Indian National Developmental Inclusive Alliance. इस INDI गठबंधन का एकमात्र मकसद, सत्ताधारी बीजेपी सरकार के खिलाफ, एकजुट होकर चुनाव लड़ना. 26 राजनीतिक पार्टियों वाले इस गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती ये है, कि कौन सी पार्टी का कौन सा उम्मीदवार, किस सीट से चुनाव लड़ेगा.
गठबंधन में करीब 26 पार्टियों के बीच सहमति के बाद ही सीटों का बंटवारा हो सकता, उसके बाद चुनाव लड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी. बहुत हद तक मुमकिन है कि लोकसभा चुनाव का नोटिफिकेशन मार्च-अप्रैल में आ जाए और मई तक सभी पार्टियों को जनादेश मिल जाए. लेकिन सीटों का बंटवारा एक ऐसी चुनौती है, जो INDI गठबंधन की सबसे बड़ी मुश्किल है. हर पार्टी अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती है. हर पार्टी का मुखिया, कहीं ना कहीं खुद में देश का अगला प्रधानमंत्री देख रहा है.
अब आप कांग्रेस पार्टी को ही देख लीजिए. कांग्रेस पार्टी, इस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में जो हालत कांग्रेस पार्टी की हुई, उससे कोई भी अंजान नहीं है. वर्ष 2024 के आने वाले लोकसभा चुनाव में INDI गठबंधन के साथ कांग्रेस, मैदान में उतरने की योजना बना रही है. लेकिन हर बार की तरह वो देश की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहती है.
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अभी 29-30 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी की National Alliance कमेटी की बैठक हुई थी.
इसमें तय ये हुआ कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 290 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और वो 85 सीटें INDI गठबंधन से भी मांगेगी. यानी कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में कुल 375 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
इतनी सीटों पर लड़ने की चाहत
लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 375 यानी करीब 70 प्रतिशत सीटों पर कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ना चाहती हैं और INDI गठबंधन की बाकी बची हुईं 26 पार्टियों को वो केवल 168 सीटें देना चाहती है.
यकीनन ये बात INDI गठबंधन की अन्य पार्टियों को रास नहीं आने वाली है. सीट शेयरिंग को लेकर INDI गठबंधन के बीच अभी कोई फॉर्मूला निकलकर सामने नहीं आया है. लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस ने अपनी स्थिति साफ कर दी है. इस बार कांग्रेस की योजना आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, और राजस्थान में अकेले दम पर चुनाव लड़ने की है.
कांग्रेस INDI गठबंधन से जो सीटें मांगने की योजना बना रही है, उसमें बिहार की 9, दिल्ली की 5, पंजाब की 8, तमिलनाडु की 10, यूपी की 10, पश्चिम बंगाल की 5, जम्मू कश्मीर की 3 और महाराष्ट्र की 26 सीटें होंगी, इस तरह से वो कुल 85 सीटें INDI गठबंधन से मांगेगी.
अगर देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी ने पिछले दो चुनावों के मुकाबले इस बार कम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बारे में सोचा है.
2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने 375 उम्मीदवार उतारना चाहती हैं. वर्ष 2019 में कांग्रेस पार्टी ने 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें 52 सीटों पर उसे जीत मिली थी और 148 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.
इसी तरह से 2014 चुनाव में कांग्रेस ने अपने 464 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिसमें केवल 44 उम्मीदवार जीते थे और 178 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.
यानी देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी ने 2014 से लेकर 2024 के बीच लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने की संख्या को धीरे धीरे कम किया है. हालांकि इसकी एक वजह चुनावों में मिली हार भी है. लेकिन 2024 के चुनाव में जितनी सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है. उसको लेकर गठबंधन दल राज़ी होंगे या नहीं, ये देखने वाली बात है.
कांग्रेस पार्टी जिस तरह से अपने लिए मजबूती से सीटे मांग रही है. उसे देखकर INDI गठबंधन के अन्य दल, जो अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं, और अन्य राज्यों में भी पैठ बढ़ाना चाहते हैं, वो निराश होंगे. एक राष्ट्रीय पार्टी जिसका जनाधार पिछले दो चुनावों से गिर रहा हो, वो सीटों के बंटवारे में ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती हैं, ये गठबंधन के लिए विवाद का विषय बन सकता है. INDI गठबंधन से कांग्रेस पार्टी 85 सीटें चाहती है. हम आपको उन सीटों का चुनावी इतिहास बताते हैं.
कांग्रेस की क्या थी स्थिति
हम आपको ये बताने वाले हैं कि जिन राज्यों की सीटें कांग्रेस, INDI गठबंधन से मांग रही है, वहां पर पिछले दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति क्या थी.
- कांग्रेस पार्टी बिहार से 9 सीटें चाहती है. जबकि 2019 के चुनाव में कांग्रेस को बिहार में मात्र 1 सीट और 2014 के चुनाव में केवल 2 सीटें मिली थीं.
- इसी तरह से कांग्रेस ने दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 5 सीटें मांगी हैं. लेकिन पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने दिल्ली की एक भी सीट नहीं जीती है.
- कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से 8 सीटें मांगी हैं, जबकि 2019 में कांग्रेस ने 8 और 2014 में 3 सीटें ही जीती थीं.
- इस तरह से कांग्रेस ने तमिलनाडु की 10 सीटें मांगी हैं. 2019 में कांग्रेस ने यहां की 8 और 2014 के चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती थी.
- कांग्रेस ने यूपी में 10 सीटें मांगी हैं. जबकि कांग्रेस को 2019 में 1 और 2014 में 2 सीटें ही मिली थीं.
- कांग्रेस इस बार पश्चिम बंगाल की 5 सीटें मांग रही है. लेकिन 2019 में यहां पर कांग्रेस ने 2 और 2014 में 4 सीटें ही जीती थीं.
- कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर में 3 सीटें चाहती है, जबकि पिछले दोनों चुनावों में उसने एक भी सीट नहीं जीती थी.
- महाराष्ट्र से कांग्रेस को 26 सीटें चाहिए. जबकि 2019 के चुनाव में उसे 1 और 2014 में 2 सीटें ही मिली थीं.
यानी देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी ने जिन राज्यों में INDI गठबंधन से सीटें मांगने की योजना बनाई हैं, वहां पर भी वो ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती है. जबकि पिछले दोनों चुनावों में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है. ऐसे में वो राजनीतिक पार्टियां जो इन राज्यों से जुड़ी हैं, और अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती हैं, इनके लिए कांग्रेस की मांगें मानना, मुश्किल है.